पटना : डिजिटल युग के दौर में ऑनलाइन क्राइम तेजी के साथ बढ़ा है. विश्वभर में जैसे ही कोरोना वायरस ने एंट्री ली, वैसे ही डिजिटल क्रांति पर चार चांद लग गए. व्यवसाय और पैसों का लेन देन सबकुछ डिजिटल नेटवर्क पर आधारित हो गया.ऐसे में साइबर ठग एक्टिव मोड में आ गए. आज भारत के सभी जिलों से हर रोज साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रहीं हैं, ऑनलाइन ठगी के मामले में बिहार भी शामिल है.
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए ईटीवी भारत ने आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ से बातचीत की. अभिनव ने हमें साइबर ठगी के नए-नए मामलों से लेकर बचाव के बारे में विस्तार से बताया. अभिनव ने बताया कि आजकल साइबर ठग नई ट्रिक अपना कर लोगों को ठग रहे हैं. ठग चंद मिनट में आपका पैसा साफ कर सकते हैं, इसके लिए सावधानी जरूरी है.
सोशल साइट्स और फेक साइट्स से ठगी
⦁ अभिनव ने बताया कि आजकल फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से फेक अकाउंट बनाकर साइबर ठग आम जनता के पैसे उड़ा लेते हैं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं.
⦁ ऑनलाइन मार्केटिंग का चलन आजकर जोरों पर है. ऐसे में ठग फेक वेबसाइट बना आकर्षक ऑफर देते हैं. जनता उनकी इस साजिश को समझ नहीं पाती और साइट पर जाकर सामान की खरीददारी कर लेती है. ये ठगी का सबसे आसान तरीका है, इसके बाद लोग अपने खरीदे हुए सामान की डिलिवरी का इंतजार करते रहते हैं, जो कभी उनके घर तक नहीं पहुंचता.
⦁ सोशल मीडिया पर आपके रिलेटिव का फेक अकाउंट बना पैसों की डिमांड का चलन तेज हो गया है. ऐसे में पैसे की मांग करने वाले से सीधे संपर्क में रहना जरूरी है.
⦁ अभिनव कहते हैं कि फेक बैंक कॉल तो तेजी के साथ बढ़ गया है. ठग बैंक कर्मी होकर लोगों से उनके एटीएम पिन जान लेते हैं, इसके बाद एक ही बार में उनका पूरा पैसा हड़प कर ले जाते हैं.
⦁ अभिनव ने बताया कि पिछले 8 महीनों में 200 से 300 प्रतिशत साइबर क्राइम का ग्राफ बड़ा है.
सावधानी है जरूरी
अभिनव ने ईटीवी भारत से साइबर क्राइम को लेकर कुछ सावधानियां बताई हैं. अभिनव की मानें तो सोशल साइट्स पर प्राइवेसी लगाना जरूरी है. उन्हीं लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट असेप्ट करनी चाहिए, जिन्हें आप जानते हैं.
- फेसबुक को माध्यम से यदि कोई रुपयों की डिमांड करता है, तो पहले उसे फोन कॉल कर लें.
- ऑनलाइन खरीददारी करने से पहले साइट्स की पुष्टि कर लें कि कहीं वो फेक तो नहीं. इसके लिए आप ऑनलाइन मार्केटिंग वाली वेबसाइट्स के ऐप को सावधानी के साथ डाउनलोड करें.
- सार्वजनिक जगह पर फोन चार्ज ना करें.
- सार्वजनिक जगह पर इंटरनेट के माध्यम से लेनदेन करते समय वाईफाई का इस्तेमाल भूल कर भी नहीं करना चाहिए.
- बैंक कभी किसी को कॉल नहीं करता. भूलकर भी ऐसी फेक कॉल जिसमें पिन संबंधित जानकारी मांगी जाए, उन्हें कोई भी जानकारी ना दें.
- अपने फोन पर अनवांटेड ऐप ना रखें.
- लैपटॉप या डेस्कटॉप पर अपनी ईमेल आईडी, सोशल मीडिया अकाउंट को लॉग आउट जरूर करें.
ठगी का शिकार होने पर उठाएं ये कदम
अभिनव ने बताया कि ऑनलाइन ठगी का शिकार होने पर पीड़ित को तत्काल केंद्र सरकार की वेसाइट- cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए.
- किसी भी थाने पर जाकर प्राथमिकी दर्ज करवानी चाहिए.
- साइबर क्राइम कहीं पर भी हो, स्थानीय थाने में तत्काल इसकी सूचना देनी चाहिए.
एसपी प्राणतोष ने दी अहम जानकारी
ईटीवी भारत से बात करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्राणतोष दास ने अहम जानकारी देते हुए बताया था कि सोशल मीडिया या साइट्स पर हुए साइबर क्राइम के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है.
- साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर- 155260
- बच्चों के साथ हुए साइबरक्राइम हेल्प लाइन नंबर-1098
- @cyberdost ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर आप अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं.
देखें: आर्थिक अपराध इकाई एसपी प्राणतोष दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत