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डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का किया विरोध, सरकार के खिलाफ लगाए नारे - बिहार न्यूज

इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर उसके बिल के पोस्टर को जला दिया. साथ ही इस बिल को वापस लेने की बात कही है.

विरोध
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Published : Jul 24, 2019, 6:23 AM IST

Updated : Jul 24, 2019, 7:53 AM IST

पटना: जिले में डॉक्टरों ने एक बार फिर से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध किया है. डॉक्टरों ने इस दौरान सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राज्य के सचिव डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि सरकार पुराने मेडिकल काउंसिल बिल को खत्म कर नेशनल मेडिकल कमीशन लाई है. उसमें जो प्रावधान किए गए हैं, उसका हम विरोध करते हैं.

पोस्टर जलाकर किया विरोध
इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन का विरोध कर उसके बिल का पोस्टर जलाकर गुस्सा जाहिर किया. साथ ही इस बिल को वापस लेने की मांग की. इस बाबत डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के आने के बाद एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली गड़बड़ा जाएगी. जो एलोपैथी मेडिसिन की पद्धति है, उसमें काफी कमजोरी आएगी. सरकार ने इसमें यूनानी आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी इजाजत देने की बात कही है. जो गलत है.

पेश है रिपोर्ट

'पहले के नियम में करें सुधार'
उन्होंने कहा कि एलोपैथी चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा है, जिसका मेडिसिन थोड़ा अलग है. इसका विरोध करते हैं. साथ में उन्होंने मांग की कि मेडिकल काउंसिल जो पहले का था, उसमें ही कुछ सुधार करके और उस को फिर से लागू किया जाए.

ये हैं विरोध के कारण
इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि एमबीबीएस उत्तीर्ण होने के बाद भी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में एग्जिट एग्जाम देने का प्रावधान किया गया है. इसीलिए इसका भी विरोध किया जा रहा है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. ऐसा होने से विदेशों से जो पढ़ाई कर के आते हैं और जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करके आते हैं, उनको फायदा होगा. सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को कभी इससे फायदा नहीं हो सकता है.

पटना: जिले में डॉक्टरों ने एक बार फिर से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध किया है. डॉक्टरों ने इस दौरान सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राज्य के सचिव डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि सरकार पुराने मेडिकल काउंसिल बिल को खत्म कर नेशनल मेडिकल कमीशन लाई है. उसमें जो प्रावधान किए गए हैं, उसका हम विरोध करते हैं.

पोस्टर जलाकर किया विरोध
इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन का विरोध कर उसके बिल का पोस्टर जलाकर गुस्सा जाहिर किया. साथ ही इस बिल को वापस लेने की मांग की. इस बाबत डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के आने के बाद एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली गड़बड़ा जाएगी. जो एलोपैथी मेडिसिन की पद्धति है, उसमें काफी कमजोरी आएगी. सरकार ने इसमें यूनानी आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी इजाजत देने की बात कही है. जो गलत है.

पेश है रिपोर्ट

'पहले के नियम में करें सुधार'
उन्होंने कहा कि एलोपैथी चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा है, जिसका मेडिसिन थोड़ा अलग है. इसका विरोध करते हैं. साथ में उन्होंने मांग की कि मेडिकल काउंसिल जो पहले का था, उसमें ही कुछ सुधार करके और उस को फिर से लागू किया जाए.

ये हैं विरोध के कारण
इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि एमबीबीएस उत्तीर्ण होने के बाद भी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में एग्जिट एग्जाम देने का प्रावधान किया गया है. इसीलिए इसका भी विरोध किया जा रहा है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. ऐसा होने से विदेशों से जो पढ़ाई कर के आते हैं और जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करके आते हैं, उनको फायदा होगा. सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को कभी इससे फायदा नहीं हो सकता है.

Intro:एंकर पटना के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन का विरोध किया है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य के सचिव डॉक्टर बृजनंदन ने कहा है कि सरकार ने पुराने मेडिकल काउंसिल बिल को खत्म कर नेशनल मेडिकल कमिशन लाया है और उसमें जो प्रावधान किए गए हैं उसका हम विरोध करते हैं आज इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमिशन का विरोध कर उसके बिल के प्रति को जलाया


Body: डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमिशन के आने के बाद एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली गड़बड़ा जाएगी और जो एलोपैथी मेडिसिन की पद्धति है उसमें काफी कमजोरी आएगी क्योंकि सरकार ने इसमें यूनानी आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी इजाजत देने की बात कही है जो कि गलत है क्योंकि एलोपैथी चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा है जिसकी मेडिसिन की थोड़ी अलग है उन्होंने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं साथ में उन्होंने मांग किया कि मेडिकल काउंसिल जो पहले का था उसने ही कुछ सुधार करके और उस को फिर से लागू किया जाए उसको खत्म नहीं किया जाए


Conclusion:डॉक्टरों का कहना था कि एमबीबीएस उतीर्ण होने के बाद भी नेशनल मेडिकल कमिशन में एग्जिट एग्जाम देने का प्रावधान किया गया है निश्चित तौर पर हम इसका भी विरोध करते हैं और कहीं न कहीं ऐसा नहीं होना चाहिए ऐसा होने से विदेशों से जो पढ़ाई कर के आते हैं वह और जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करके आते हैं उनको फायदा होगा सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को कभी भी फायदा नहीं हो सकता
Last Updated : Jul 24, 2019, 7:53 AM IST
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