पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया है. जिसके बाद जदयू पार्टी में कुछ ऐसे भी नेता है जो भाजपा से सहानुभूति रखते हैं. उसके साथ ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का विरोध करने वाले नेताओं का राजनीतिक भविष्य अधर में दिख रहा है.
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लालू विरोधी नेताओं के लिए खतरा मंडराया: बताया जाता है कि राज्य में सरकार का स्वरूप बदल गया है. बीजेपी से काफी दिनों से नाराज चल रहे सीएम सह जदयू नेता नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बन गये. इसी बीच खबरें यह भी आ रही है कि कुछ ऐसे जदयू नेता भी है, जो कहीं न कहीं राजद के विरोध और भाजपा से सहानुभूति रखते हैं. कहा यह भी जाता है कि वैसे नेताओं की जीत-हार भी भाजपा के वोट बैंक से सुनिश्चित होती है. पार्टी के बीच यह भी बातें निकल रही है कि वैसे नेताओं को जदयू पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है.
मिली जानकारी के मुताबिक उन नेताओं की उल्टी गिनती शुरु हो गई है. इनमें सबसे पहले आरसीपी सिंह (Former Union Minister Rcp Singh) को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. अगली बारी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री संजय झा (Former Minister Sanjay Jha) का नाम भी शामिल है. दोनों नेताओं को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Jdu President Lalan Singh) ने अपनी राय व्यक्त कर दी है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह को लेकर जदयू नेता ललन सिंह ने कहा था कि वह नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ रहेंगे. उसके साथ ही पूर्व मंत्री संजय झा को लेकर खुले मंच से पवन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार को महागठबंधन में ले जाने वाले एक शख्स संजय झा भी हैं.
राज्य में नये सरकार के गठन के बाद आज मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम रखा गया है. वहीं जदयू नेता संजय झा को लेकर सस्पेंस बरकरार है कि वो मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं...? इधर जदयू नेता हरिवंश सिंह (Deputy Chairman of Rajya Sabha Harivansh Singh) ने राज्यसभा के उपसभापति पद को छोड़ने से इनकार कर दिया है. वहीं सुनील कुमार पिंटू भाजपा से जुड़े होने के बावजूद चुनाव के अंतिम समय में लोकसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर उम्मीदवार बनाया गया था. चुनाव जीतने के बाद भी सुनील कुमार पिंटू की सहानुभूति और समर्पण भाजपा की ओर ही रही है.
'महागठबंधन में तालमेल नहीं हो सकता है. उपरी स्तर पर भले ही दिखाने की कोशिश की जा रही हो लेकिन कार्यकर्ताओं में तालमेल संभव नहीं है'- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि जिनकी छवि लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) के विरोधी की है उन नेताओं को पार्टी बाहर का रास्ता दिखा सकती है. वैसे पूर्व मंत्री और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार सिंह (Jdu leader Neeraj Kumar Singh) भी लालू विरोध की सियासत करते रहे हैं. वहीं जदयू नेता और पूर्व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी लालू के खिलाफ ट्वीट करने में सबसे आगे की पंक्ति में खड़े रहते हैं. इसके अलावा जदयू एमएलसी संजय सिंह (Jdu Mlc Sanjay singh) की छवि भी लालू विरोधी है, ऐसे नेताओं के लिए भी आने वाला दिन मुश्किलों भरा नजर आने वाला है.
भाजपा ने साधा निशाना: इस मामले पर बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (BJP Spokesperson Prem Ranjan Patel) ने कहा है कि महागठबंधन में तालमेल नहीं हो सकता है. उपरी स्तर पर भले ही दिखाने की कोशिश की जा रही हो लेकिन कार्यकर्ताओं में तालमेल संभव नहीं है. वहीं जबाव में राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (Rjd Spokesperson Shakti Singh Yadav) ने कहा है कि जदयू के अंदर सहानुभूति रखने वाले लोग सामने आ चुके हैं. उन बातों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि बिहार में विधि का शासन होगा और किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा.
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महागठबंधन में कोई दूरी नहीं: वहीं जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा (JDU Spokesperson Abhishek Jha) ने कहा है कि महागठबंधन पूरी तरह इंटैक्ट है. हमारे दल में भाजपा से सहानुभूति रखने वाला कोई नेता नहीं है. जहां तक सवाल हरिवंश सिंह का है तो समय आने पर पार्टी स्थिति को स्पष्ट कर देगी.
इस मामले पर बातचीत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार विरोधियों को निशाने पर रखते हैं. कई ऐसे नेता हैं जिनकी छवि लालू विरोध की है, वैसे नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. वहीं भाजपा से जिन नेताओं की नजदीकियां है, उन्हें भी हाशिए पर रहना पड़ सकता है.
'लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार विरोधियों को निशाने पर रखते हैं. कई ऐसे नेता हैं जिनकी छवि लालू विरोध की है, वैसे नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा'- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
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