पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार से फिर बिहार में राजनीतिक एंट्री (Prashant Kishor on Bihar Politics) लेने वाले हैं और इसको लेकर उन्होंने ट्वीट कर संकेत दिए हैं. प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि 'जनता के बीच जाने का समय आ गया है. बिहार से इसकी शुरुआत होगी.' कांग्रेस से ब्रेकअप के बाद प्रशांत किशोर ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं कि जिससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों को चुनौती मिलने वाली है. पीके ने अपने ट्वीट में ये खुलासा नहीं किया है कि उनकी पार्टी कब लॉन्च हो रही है. बल्कि ट्वीट के जरिए एक विकल्प बनने का संकेत जरूर दिया गया है.
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My quest to be a meaningful participant in democracy & help shape pro-people policy led to a 10yr rollercoaster ride!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
As I turn the page, time to go to the Real Masters, THE PEOPLE,to better understand the issues & the path to “जन सुराज”-Peoples Good Governance
शुरुआत #बिहार से
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— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 2, 2022
As I turn the page, time to go to the Real Masters, THE PEOPLE,to better understand the issues & the path to “जन सुराज”-Peoples Good Governance
शुरुआत #बिहार से
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, 'लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी खोज ने 10 साल के रोलरकोस्टर की सवारी का नेतृत्व किया. जैसे ही मैं पन्नों को पलटता हूं, पता चलता है कि अब मुद्दों और 'जन सुराज' के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से होगी.'
नई शुरुआत बिहार से करेंगे पीके: प्रशांत किशोर की घोषणा ट्विटर पर उनके बयान के एक हफ्ते के भीतर तब हुई है, जब उन्होंने 2024 के आम चुनावों के लिए संगठन को मजबूत करने के लिए एक समूह में शामिल होने के लिए कांग्रेस (EAG) की पेशकश को अस्वीकार कर दिया था. प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में नए नहीं हैं, क्योंकि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
PK कर रहे नई पार्टी की तैयारी: 2014 में नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत के बाद चमके प्रशांत किशोर एक चुनावी रणनीतिकार माने जाने लगे. उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस फिर जेडीयू से जुड़ गए. कुछ दिनों तक जेडीयू में अहम दायित्व का निर्वहन भी किया लेकिन उसे छोड़कर और कांग्रेस के एक बड़े ऑफर को ठुकराकर (Empowered Action Group) नई पार्टी बनाने पर फोकस किया है. यानी जल्द ही प्रशांत किशोर दूसरी पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति ना बनाकर अपनी खुद की पार्टी के लिए व्यूह रचते सियासी मैदान में नजर आएंगे.
कौन हैं प्रशांत किशोर? : प्रशांत किशोर का जन्म बिहार के बक्सर में साल 1977 में हुआ था. उनकी मां उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की तो पिता बिहार के रहने वाले हैं. 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाने की वजह से वह चर्चा में आए थे. प्रशांत किशोर को उम्दा चुनावी रणनीतिकार माना जाता है. पर्दे के पीछे से पार्टियों को सत्ता तक पहुंचाना इनकी रणनीति को खास बनाता है. 34 साल की उम्र में अफ्रीका से यूएन (संयुक्त राष्ट्र) की नौकरी छोड़कर 2011 में गुजरात में नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे. इनके आने से राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हो गया. पीके इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) नाम का संगठन भी चलाते हैं.
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