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छठव्रतियों के लिए खास है उलार्क सूर्य मंदिर, भगवान कृष्ण के वंशज ने किया था निर्माण - Practice of dancing netua

मंदिर के महंत अवध बिहारी दास ने बताया कि इस साल सरकारी स्तर पर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें लाइट, पानी, शौचालय की सुविधायें उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस साल 4 से 5 लाख तक छठव्रतियों के आने की संभावना है.

उलार्क सूर्य मंदिर.
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Published : Oct 30, 2019, 7:05 AM IST

Updated : Oct 30, 2019, 7:34 AM IST

पटना: राजधानी के पालीगंज अनुमंडल में दुल्हिन बाजार स्थित उलार या उलार्क सूर्य मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर भगवान सूर्य की उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यह मंदिर पूरे देश में 12 महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों में से एक है. छठ पूजा में भगवान सूर्य की यहां उपासना होती है. ऐसे में छठ के समय इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ होती है. गुरुवार से शुरू हो रहे छठ पूजा के लिये इस मंदिर में भी तैयारियां जोरों पर हैं.

बताया जाता है कि उलार्क सूर्य मंदिर का संबंध द्वापरयुग से है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के वंशज साम्ब को कुष्ठ व्याधि हुई, जिससे मुक्ति के लिये साम्ब ने देश के 12 जगहों पर भव्य सूर्य मन्दिर बनवाए थे और भगवान सूर्य की आराधना की थी. जिसके बाद साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी. उन्हीं 12 मंदिरों में से उलार सूर्य मंदिर एक है. अन्य सूर्य मंदिरो में देवार्क, लोलार्क, पूण्यार्क, औंगार्क, कोणार्क, चाणार्क आदि शामिल हैं. बताया जाता है कि मुगलकाल में विदेशी आक्रमणकारियों ने देश के कई प्रमुख मंदिरों के साथ उलार मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचाया था. बाद में भरतपुर नरेश के वंशजों ने इन पौराणिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. बताते हैं कि संत अलबेला बाबा करीब 1852-1854 के बीच उलार्क आए और जनसहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. खुदाई के दौरान यहां शिव, पार्वती, गणेश आदि देवताओं की दर्जनो विखंडित पालकालीन दुर्लभ मूर्तियां मिलीं.

देखें रिपोर्ट.

मंदिर परिसर में चमत्कारिक सरोवर है स्थित
लोगों का कहना है कि पालीगंज स्थित उलार मंदिर परिसर में एक सरोवर स्थित है जिसमें स्नान करने से चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलते हैं. इस सरोवर में स्नान करने से सभी चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है. मंदिर के महंत अवध बिहारी दास ने बताया कि पुरातत्व विभाग की जांच में इस तालाब की मिट्टी में गंधक पाया गया. जिसमें रोगों को दूर भगाने की क्षमता होती है. वहीं उलार मंदिर में नेटुआ (एक विशेष जाति) नचाने की प्रथा अब भी कायम है जो इसकी खासियत है. इस प्रथा का जिन महिलाओं को पता है वे अपने आंचल को जमीन पर बिछा देती हैं जिसपर नेटुआ नाचते हुए बाजा बजाता है. माना जाता है कि सूर्य देवता इससे प्रसन्न होते हैं. यहां छठ के अतिरिक्त रविवार को भी दूर-दूर से अनेक श्रद्धालु महिलायें खासतौर पर पूजा-अर्चना के लिये जुटती हैं. साथ ही साथ यहां भव्य मेला भी लगता है.

preparations made for chhatthh in ulaar sun temple of patna
उलार्क सूर्य मंदिर में सरोवर.

छठव्रतियों के लिये किये जाते हैं विशेष इंतजाम
हर साल छठ पूजा के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है. पहले मंदिर पूजा कमिटी की ओर से सभी व्यवस्थायें की जाती थी लेकिन साल 2016 से बिहार सरकार की ओर राशि उपलब्ध कराई जाने लगी. साथ ही इस मंदिर को राष्ट्रीय पंचांग से जोड़ दिया गया. इस साल भी मंदिर में छठव्रतियों की सुविधा के लिये विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं.

preparations made for chhatthh in ulaar sun temple of patna
मंदिर परिसर में मौजूद मूर्तियां.

