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बकरीद में कुर्बानी के लिए पंजाबी बीटल 'योम' पहुंचा पटना, 1 फीट लंबे कान.. कीमत डेढ़ लाख रुपये

बकरीद (Bakrid 2022) में बकरे की कीमत उसके वजन से नहीं बल्कि उसकी खूबसूरती और खासियत से तय होती है. ऐसे में पंजाबी बीटल नस्ल का 'योम' सलमान और सुल्तान के बिकने के बाद चर्चाओं में है. इसके कान की लंबाई से लेकर इसका वजन लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करता है. पढ़ें पूरी खबर..

punjabi beetle breed yom cost in lakhs
punjabi beetle breed yom cost in lakhs
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Published : Jul 7, 2022, 8:44 PM IST

पटना: बकरीद (Bakrid) से पहले बिहार की राजधानी पटना का बकरा मंडी ( Patna Bakra Mandi) गुलजार है. राजधानी में बकरों की मंडी सजी हुई है. इस मंडी में न केवल देसी नस्ल के बकरे बिक रहे हैं, बल्कि कई ऐसे भी नस्ल के बकरे बिक रहे हैं जो देखने में आम बकरों से एकदम अलग है. मंडी में ऐसे कई बकरे हैं जिनका मूल्य 50,000 से डेढ़ लाख तक है. यहां आपको योम भी मिलेगा. ऐसा बकरा शायद ही आपने देखा होगा. यह कई मायनों में 'योम' दूसरे बकरों से अलग है.

पढ़ें- बकरीद : बकरा मंडी में आकर्षण का केंद्र बना ₹1.20 लाख का 'सलमान'

योम की कीमत है डेढ़ लाख: वहीं मंडी में पंजाबी बीटल नस्ल का बकरा भी बिकने के लिए पहुंचा है जो कि आम बकरों से बिल्कुल अलग होता है. इसकी ऊंचाई भी अन्य बकरों से अलग होती है. इसके कान तकरीबन 1 फीट तक लंबे होते हैं. साथ ही साथ इसकी आंखें एकदम उजली होती हैं. अलाउद्दीन बताते हैं कि इस बकरे का नाम उन्होंने योम (punjabi beetle breed yom) रखा है और कीमत अभी डेढ़ लाख रुपए है. इसका वजन 1 क्विंटल 30 किलो है. वह यह भी बताते हैं कि इसी नस्ल का एक और बकरा था जो कि बिक गया. वह करीब दो लाख का था और उसका वजन करीब 1 क्विंटल 75 किलो था.

कई नस्लों के बिक रहे बकरे: राजधानी की बेली रोड स्थित बकरा मंडी में लोकल व्यापारियों के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों से भी व्यापारी अपने बकरे को लेकर बेचने आए हुए हैं. खास बात यह है कि यह बकरे अच्छे खासे कीमत के हैं और इनकी नस्लें अलग-अलग हैं. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बकरे को बेचने आए अबरार हुसैन बताते हैं कि उनके पास अजमेरी व तोतापुरी नस्ल के बकरे थे जो कि बिक गए हैं.

"अजमेरी नस्ल के जो बकरे होते हैं वह बड़े तो होते ही हैं वजनदार भी होते हैं. अजमेरी नस्ल के बकरों का वजन 1 क्विंटल तक होता है. अभी जो बकरा बचा हुआ है उसका वजन करीब 80 किलोग्राम है."- अबरार हुसैन,व्यापारी

"मेरे पास अजमेरी व तोता परी की नस्लों के बकरे तो है ही साथ ही साथ राजस्थान के कोटा में पाए जाने वाला कोटा नस्ल, बरबरी और जीरापुर मालवा नस्ल के भी बकरे हैं. भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर पाए जाने वाले बकरे की भी नस्ल भी मेरे पास है. बॉर्डर पर पाए जाने वाले बकरे देश के किसी अन्य हिस्सों में नहीं मिलते हैं. इस बार लोगों को उम्दा नस्ल के बकरे मिल रहे हैं."- अलाउद्दीन,व्यापारी


डेढ़ लाख में बिक गया सलमान: बता दें कि राजधानी में दो तीन जगहों पर बकरे की बिक्री को लेकर विशेष रूप से मंडी लगती है. जिसमें बिहार के अलग-अलग हिस्सों के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान की भी व्यापारी अपने बकरों को लेकर यहां बेचने आते हैं. बकरा मंडी में अपना बकरा बेचने आए अखलाक बताते हैं उनके पास डेढ़ लाख का सलमान था जो कि बिक गया. अब उनके पास 50 हजार तक की रेंज में ही बकरे बचे हैं. इन बकरों में अजमेरी, तोतापरी, जिरापुरी मालवा, बरबरी, बीटल, सिरोही, ब्लैक बंगाल और जमुना पुरी जैसी नस्लें बिकने के लिए आई हैं.



