पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2022) को लेकर बेउर जेल प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी कर ली है. आदर्श केंद्रीय कारा बेउर जेल प्रशासन छठ पर्व (Chhath Festival In Patna Beur Jail) कर रहे कैदियों के लिए उचित व्यवस्था की है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जेल में बंद 22 कैदी लोक अस्था का महापर्व छठ व्रत को कर रहे हैं. जिसमें 12 पुरुष बंदी हैं, जिसमें 2 सजावार और 10 कैदी विचारधीन हैं. वहीं 10 महिला बंदी हैं, जिसमें सजावर 4 और 6 विचारधीन शामिल हैं. कारा प्रशासन की तरफ से छठ व्रतियों को पूजा संबंधित सभी सामग्रियां तथा पुरुष बंदियों के लिए वस्त्र धोती, गमछा एवं महिला बंदियों के लिए साड़ी एवं पूजन सामग्री दिया गया.
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बेउर जेल में बंद कैदी कर रहे हैं छठ महापर्व : छठ महापर्व के शुभ अवसर पर कारा में बंदियों में हर्षोल्लास का माहौल है. इस अवसर पर जेल की विशेष साफ-सफाई की गई. कारा में निर्मित तालाब में सभी व्रती द्वारा डूबते हुए एवं उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा. जेल प्रशासन द्वारा मिली जानकारी के अनुसार छठ पर्व को लेकर जेल के अंदर बने तालाब एवं परिसर को सजाया गया है. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. छठ पर्व को लेकर बेउर जेल में छठ कर रही वर्तियों की मदद में दूसरे कैदी भी पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. छठ पर्व को लेकर बेउर जेल में सफाई की पूरी व्यवस्था की गई.
आज है नहाय खाय : गौरतलब है कि चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत (Chhath Puja 2022 In Bihar) की शुरूआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.
छठ पूजा की तिथि
- पहला दिन- नहाय खाय (28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार)
- दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर 2022, शनिवार)
- तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, रविवार)
- आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)
बता दें कि आज 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.