पटना: जिले में डॉक्टरों ने एक बार फिर से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध किया है. डॉक्टरों ने इस दौरान सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राज्य के सचिव डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि सरकार पुराने मेडिकल काउंसिल बिल को खत्म कर नेशनल मेडिकल कमीशन लाई है. उसमें जो प्रावधान किए गए हैं, उसका हम विरोध करते हैं.
पोस्टर जलाकर किया विरोध
इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमीशन का विरोध कर उसके बिल का पोस्टर जलाकर गुस्सा जाहिर किया. साथ ही इस बिल को वापस लेने की मांग की. इस बाबत डॉक्टर बृजनंदन ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के आने के बाद एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली गड़बड़ा जाएगी. जो एलोपैथी मेडिसिन की पद्धति है, उसमें काफी कमजोरी आएगी. सरकार ने इसमें यूनानी आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी इजाजत देने की बात कही है. जो गलत है.
'पहले के नियम में करें सुधार'
उन्होंने कहा कि एलोपैथी चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा है, जिसका मेडिसिन थोड़ा अलग है. इसका विरोध करते हैं. साथ में उन्होंने मांग की कि मेडिकल काउंसिल जो पहले का था, उसमें ही कुछ सुधार करके और उस को फिर से लागू किया जाए.
ये हैं विरोध के कारण
इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि एमबीबीएस उत्तीर्ण होने के बाद भी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में एग्जिट एग्जाम देने का प्रावधान किया गया है. इसीलिए इसका भी विरोध किया जा रहा है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. ऐसा होने से विदेशों से जो पढ़ाई कर के आते हैं और जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करके आते हैं, उनको फायदा होगा. सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को कभी इससे फायदा नहीं हो सकता है.