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Inside Story : पूछ रहे लोग, क्या बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है? - Danapur Municipal Council Vice President Shot Dead

बिहार में अपराध (Crime in Bihar) के बढ़ते ग्राफ को देखकर तो यही लगता है. क्योंकि पिछले दो सालों में बिहार में हिंसा, अपराध, रेप, लूट, और मर्डर जैसे मामलों में भारी इजाफा हुआ है. बिहार पुलिस की वेबसाइट (biharpolice.bih.nic.in) खुद इसका सुबूत है, दानापुर में जेडीयू नेता की हत्या से एक बार फिर नीतीश सरकार कटघरे में है. पढ़ें पूरी खबर..

Protest against killing of JDU leader in Danapur
Protest against killing of JDU leader in Danapur
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Published : Mar 29, 2022, 9:15 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 10:41 AM IST

पटना: बिहार के दानापुर में अपराधियों ने सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या (JDU Leader Shot Dead In Danapur) कर दी है. मामला सत्ताधारी दल के नेता से जुड़े होने के कारण घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.

यह भी पढ़ें - पटना में JDU नेता की गोली मारकर हत्या, घर पर चढ़कर अपराधियों ने भून डाला

हत्या, बवाल, पुलिस चौकी में तोड़फोड़: दीपक के घर के मेन गेट पर हुई इस वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल किया. नासरीगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की. दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को को जाम कर आगजनी की. कई गाड़ियों और जेसीबी के शीशे तोड़ डाले. मौके पर पहुंची पुलिस को उग्र भीड़ ने खदेड़ डाला. हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती इलाके में कर दी गयी थी. देर रात इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई थी. लोग काफी गुस्से में हैं, उनका कहना है कि लगता है बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.

देखें वीडियो

उपेंद्र कुशवाहा के करीबी जेडीयू नेता : जानकारी के मुताबिक, मृतक दीपक मेहता, जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा के करीबी थे. दीपक ने दानापुर विधानसभा से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी से चुनाव भी लड़ा था. दीपक की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं, इस घटना के बाद जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दीपक मेहता के हत्यारों के जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.

क्या यही है बिहार का सुशासन? : बता दें कि बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं नीतीश कुमार की सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही हैं. बढ़ते अपराध को लेकर विपक्षी सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं सहयोगी बीजेपी के नेता भी इसे लेकर सवाल उठाते रहे हैं. क्योंकी नीतीश कुमार के बिहार में हवलदार की थाने में मॉब लिंचिंग हो जाती है, मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट में खून की होली खेली जाती है, इतना ही नहीं लोगों को तेजाब से नहला दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यही है बिहार का सुशासन?

घर के बाहर ही मारी गोली : बिहार के दानापुर में अपराधियों ने सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी है. बदमाशों ने दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक मेहता को उनके नासरीगंज स्थित घर के बाहर ही गोली मार दी. दीपक मेहता को उपचार के लिए तत्काल पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.

जांच में जुटी पुलिस : बताया जाता है कि जेडीयू नेता दीपक मेहता दानापुर के नासरीगंज में रहते थे. वे अपने घर के सामने ही थे कि अचानक आए कुछ बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने के बाद दीपक मेहता जमीन पर गिर पड़े. गोलियों की आवाज सुनकर घर के लोग बाहर निकले और आसपास के लोग भी वारदात की जगह पर पहुंचे, तब तक अपराधी फरार हो गए थे. घायल दीपक को परिजन और आसपास के लोग उपचार के लिए तत्काल पास के अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान दीपक मेहता की मौत हो गई. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा सुशासन की सरकार चलाने का भरोसा देते रहे हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कैसे, क्योंकि जब एक मुख्यमंत्री की पार्टी के नेता को ही सरेआम घर के बाहर गोली मार दी जाती है. इसके बावजूद सरकारें एक ही जवाब देती हैं- 'बिहार में सुशासन का राज बा...' लेकिन बिहार आज एक बार फिर सवाल पूछ रहा है कि क्या यही है बिहार का सुशासन?

यह भी पढ़ें - मधेपुरा में जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या, विरोध में बाजार बंद, सड़क जाम

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पटना: बिहार के दानापुर में अपराधियों ने सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या (JDU Leader Shot Dead In Danapur) कर दी है. मामला सत्ताधारी दल के नेता से जुड़े होने के कारण घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.

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हत्या, बवाल, पुलिस चौकी में तोड़फोड़: दीपक के घर के मेन गेट पर हुई इस वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल किया. नासरीगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की. दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को को जाम कर आगजनी की. कई गाड़ियों और जेसीबी के शीशे तोड़ डाले. मौके पर पहुंची पुलिस को उग्र भीड़ ने खदेड़ डाला. हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती इलाके में कर दी गयी थी. देर रात इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई थी. लोग काफी गुस्से में हैं, उनका कहना है कि लगता है बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.

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उपेंद्र कुशवाहा के करीबी जेडीयू नेता : जानकारी के मुताबिक, मृतक दीपक मेहता, जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा के करीबी थे. दीपक ने दानापुर विधानसभा से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी से चुनाव भी लड़ा था. दीपक की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं, इस घटना के बाद जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दीपक मेहता के हत्यारों के जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.

क्या यही है बिहार का सुशासन? : बता दें कि बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं नीतीश कुमार की सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही हैं. बढ़ते अपराध को लेकर विपक्षी सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं सहयोगी बीजेपी के नेता भी इसे लेकर सवाल उठाते रहे हैं. क्योंकी नीतीश कुमार के बिहार में हवलदार की थाने में मॉब लिंचिंग हो जाती है, मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट में खून की होली खेली जाती है, इतना ही नहीं लोगों को तेजाब से नहला दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यही है बिहार का सुशासन?

घर के बाहर ही मारी गोली : बिहार के दानापुर में अपराधियों ने सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी है. बदमाशों ने दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक मेहता को उनके नासरीगंज स्थित घर के बाहर ही गोली मार दी. दीपक मेहता को उपचार के लिए तत्काल पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.

जांच में जुटी पुलिस : बताया जाता है कि जेडीयू नेता दीपक मेहता दानापुर के नासरीगंज में रहते थे. वे अपने घर के सामने ही थे कि अचानक आए कुछ बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने के बाद दीपक मेहता जमीन पर गिर पड़े. गोलियों की आवाज सुनकर घर के लोग बाहर निकले और आसपास के लोग भी वारदात की जगह पर पहुंचे, तब तक अपराधी फरार हो गए थे. घायल दीपक को परिजन और आसपास के लोग उपचार के लिए तत्काल पास के अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान दीपक मेहता की मौत हो गई. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा सुशासन की सरकार चलाने का भरोसा देते रहे हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कैसे, क्योंकि जब एक मुख्यमंत्री की पार्टी के नेता को ही सरेआम घर के बाहर गोली मार दी जाती है. इसके बावजूद सरकारें एक ही जवाब देती हैं- 'बिहार में सुशासन का राज बा...' लेकिन बिहार आज एक बार फिर सवाल पूछ रहा है कि क्या यही है बिहार का सुशासन?

यह भी पढ़ें - मधेपुरा में जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या, विरोध में बाजार बंद, सड़क जाम

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Last Updated : Mar 29, 2022, 10:41 AM IST
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