पटना: देश में कोरोना के नए मामले जेएन.1 वैरिएंट एक बार फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रखा है और इसको लेकर बिहार में भी सभी तैयारीयां पूरी कर ली गई है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड रिजर्व कर दिया गया है और आईसीयू बेड भी सीमित संख्या में तैयार करके रखे गए हैं.
बिहार में स्वास्थ्य विभाग की तैयारी: बीते दो दिनों से बिहार में कोरोना के मामले सामने नहीं आए हैं. स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर रंजीत कुमार ने बताया कि विगत दिनों कोरोना जांच की संख्या दोगुनी की गई है और 5000 सैंपलों की जांच हो रही है. लेकिन सभी रिपोर्ट नेगेटिव है और यह सुखद है.
अस्पतालों में कोरोना जांच अनिवार्य: अस्पताल में संक्रमण के लक्षण से आने वाले मरीजों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया गया है. सर्जरी से पूर्व भी मरीज की कोरोना जांच की जा रही है. वहीं अस्पतालों में चेहरे पर मास्क सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. हाइजीन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पीएमसीएच में 15 बेड कोरोना मरीज के लिए रिजर्व किए गए हैं. एम्स में भी कोरोना मरीज के इलाज के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.
अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट और दवाई की व्यवस्था: बताया गया कि नए वैरिएंट के मद्देनजर सभी अस्पतालों में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के सभी दवाइयां उपलब्ध हैं और ऑक्सीजन प्लांट भी सुचारू है. इसको लेकर आइजीआइएमएस पटना के एडिशनल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर अमरेश कृष्ण ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट 20-20 लीटर की क्षमता के दो लगे हुए हैं और दोनों सुचारू हैं. लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट को गैस में कन्वर्ट कर उससे पूरे अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई कराई जाती है.
कोविड मरीजों के लिए बेड रिजर्व: अस्पताल में 14 बेड कोविड वार्ड में कोरोना मरीज के लिए रिजर्व किया गया है. वहीं इमरजेंसी के तीन आईसीयू बेड भी अलग से रिजर्व रखे गए हैं. यदि अस्पताल में कोई पॉजिटिव आता है, तो उसके सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जाएगी. डॉ अमरेश कृष्ण ने बताया कि कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट अधिक घातक नहीं है और इससे डरने की जरूरत नहीं है.
"कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं है लेकिन सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है. भीड़भाड़ वाले इलाके में मास्क का प्रयोग करें और स्वसन संबंधी योग करें. हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और संक्रमण के लक्षण होने पर चेहरे पर मास्क का प्रयोग करते हुए लोगों से कम से कम मिले."- डॉ अमरेश कृष्ण, एडिशनल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, आइजीआइएमएस
'अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं': ऑक्सीजन प्लांट के पास मौजूद टेक्नीशियन प्रदीप कुमार ने बताया कि दोनों ऑक्सीजन प्लांट सुचारू है. लिक्विड ऑक्सीजन गैस आता है जिसे यहां रिफीलिंग किया जाता है और इसके बाद ऑक्सीजन के कंट्रोल रूम से पूरे अस्पताल की बिल्डिंग में हर बेड पर ऑक्सीजन पहुंचता है. अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और सभी ज़रूरतें अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट से पूरी हो जाती है.
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