प्रशासन की तरफ से की जा रही तैयारी
मंदिर के महंथ अवध बिहारी दास ने बताया कि इस साल सरकारी स्तर पर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें लाइट, पानी, शौचालय की सुविधायें उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस साल 4 से 5 लाख तक छठ व्रतियों के आने की संभावना है. पालीगंज SDO सुरेंद्र कुमार, DSP मनोज कुमार पांडे की तरफ से छठ व्रतियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, पीएचडी विभाग सहित ब्लॉक स्तर के थानाध्यक्षों से सुरक्षा को लेकर लगातार बैठक कर समीक्षा की जा रही है.

preparations made for chhatthh in ulaar sun temple of patna
उलार्क सूर्य मंदिर.

पटना: राजधानी के पालीगंज अनुमंडल में दुल्हिन बाजार स्थित उलार या उलार्क सूर्य मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर भगवान सूर्य की उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यह मंदिर पूरे देश में 12 महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों में से एक है. छठ पूजा में भगवान सूर्य की यहां उपासना होती है. ऐसे में छठ के समय इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ होती है. गुरुवार से शुरू हो रहे छठ पूजा के लिये इस मंदिर में भी तैयारियां जोरों पर हैं.

बताया जाता है कि उलार्क सूर्य मंदिर का संबंध द्वापरयुग से है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के वंशज साम्ब को कुष्ठ व्याधि हुई, जिससे मुक्ति के लिये साम्ब ने देश के 12 जगहों पर भव्य सूर्य मन्दिर बनवाए थे और भगवान सूर्य की आराधना की थी. जिसके बाद साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी. उन्हीं 12 मंदिरों में से उलार सूर्य मंदिर एक है. अन्य सूर्य मंदिरो में देवार्क, लोलार्क, पूण्यार्क, औंगार्क, कोणार्क, चाणार्क आदि शामिल हैं. बताया जाता है कि मुगलकाल में विदेशी आक्रमणकारियों ने देश के कई प्रमुख मंदिरों के साथ उलार मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचाया था. बाद में भरतपुर नरेश के वंशजों ने इन पौराणिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. बताते हैं कि संत अलबेला बाबा करीब 1852-1854 के बीच उलार्क आए और जनसहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. खुदाई के दौरान यहां शिव, पार्वती, गणेश आदि देवताओं की दर्जनो विखंडित पालकालीन दुर्लभ मूर्तियां मिलीं.

देखें रिपोर्ट.

मंदिर परिसर में चमत्कारिक सरोवर है स्थित
लोगों का कहना है कि पालीगंज स्थित उलार मंदिर परिसर में एक सरोवर स्थित है जिसमें स्नान करने से चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलते हैं. इस सरोवर में स्नान करने से सभी चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है. मंदिर के महंत अवध बिहारी दास ने बताया कि पुरातत्व विभाग की जांच में इस तालाब की मिट्टी में गंधक पाया गया. जिसमें रोगों को दूर भगाने की क्षमता होती है. वहीं उलार मंदिर में नेटुआ (एक विशेष जाति) नचाने की प्रथा अब भी कायम है जो इसकी खासियत है. इस प्रथा का जिन महिलाओं को पता है वे अपने आंचल को जमीन पर बिछा देती हैं जिसपर नेटुआ नाचते हुए बाजा बजाता है. माना जाता है कि सूर्य देवता इससे प्रसन्न होते हैं. यहां छठ के अतिरिक्त रविवार को भी दूर-दूर से अनेक श्रद्धालु महिलायें खासतौर पर पूजा-अर्चना के लिये जुटती हैं. साथ ही साथ यहां भव्य मेला भी लगता है.

preparations made for chhatthh in ulaar sun temple of patna
उलार्क सूर्य मंदिर में सरोवर.

