पटना: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पटना नगर निगम के दैनिक सफाई कर्मियों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. सफाई कर्मचारियों ने गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल से विधानसभा तक मार्च निकाला. मार्च के दौरान दैनिक सफाई कर्मियों ने नगर विकास विभाग और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों ने नगर विकास विभाग के पत्र के बाद दैनिक मजदूरों को आउटसोर्सिंग पर रखने को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल किया. सफाई कर्मियों ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि 10 साल सेवा लेने के बाद हमारी सेवा समाप्त क्यों कर रही है. आउटसोर्सिंग के माध्यम से नगर निगम में भ्रष्टाचार होता है. फिर भी सरकार आउटसोर्सिंग की बात कह रही है.
सफाई कर्मियों की मांग
पटना नगर निगम में शहर की सफाई के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से सफाई कर्मी रखने के प्रस्ताव के खिलाफ 4 हजार 300 सफाई कर्मी इन दिनों सरकार पर भड़के हुए हैं. यूनियन सफाई कर्मी नेता चंद्रप्रकाश सिंह का मानना है कि सरकार इन दैनिक सफाई कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है. इनके साथ सरकार धोखाधड़ी कर रही है. सरकार ने इनको आश्वासन दिया था कि इन्हें हटाया नहीं जाएगा. लेकिन उस पर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है. इसलिए दैनिक सफाई कर्मी अधजल के स्थिति में हैं. वह चाहते हैं कि सरकार ने ठोस लिखित आश्वासन दे कि इन्हें हटाया नहीं जाएगा, तब ही पटना शहर की सफाई व्यवस्था होगी.
17 मार्च से अनिश्चित कालीन हड़ताल
सफाई कर्मी यूनियन के नेता चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा है कि सरकार यदि इनकी बातों को नहीं मानती है, तो एक बार फिर से पटना नगर निगम के दैनिक सफाई कर्मी अनिश्चित काल हड़ताल पर जाएंगे और इसकी जवाबदेही सरकार की होगी.
पिछले दिनों फरवरी माह की शुरूआत होते ही, पटना नगर निगम के सभी दैनिक सफाई कर्मी हड़ताल पर चल गए थे. इसके बाद राजधानी की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. 6 दिन बाद नगर विकास विभाग की पहल पर सफाई कर्मियों को आश्वासन मिला था कि उन्हें 15 दिन के अंदर सरकार उनकी हर शर्त को मान लेगी. लेकिन अभी तक उनके शर्तों पर कोई अमल नहीं हुआ है. इसके खिलाफ एक बार फिर से सफाई कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के मूड में है.