नई दिल्ली/पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से बिहार में महागठबंधन की एकजुटता में दरार दिख रही है. महागठबंधन अंतिम सांसे गिन रही है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी अकेले बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा बिहार विधानसभा में नए गठबंधन की बात कह रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कई महीनों से सियासत में सक्रिय नहीं हैं. दूसरी तरफ हम पार्टी बिदक कर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है. वहीं बिहार से कांग्रेस एमएलसी एवं वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने महागठबंधन के अस्तित्व पर ही सवाल उठाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए बना था.
विधानसभा में बन सकता है नया गठबंधन
कांग्रेस नेता के मुताबिक, यह जरूरी नहीं है कि यही महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव में भी रहे. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक नया गठबंधन आकार ले सकता है. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में अभी एक साल की देरी है. आवश्यकता पड़ी तो लाइक माइंडेड पार्टियों को एकजुट किया जायेगा. इस तरह का निर्णय शीर्ष नेतृत्व लेगा. वर्तमान महागठबंधन के स्वरूप पर कहा कि यह गठबंधन विधानसभा में भी रहे यह जरूरी नहीं है. महागठबंधन में JDU की मौजूदगी के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.
तेजस्वी को सियासत में रहना चाहिए सक्रिय
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट महागठबंधन खाते में आया. वो भी कांग्रेस ने जीती. मौजूदा परिस्थितियां महागठबंधन के पक्ष में नहीं है. तेजस्वी यादव के सियासत से निष्क्रियता पर कहा कि तेजस्वी कहां हैं, आरजेडी ही बता सकती है. नेता प्रतिपक्ष को सियासत में सक्रिय रहना चाहिए. बिहार विधानसभा के सत्र में भी वह नहीं आते थे. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनी हैं. इसलिए हर चीज अब नए सिरे से होंगी. बिहार में कांग्रेस का लक्ष्य पार्टी की मजबूती और विस्तार करना है.