पटना: बकरीद (Bakrid) से पहले बिहार की राजधानी पटना का बकरा मंडी ( Patna Bakra Mandi) गुलजार है. राजधानी में बकरों की मंडी सजी हुई है. इस मंडी में न केवल देसी नस्ल के बकरे बिक रहे हैं, बल्कि कई ऐसे भी नस्ल के बकरे बिक रहे हैं जो देखने में आम बकरों से एकदम अलग है. मंडी में ऐसे कई बकरे हैं जिनका मूल्य 50,000 से डेढ़ लाख तक है. यहां आपको योम भी मिलेगा. ऐसा बकरा शायद ही आपने देखा होगा. यह कई मायनों में 'योम' दूसरे बकरों से अलग है.

पढ़ें- बकरीद : बकरा मंडी में आकर्षण का केंद्र बना ₹1.20 लाख का 'सलमान'

योम की कीमत है डेढ़ लाख: वहीं मंडी में पंजाबी बीटल नस्ल का बकरा भी बिकने के लिए पहुंचा है जो कि आम बकरों से बिल्कुल अलग होता है. इसकी ऊंचाई भी अन्य बकरों से अलग होती है. इसके कान तकरीबन 1 फीट तक लंबे होते हैं. साथ ही साथ इसकी आंखें एकदम उजली होती हैं. अलाउद्दीन बताते हैं कि इस बकरे का नाम उन्होंने योम (punjabi beetle breed yom) रखा है और कीमत अभी डेढ़ लाख रुपए है. इसका वजन 1 क्विंटल 30 किलो है. वह यह भी बताते हैं कि इसी नस्ल का एक और बकरा था जो कि बिक गया. वह करीब दो लाख का था और उसका वजन करीब 1 क्विंटल 75 किलो था.

कई नस्लों के बिक रहे बकरे: राजधानी की बेली रोड स्थित बकरा मंडी में लोकल व्यापारियों के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों से भी व्यापारी अपने बकरे को लेकर बेचने आए हुए हैं. खास बात यह है कि यह बकरे अच्छे खासे कीमत के हैं और इनकी नस्लें अलग-अलग हैं. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बकरे को बेचने आए अबरार हुसैन बताते हैं कि उनके पास अजमेरी व तोतापुरी नस्ल के बकरे थे जो कि बिक गए हैं.

"अजमेरी नस्ल के जो बकरे होते हैं वह बड़े तो होते ही हैं वजनदार भी होते हैं. अजमेरी नस्ल के बकरों का वजन 1 क्विंटल तक होता है. अभी जो बकरा बचा हुआ है उसका वजन करीब 80 किलोग्राम है."- अबरार हुसैन,व्यापारी

"मेरे पास अजमेरी व तोता परी की नस्लों के बकरे तो है ही साथ ही साथ राजस्थान के कोटा में पाए जाने वाला कोटा नस्ल, बरबरी और जीरापुर मालवा नस्ल के भी बकरे हैं. भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर पाए जाने वाले बकरे की भी नस्ल भी मेरे पास है. बॉर्डर पर पाए जाने वाले बकरे देश के किसी अन्य हिस्सों में नहीं मिलते हैं. इस बार लोगों को उम्दा नस्ल के बकरे मिल रहे हैं."- अलाउद्दीन,व्यापारी


डेढ़ लाख में बिक गया सलमान: बता दें कि राजधानी में दो तीन जगहों पर बकरे की बिक्री को लेकर विशेष रूप से मंडी लगती है. जिसमें बिहार के अलग-अलग हिस्सों के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान की भी व्यापारी अपने बकरों को लेकर यहां बेचने आते हैं. बकरा मंडी में अपना बकरा बेचने आए अखलाक बताते हैं उनके पास डेढ़ लाख का सलमान था जो कि बिक गया. अब उनके पास 50 हजार तक की रेंज में ही बकरे बचे हैं. इन बकरों में अजमेरी, तोतापरी, जिरापुरी मालवा, बरबरी, बीटल, सिरोही, ब्लैक बंगाल और जमुना पुरी जैसी नस्लें बिकने के लिए आई हैं.



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