छठव्रतियों के लिये किये जाते हैं विशेष इंतजाम
हर साल छठ पूजा के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है. पहले मंदिर पूजा कमिटी की ओर से सभी व्यवस्थायें की जाती थी लेकिन साल 2016 से बिहार सरकार की ओर राशि उपलब्ध कराई जाने लगी. साथ ही इस मंदिर को राष्ट्रीय पंचांग से जोड़ दिया गया. इस साल भी मंदिर में छठव्रतियों की सुविधा के लिये विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं.

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मंदिर परिसर में मौजूद मूर्तियां.

प्रशासन की तरफ से की जा रही तैयारी
मंदिर के महंथ अवध बिहारी दास ने बताया कि इस साल सरकारी स्तर पर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें लाइट, पानी, शौचालय की सुविधायें उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस साल 4 से 5 लाख तक छठ व्रतियों के आने की संभावना है. पालीगंज SDO सुरेंद्र कुमार, DSP मनोज कुमार पांडे की तरफ से छठ व्रतियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, पीएचडी विभाग सहित ब्लॉक स्तर के थानाध्यक्षों से सुरक्षा को लेकर लगातार बैठक कर समीक्षा की जा रही है.

preparations made for chhatthh in ulaar sun temple of patna
उलार्क सूर्य मंदिर.
Intro:भारत वर्ष के 12 अर्क स्थलो में एक है भक्ति व आस्था का पवित्र व एतिहासिक केंद्र उलार्क सूर्य मंदिर ।
द्वापर युग काल से है उलार्क सूर्य मंदिर का सम्बंध।


