पटना/नई दिल्ली: भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेश के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक कीं. वित्तीय वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट के पहले राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री ने विचार-विमर्श के लिए बैठक कीं. ये मीटिंग 25 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में संपन्न हुई. बैठक में विभिन्न राज्यों के माननीय मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, भारत सरकार के वित्त सचिव एवं राज्यों के वित्त सचिव शामिल हुए.
ये भी पढ़ें- आज केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में शामिल होंगे विजय चौधरी, विशेष राज्य के दर्जे की रखेंगे मांग
केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ कीं बैठक : इस बजट-पूर्व बैठक में बिहार राज्य की ओर से वित्त, वाणिज्य-कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा अपर मुख्य सचिव, वित्त डाॅ एस सिद्धार्थ ने भाग लिया. वित्त मंत्री द्वारा अपने अभिभाषण में बिहार के आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के विकास में आनेवाली चुनौतियों की तरफ ध्यान आकर्षित किया गया और इसके समाधान के लिए सुझाव दिए गए. बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण बिन्दु एवं सुझाव इस प्रकार हैं:-
1. वित्तीय समेकन के दृष्टिकोण से बिहार जैसे पिछड़े राज्य की राजकोषीय घाटा सीमा को राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) का 4 प्रतिशत किया जाय.
2. केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं में बिहार को विशेष सहायता के रूप में केन्द्रांश-राज्यांश का Sharing Pattern 90:10 किया जाय.
3. आधारभूत संरचनाओं के विकास एवं परिसंपत्तियों के सृजन पर व्यय हेतु बिहार स्पेशल प्लान (द्वितीय चरण) के रूप में 20,000 करोड़ रूपये स्वीकृत किया जाय
4. केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या को नीति आयोग के निर्णय के अनुसार 30 तक ही सीमित रखा जाय. इससे अधिक की योजनाओं में व्यय की जानेवाली राशि भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत वहन करना चाहिए.
5. Single Nodal Account में 40 दिन के अंदर राज्यांश जमा करने की शर्त को समाप्त किया जाना चाहिए
6. Cess and Surcharge को केन्द्रीय विभाज्य पुल में शामिल किया जाना चाहिए ताकि इससे सभी राज्य लाभान्वित हो सकें
बैठक में बिहार के वित्त मंत्री हुए शामिल : इन सुझावों को आगामी केन्द्रीय बजट में सम्मिलित करने हेतु अनुरोध भी किया गया. वित्त मंत्री द्वारा अपने अभिभाषण के साथ राज्य की तरफ से केंद्रीय वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें राज्य के कई मांगों को रखा गया है जो निम्न है-
1. PMGSY पथों के अनुरक्षण एवं रख-रखाव मद में भी केन्द्रांश की राशि राज्यों को उपलब्ध कराई जाय
2. सुदूर पंचायतों, गांवों, हाट-बाजार को प्रखण्ड/अनुमण्डल एवं जिला से जोड़ने हेतु अतिरिक्त सुलभ संपर्क योजना के तहत राज्यों को निधि उपलब्ध कराई जाय
3. ऊर्जा के क्षेत्र में One Nation One Tariff लागू किया जाय
4. Smart Prepaid Meter के लिए नाबार्ड के RIAS Fund के तहत विद्युत वितरण कम्पनियों को ऋण उपलब्ध कराई जाए
5. समग्र शिक्षा के तहत भारत सरकार द्वारा शिक्षकों को वेतन मद में कटौती की गई राशि राज्यों को उपलब्ध कराई जाय
6. पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के कक्षा 1-8 तक के छात्रों को भी प्रधानमंत्री यशस्वी योजना के तहत 50ः50 के अनुपात में छात्रवृत्ति प्रदान किया जाय
7. राज्य में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के विकास हेतु आगामी बजट में अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराई जाय
8. राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना दरभंगा में किया जाय
9. कोशी-मेची नदी जोड़ योजना को High Powered Committee की अनुशंसा के आलोक में क्रियान्वयन किया जाय
Budget 2023-24 : इसके अतिरिक्त कई अन्य मुद्दे, जो भारत सरकार के अंतर्गत लम्बित हैं, उन्हें भी ज्ञापन में रखा गया है. गौरतलब है कि अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की कवायद बीते 10 अक्टूबर से शुरू हुई. 2023-24 का बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है. बता दें कि यह आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा.