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आज अपना 'फ्यूचर प्लान' बताएंगे JDU से निष्कासित नेता pk

प्रशांत किशोर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दो-दो हाथ करने के मूड में आ गए हैं. जब प्रशांत किशोर को जेडीयू से बाहर निकाला गया था तो उन्होंने साफ लफ्जों में कहा था कि वो राजनीति से कहीं दूर नहीं जा रहे हैं.

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Published : Feb 18, 2020, 7:08 AM IST

पटना
पटना

पटना: दिल्ली की सत्ता में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की वापसी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बड़ा रोल माना जा रहा है और वो भी बिहार को लेकर मन ही मन कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव प्रशांत किशोर के लिए अगली रणभूमि होगी.

प्रशांत किशोर जेडीयू से निकाले जाने के बाद पहली बार बिहार आ रहे हैं. खबरों की माने तो आज प्रशांत किशोर पटना में अपनी रणनीति का खुलासा कर सकते हैं. दरअसल, प्रशांत किशोर के बिहार आने का प्लान पहले ही बना रखा था. जब नीतीश कुमार ने नागरिकता कानून पर उन्हें हद में रहने की सलाह दे रहे थे तो प्रशांत किशोर का कहना था कि वे पट्ना पहुंच कर जवाब जरूर देंगे. तभी अगले ही दिन नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने प्रशांत किशोर को बाहर किये जाने की घोषणा कर दी.

पटना
सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर

...तो क्या 'आप' ज्वाइन करेंगे पीके?

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर के बिहार दौरे को लेकर पूछे सवाल पर कहा है कि कौन क्या करता है, उससे हम लोगों को कोई लेना-देना नहीं है. हम लोग नीतीश कुमार के विकास कार्य को लेकर ही जनता के बीच जाएंगे. प्रशांत किशोर किस पार्टी के लिए काम करेंगे, अभी तक कुछ भी साफ नहीं है. कई तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे हैं. बिहार में आप पार्टी के साथ भी जुड़ सकते हैं.

मिशन 2020: जातीय सर्वे में जुटी है pk की टीम

14 फरवरी को ईटीवी भारत ने एक खबर दिखाई थी. जिसमें हमारे संवाददाता ने यह बताया कि जेडीयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर अब बिहार में कुछ बड़ा गेम प्लान कर रहे हैं. एक दस्तावेज EXCLUSIVE ईटीवी भारत के हाथ लगा था. जिससे ये बातें पुख्ता होती दिख रही हैं कि अब प्रशांत किशोर की नजर बिहार पर है.

पेश है रिपोर्ट

दरअसल, प्रशांत किशोर ने गांव गांव में अपने लोगों को जातीय सर्वे में लगा दिया है. इस सर्वे में उनके कर्मचारी गांव-गांव घूम-घूमकर मुखिया, पोस्टमैन, ब्लॉक अधिकारी साथ ही गांव के लोगों की जाति की जानकारी जुटाई जा रही है. प्रशांत किशोर ने इसके लिए 300 कर्मचारियों को काम पर लगाया है. प्रशांत किशोर की टीम का टारगेट बिहार की 8000 पंचायतों के आंकड़े का है.

पटना
पंचायतों के लिए जारी दस्तावेज

ईटीवी भारत के हत्थे लगे दस्तावेज के मुताबिक प्रशांत किशोर ने एक एक्सल शीट अपने लोगों को दिया है. उसमें पिछले चुनावों में किस जाति का उम्मीदवार जीता इसके अलावा किन किन लोगों के वोट ज्यादा पोल हुए ये सभी जानकारी जुटाई जा रही है.

केजरीवाल के प्रचार में pk का अहम योगदान

बता दें कि प्रशांत किशोर आप के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने आप सरकार के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया.

पटना
अरविंद केजरीवाल के साथ प्रशांत किशोर

क्या प्रशांत किशोर के लिए नई रणभूमि अब बिहार?

प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक ने इससे पहले 2015 में बिहार नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था. इसके साथ ही उन्होंने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाइएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी.