Body:पटना से सटे लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार प्रखंड से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर पटना पालीगंज स्टेट हाइवे पर रकसिया गांव से पूर्व उलार्क महाधाम है ,जहाँ ऐतेहासिक सूर्य मंदिर है जिसका सम्बन्ध द्वापर युग से सम्बंधित है यह मंदिर सूर्य उपासको के लिए आकर्षण का केन्द्र है ,इस मंदिर में दो प्रवेश द्वार पूर्व व पश्चिम दिशा की ओर है पश्चिम द्वार पर एक चमत्कारी तलाब है ,कहा जाता है की तलाब में स्नान करने वालो को कुष्ट ओर चर्म रोग से वेयधियो को स्नान करने से रोगों से मुक्त हो जाता है ।
हिंदुओ की प्रसिद्ध महा ग्रन्थ शाम्ब पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शाम्ब सुंदर स्त्रियों व युवतियों के साथ सरोबर में स्नान कर रहे थे ,उसी समय महर्षि गर्ग सरोबर के रास्ते से गुजर रहे थे जिन्हें देखने के बावजूद भी राजा शाम्ब ने उनकी न तो अभिवादन किया बल्कि युवतियों से अलग तक नही हट सके ,वही राजा शाम्ब ने महर्षि को उपहास किया जिससे क्रोधित होकर महर्षि गर्ग ने राजा शाम्ब को कुष्ट रोगी होने का श्राप दे दिया ,घटना की जानकारी होने पर भगवान श्री कृष्ण को बहुत दुख हुआ ,उन्होंने राजा शाम्ब को इस श्राप से मुक्ति के लिए शाकद्वीप से बैद व सूर्य उपासक ब्राह्मणों को बुला कर उपचार ओर भगवान सूर्य का उपासना करवाया ,वही जिन नदियों तलाबों के किनारे की मिटी व जल में गन्धक पाई गई वहां यज्ञ का आयोजन करवाकर अर्क स्थल के रूप में प्रतिष्ठापित किया,जिसमे बारह अर्क स्थल शामिल है जैसे उलार के औलार्क ,ओडिशा के कोणार्क,देव् के देवार्क, पंडारक के पुण्यार्क ,अंगाडी केऑंगर्क, काशी के लोलार्क,कन्दाहा सहरसा के मार्केंदयार्क ,उत्तराखंड के कटारमलके कटलार्क, बड़गांव के बालार्क,चन्द्रभागा नदी किनारे चनार्क,पंजाब के चिनाव नदी किनारे अदित्यर्क,एवम गुजरात के पुष्पवती नदी किनारे मोढेराक तब से आज तक हिन्दू धर्म के मानने वाले लोग इन स्थलों पर पूजा अर्चना कर वेयाधियो से मुक्ति पा रहे है ।
भारतीय इतिहास के अनुसार मुगल शासक औरंजेब ने इस स्थान पर बने मंदिरों को तोड़वा दिया था पर भक्त गन जीर्ण शीर्ण मंदिर के ऊपर लगे पीपल के पेड एवम जंगल रूपी स्थान में भगवान सूर्य के प्रतिमा की पूजा करते रहे ,अचानक 1948 में पहुचे सन्त सद गुरु अलबेला बाबा जी महाराज ने कटिया बाबा के बगीचा में रहने वाले एक संत नारायण दास उर्फ सुखलु दास के आग्रह पर पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना किये जिसके प्रभाव से पीपल का पेड़ सुख गया उसके बाद अलबेला बाबा ने महाराज ने स्थानीय लोगो एवम भक्तों के सहयोग से इस स्थान पर सूर्य मंदिर का निर्माण कराया लोगो को मानना है कि मंदिर के पास बने चमत्कारी सरोबर में स्नान करने से थकावट दूर हो जाती है एवम चरम रोगों से मुक्ति मिलती है ,इसके जल एवेम आस पास की मिटी के जांचों उपरांत गन्धक की मौजूदगी पाई गई वही मंदिर के महंत एवम पुजारी अवध विहारी दास जी महाराज ने बतलाया कि प्रत्येक रविवार को हजारो की संख्या में श्रद्धालु अहा आकर सरोबर में स्नान कर मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य को दूध से अभिषेक कराते है ,वही उन्हों ने बताया कि छठ पूजा के अवशर पर राज्य एवम देश के कोने कोNके से श्रद्धालुओं का आना होता है ,श्रद्धालुओ एवं भर्तियों की सुविधा के लिए पूर्व में मंदिर पूजा कमिटी की ओर से सभी बेवस्था की जाती थी लेकिन वर्ष 20016 में छठ पूजा के वेवस्था की जायजा लेने पहुचे पटना जिला विकाश आयुक्त अमरेंद्र कुमार विहार सरकार की ओर से 5 लाख की राशि उपलब्ध कराई थी ,तब से कार्तिक छठ पर्व के अवसर पर आयोजित होने वाली उलार्क महोतशव को संचलन के लिए सरकार की ओर से भी आर्थिक सहयोग किया जा रहा है ,साथ ही इस मंदिर को राष्टीय पंचाग से जोड़ दिया गया है वही इस वर्ष भी सरकार की ओर से मदद मिलने की उमीद की जा रही है ,।


Conclusion:मंदिर के वर्तमान महंथ अवध विहारी दस ने बताया कि इस वर्ष छठ व्रतियों के लिए सरकारी स्तर पर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है जिसमे रोशनी पानी शौचालय शहीत महिलाओं की प्रसाधन की सुविधा उपलब्ध रहे गया ,उन्हों ने बताया कि इस वर्ष 4से 5 लाख तक छठ व्रतियों के आने की संभावना है इसके मद्देनजर सुरक्षा सहित सुविधा का विशेस ध्यान दिया जा रहा है ,पालीगंज SDO सुरेंद्र कुमार DSP मनोज कुमार पांडे छठ व्रतियों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग विधुत विभाग पीएचडी विभाग सहित ब्लॉक स्तर के थानाध्यक्ष से सुरक्षा को लेकर लगातार बैठक कर समीक्षा किया जा रहा है ।
बाइट
1 मंदिर महंथ (श्री श्री अवध विहारी दास जी महाराज)
Last Updated : Oct 30, 2019, 7:34 AM IST
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