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Law And Order Of Bihar: 'नीतीश कुमार का ध्यान कानून-व्यवस्था पर नहीं, कुर्सी बचाने पर है..' PK का CM पर बड़ा हमला

क्या बिहार में कानून व्यवस्था के बिगड़ने के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही जिम्मेदार हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि कभी उनके चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने उन पर आरोप लगाया है कि सीएम के पास गृह मंत्रालय है लेकिन उनका ध्यान काम पर नहीं, राजनीतिक गठजोड़ बनाने पर है. उन्होंने कहा कि सूबे में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं.

जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर
जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर
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Published : Jul 25, 2023, 3:25 PM IST

जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में पिछले दो-तीन दिनों से स्थिति तनावपूर्व है. शहर से लेकर गांव तक पथराव और उत्पात की सूचनाएं सामने आ रही हैं. कहीं झंडे लगाने को लेकर तो कहीं जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी हो रही है. इस बीच जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने खराब कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि एक तो सीएम का ध्यान सिर्फ कुर्सी बचाने पर लगा है, ऊपर से आरजेडी के साथ गठबंधन के बाद असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है.

ये भी पढ़ें: Darbhanga News: मुहर्रम झंडा लगाने को लेकर विवाद, दो पक्षों में जमकर रोड़ेबाजी, देखें VIDEO

"कानून व्यवस्था महागठबंधन की सरकार बनने से पहले भी बहुत अच्छी नहीं थी. इसकी वजह ये है कि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है और उनका ध्यान कानून-व्यवस्था पर नहीं बल्कि राजनीतिक गठजोड़ और कुर्सी बचाने पर लगा है. यही वजह है कि लगातार प्रदेश में अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं"- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम पर भड़के पीके: प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोकस शासन-प्रशासन पर नहीं है. सीएम अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण लोभ में पड़े हुए हैं. कभी भागकर इधर तो कभी पलटकर उधर जाते हैं. जब आपका पूरा समय कुर्सी बचाने पर लगा रहेगा तो विभाग कैसे संभलेगा.

शराबबंदी बन गई है पुलिस की प्राथमिकता: पीके ने खराब कानून-व्यवस्था के लिए दूसरी वजह गिनाते हुए कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के नाम पर पुलिस दिनभर उसी में लगी रहती है. राज्य सरकार द्वारा ये जो शराबबंदी का कानून लागू किया गया है, इसे लागू करने से सिर्फ शराब की दुकानें बंद हुईं लेकिन अभी भी घर-घर शराब बिक ही रही है. प्रशासन की प्राथमिकता शराबबंदी हो गई है. शराबबंदी लागू करो, शराबबंदी हटाओ, शराबबंदी से कमाओ, शराबबंदी को छुपाओ. ऐसे में सामान्य कानून व्यवस्था की स्थिति तो बिगड़ेगी ही.

आरजेडी की सरकार में अपराध बढ़े: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि सामान्य तौर पर ये देखा गया है कि जब भी आरजेडी सत्ता में आता है तो असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है. ये हाल हम बिहार में देख रहे हैं कि पिछले चार-पांच महीनों से बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ रही है. उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब से लोगों के मन में आंशका है कि कानून व्यवस्था बिहार में बिगड़ेगी.

जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में पिछले दो-तीन दिनों से स्थिति तनावपूर्व है. शहर से लेकर गांव तक पथराव और उत्पात की सूचनाएं सामने आ रही हैं. कहीं झंडे लगाने को लेकर तो कहीं जमीन को लेकर दो समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी हो रही है. इस बीच जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने खराब कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि एक तो सीएम का ध्यान सिर्फ कुर्सी बचाने पर लगा है, ऊपर से आरजेडी के साथ गठबंधन के बाद असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है.

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"कानून व्यवस्था महागठबंधन की सरकार बनने से पहले भी बहुत अच्छी नहीं थी. इसकी वजह ये है कि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है और उनका ध्यान कानून-व्यवस्था पर नहीं बल्कि राजनीतिक गठजोड़ और कुर्सी बचाने पर लगा है. यही वजह है कि लगातार प्रदेश में अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं"- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम पर भड़के पीके: प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोकस शासन-प्रशासन पर नहीं है. सीएम अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण लोभ में पड़े हुए हैं. कभी भागकर इधर तो कभी पलटकर उधर जाते हैं. जब आपका पूरा समय कुर्सी बचाने पर लगा रहेगा तो विभाग कैसे संभलेगा.

शराबबंदी बन गई है पुलिस की प्राथमिकता: पीके ने खराब कानून-व्यवस्था के लिए दूसरी वजह गिनाते हुए कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के नाम पर पुलिस दिनभर उसी में लगी रहती है. राज्य सरकार द्वारा ये जो शराबबंदी का कानून लागू किया गया है, इसे लागू करने से सिर्फ शराब की दुकानें बंद हुईं लेकिन अभी भी घर-घर शराब बिक ही रही है. प्रशासन की प्राथमिकता शराबबंदी हो गई है. शराबबंदी लागू करो, शराबबंदी हटाओ, शराबबंदी से कमाओ, शराबबंदी को छुपाओ. ऐसे में सामान्य कानून व्यवस्था की स्थिति तो बिगड़ेगी ही.

आरजेडी की सरकार में अपराध बढ़े: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि सामान्य तौर पर ये देखा गया है कि जब भी आरजेडी सत्ता में आता है तो असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ जाता है. ये हाल हम बिहार में देख रहे हैं कि पिछले चार-पांच महीनों से बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ रही है. उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब से लोगों के मन में आंशका है कि कानून व्यवस्था बिहार में बिगड़ेगी.

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