हाल के दिनों में ममता बनर्जी से प्रशांत ने मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर पर हो होगी. ऐसे में बंगाल की कमान संभालने से पहले प्रशांत अपनी भूमिका तैयार कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या प्रशांत किशोर के लिए बंगाल से पहले नई रणभूमि अब बिहार है?

पटना: दिल्ली की सत्ता में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की वापसी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बड़ा रोल माना जा रहा है और वो भी बिहार को लेकर मन ही मन कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव प्रशांत किशोर के लिए अगली रणभूमि होगी.

प्रशांत किशोर जेडीयू से निकाले जाने के बाद पहली बार बिहार आ रहे हैं. खबरों की माने तो आज प्रशांत किशोर पटना में अपनी रणनीति का खुलासा कर सकते हैं. दरअसल, प्रशांत किशोर के बिहार आने का प्लान पहले ही बना रखा था. जब नीतीश कुमार ने नागरिकता कानून पर उन्हें हद में रहने की सलाह दे रहे थे तो प्रशांत किशोर का कहना था कि वे पट्ना पहुंच कर जवाब जरूर देंगे. तभी अगले ही दिन नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने प्रशांत किशोर को बाहर किये जाने की घोषणा कर दी.

पटना
सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर

...तो क्या 'आप' ज्वाइन करेंगे पीके?

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर के बिहार दौरे को लेकर पूछे सवाल पर कहा है कि कौन क्या करता है, उससे हम लोगों को कोई लेना-देना नहीं है. हम लोग नीतीश कुमार के विकास कार्य को लेकर ही जनता के बीच जाएंगे. प्रशांत किशोर किस पार्टी के लिए काम करेंगे, अभी तक कुछ भी साफ नहीं है. कई तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे हैं. बिहार में आप पार्टी के साथ भी जुड़ सकते हैं.

मिशन 2020: जातीय सर्वे में जुटी है pk की टीम

14 फरवरी को ईटीवी भारत ने एक खबर दिखाई थी. जिसमें हमारे संवाददाता ने यह बताया कि जेडीयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर अब बिहार में कुछ बड़ा गेम प्लान कर रहे हैं. एक दस्तावेज EXCLUSIVE ईटीवी भारत के हाथ लगा था. जिससे ये बातें पुख्ता होती दिख रही हैं कि अब प्रशांत किशोर की नजर बिहार पर है.

पेश है रिपोर्ट

दरअसल, प्रशांत किशोर ने गांव गांव में अपने लोगों को जातीय सर्वे में लगा दिया है. इस सर्वे में उनके कर्मचारी गांव-गांव घूम-घूमकर मुखिया, पोस्टमैन, ब्लॉक अधिकारी साथ ही गांव के लोगों की जाति की जानकारी जुटाई जा रही है. प्रशांत किशोर ने इसके लिए 300 कर्मचारियों को काम पर लगाया है. प्रशांत किशोर की टीम का टारगेट बिहार की 8000 पंचायतों के आंकड़े का है.

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पंचायतों के लिए जारी दस्तावेज

ईटीवी भारत के हत्थे लगे दस्तावेज के मुताबिक प्रशांत किशोर ने एक एक्सल शीट अपने लोगों को दिया है. उसमें पिछले चुनावों में किस जाति का उम्मीदवार जीता इसके अलावा किन किन लोगों के वोट ज्यादा पोल हुए ये सभी जानकारी जुटाई जा रही है.

केजरीवाल के प्रचार में pk का अहम योगदान

बता दें कि प्रशांत किशोर आप के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने आप सरकार के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया.

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अरविंद केजरीवाल के साथ प्रशांत किशोर

क्या प्रशांत किशोर के लिए नई रणभूमि अब बिहार?

प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक ने इससे पहले 2015 में बिहार नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था. इसके साथ ही उन्होंने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाइएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी.

हाल के दिनों में ममता बनर्जी से प्रशांत ने मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर पर हो होगी. ऐसे में बंगाल की कमान संभालने से पहले प्रशांत अपनी भूमिका तैयार कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या प्रशांत किशोर के लिए बंगाल से पहले नई रणभूमि अब बिहार है?

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