पटना : बिहार में जीतन राम मांझी की पार्टी ने महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. इस पर प्रशांत किशोर ने निशाना साधते हुए कहा कि जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष सुमन मांझी को सीएम बनाना चाहते हैं. बिहार में सियासत 'जाति' पर नहीं बल्कि 'परिवार' के लिए चल रही है. अगर राजनीति जाति पर चल रही होती तो जीतन राम मांझी किसी दूसरे दलित के बेटे को सीएम क्यों नहीं बनाना चाहते?. लालू यादव किसी दूसरे यादव समाज के बेटे को सीएम क्यों नहीं बनाना चाहते. क्या दलित और यादव समाज में दूसरा कोई काबिल आदमी नहीं है?
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''आपने कभी सुना है कि लालू यादव ने कहा हो कि यादव समाज का लड़का बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनेगा? क्या यादव समाज में उनके लड़के के अलावा और कोई पढ़ा-लिखा आदमी नहीं है? आज सब नेता अपने-अपने परिवार को राजनीति में लाने और कोई न कोई पद दिलवाने में लगे हैं.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'बिहार में परिवार पॉलिटिक्स' : प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा कि आज के नेता 'जाति' की राजनीति को किसी भी सूरत में नहीं करना चाहते. आज के नेता सिर्फ अपना और अपने 'लड़के' की चिंता कर रहे हैं. जाति-धर्म के फेर में सिर्फ और सिर्फ आम लोग पड़े हैं. इसलिए बिहार में ये कहना कि कास्ट पॉलिटिक्स हो रही है तो ये गलत है. ये उससे आगे बढ़कर परिवारवाद पर केंद्रित हो चुका है.
संतोष सुमन मांझी ने दिया इस्तीफा : बता दें कि 13 जून को जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने नीतीश की जेडीयू पर आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के अस्तित्व पर खतरा था इसलिए वो महागठबंधन की सरकार से इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं इस मामले में महागठबंधन की सरकार ये बताने में लगी है कि मांझी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने से सरकार पर कोई खतरा नहीं है.