पटना: बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण का विरोध (Protest of Bankers) कर रहा है. एसोसिएशन के राष्ट्रीय सलाहकार सुनील कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार की निजीकरण पॉलिसी और देश के कुछ सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण (Privatization of Public Banks) के खिलाफ बैंक एसोसिएशन लगातार आंदोलन कर रहा है. अगर केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो आने वाले 16 और 17 दिसंबर को पूरे देश में बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे.
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वहीं बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (Bank Of India Officers Association) के राष्ट्रीय सलाहकार ने जानकारी दी कि सरकार के निजीकरण के खिलाफ बैंक हड़ताल पर रहेंगे. बावजूद इसके सरकार अपने निजीकरण पॉलिसी को वापस नहीं लेती तो देशभर के बैंककर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होंगे. सुनील कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार लगातार सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करने जा रही है. जो लगातार मुनाफे में है और लोगों को सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं. सुनील कहते हैं कि देश के यह सार्वजनिक बैंक ने ही 2008 में देश को आर्थिक नुकसान होने पर काफी सहायता प्रदान की थी. और आज सरकार कुछ निजी संस्थानों को लाभ दिलाने के लिए ऐसे सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करने जा रही है, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है.
सुनील कहते हैं कि इस निजीकरण के कारण देश के कई संस्थान बैंक और युवा के रोजगार पर भी असर पड़ेगा और सामाजिक अर्थव्यवस्था पर भी इस निजीकरण का प्रभाव पड़ेगा. पूरा देश आर्थिक गुलामी की ओर चला जाएगा. सुनील कुमार ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण का बिल संसद में पेश ना करे. इस एजेंडे को तुरंत वापस लिया जाए और अगर सरकार अपने अड़ियल रवैये पर बनी रहती है, तो आनेवाले 16 और 17 दिसंबर को देशभर के बैंककर्मी सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे. इसके बाद भी अगर केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की बातें नहीं सुनती तो सभी बैंककर्मी अनिश्चितकालीन सामूहिक हड़ताल पर चले जाएंगे.
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