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मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर क्यूक वाटरिंग सिस्टम चालू, ट्रेनों के कोच में अब नहीं होगी पानी की कमी

मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन (Muzaffarpur Railway Station) पर ट्रेनों के कोचों में पानी भरने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम चालू हो गया है. इससे 24 डिब्बों वाली एक ट्रेन में 10 मिनट में पानी भर जाएगा.

ट्रेनों के कोच में अब नहीं होगी पानी की कमी
ट्रेनों के कोच में अब नहीं होगी पानी की कमी
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Published : Dec 18, 2021, 8:46 PM IST

पटनाः पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर रहता है. अब मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों के कोचों में पानी भरने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम (Quick Watering System At Muzaffarpur Railway Station) चालू कर दिया गया है. इस सिस्टम से 24 कोच वाली ट्रेन में पूरी तरह से पानी भरने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगेगा.

ये भी पढ़ेंः ठंड और कोहरे के कारण पटना जंक्शन से गुजरने वाली इन ट्रेनों को किया गया कैंसल

मुजफ्फरपुर स्टेशन पर भी अब ट्रेन के कोचों में पानी भरने के लिए त्वरित जल प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. डिब्बों में पानी की जरुरत यात्री आवश्यकताओं में से एक है. बावजूद इसके कोचों में पानी नहीं होने की शिकायतें समय-समय पर आती रहती हैं. वजह ये है कि डिब्बों की टंकी में धीमी गति से पानी भरता है. जिसका मुख्य कारण पानी के पाइपों से पानी का धीमा प्रवाह होता है. मुजफ्फरपुर में क्विक वाटरिंग सिस्टम चालू होने से ये परेशानी अब दूर हो जाएगी.

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर 8 प्लेटफॉर्म में से 5 हाइड्रेंट लाइनों से लैस है. जहां लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनों में 5 से 10 मिनट का ठहराव होता है. ऐसे में सभी कोचों में पानी स्टॉपेज समय के भीतर भरना बहुत मुश्किल है. त्वरित जल प्रणाली 24 डिब्बों वाली एक ट्रेन को पूरी तरह खाली होने पर 10 मिनट में पानी भरने में सक्षम होगी.

त्वरित जल प्रणाली में 4 सेंट्रीफ्यूगल पंपों के 2 सेट होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में 3 पंप चालू रहते हैं जबकि एक पंप को स्टैंडबाय के रूप में रखा जाता है. प्रत्येक पंप की क्षमता 35 मीटर हेड के साथ 200m3/hr की है. मोटर कपल 40hp, 415 V AC है, जो 1450 rpm पर चलता है.

ये भी पढ़ेंः इस साल पूर्व मध्य रेलवे की बंपर कमाई, आय में 49 प्रतिशत की वृद्धि

यह जल प्रवाह को स्वचालित रूप से नियंत्रित करने के लिए एससीएडीए (SCADA) का उपयोग किया जाता है. इसमें एसएमएस द्वारा निगरानी की भी सुविधा है. इसे एससीएडीए के साथ दूर से भी संचालित किया जा सकता है. ये प्रणाली पानी की खपत को रिकॉर्ड करने में मदद करती है और हाइड्रेंट या रिसाव के किसी भी अनधिकृत उपयोग की पहचान करने में भी मदद करती है.

इस प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बरबादी पर नियंत्रण किया जा सकेगा, बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा सकेगा. इस तरह पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है.

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पटनाः पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर रहता है. अब मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों के कोचों में पानी भरने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम (Quick Watering System At Muzaffarpur Railway Station) चालू कर दिया गया है. इस सिस्टम से 24 कोच वाली ट्रेन में पूरी तरह से पानी भरने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगेगा.

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मुजफ्फरपुर स्टेशन पर भी अब ट्रेन के कोचों में पानी भरने के लिए त्वरित जल प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. डिब्बों में पानी की जरुरत यात्री आवश्यकताओं में से एक है. बावजूद इसके कोचों में पानी नहीं होने की शिकायतें समय-समय पर आती रहती हैं. वजह ये है कि डिब्बों की टंकी में धीमी गति से पानी भरता है. जिसका मुख्य कारण पानी के पाइपों से पानी का धीमा प्रवाह होता है. मुजफ्फरपुर में क्विक वाटरिंग सिस्टम चालू होने से ये परेशानी अब दूर हो जाएगी.

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर 8 प्लेटफॉर्म में से 5 हाइड्रेंट लाइनों से लैस है. जहां लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनों में 5 से 10 मिनट का ठहराव होता है. ऐसे में सभी कोचों में पानी स्टॉपेज समय के भीतर भरना बहुत मुश्किल है. त्वरित जल प्रणाली 24 डिब्बों वाली एक ट्रेन को पूरी तरह खाली होने पर 10 मिनट में पानी भरने में सक्षम होगी.

त्वरित जल प्रणाली में 4 सेंट्रीफ्यूगल पंपों के 2 सेट होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में 3 पंप चालू रहते हैं जबकि एक पंप को स्टैंडबाय के रूप में रखा जाता है. प्रत्येक पंप की क्षमता 35 मीटर हेड के साथ 200m3/hr की है. मोटर कपल 40hp, 415 V AC है, जो 1450 rpm पर चलता है.

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यह जल प्रवाह को स्वचालित रूप से नियंत्रित करने के लिए एससीएडीए (SCADA) का उपयोग किया जाता है. इसमें एसएमएस द्वारा निगरानी की भी सुविधा है. इसे एससीएडीए के साथ दूर से भी संचालित किया जा सकता है. ये प्रणाली पानी की खपत को रिकॉर्ड करने में मदद करती है और हाइड्रेंट या रिसाव के किसी भी अनधिकृत उपयोग की पहचान करने में भी मदद करती है.

इस प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बरबादी पर नियंत्रण किया जा सकेगा, बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा सकेगा. इस तरह पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है.

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