पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगतार आरजेडी पर हमला बोल रहे हैं. इसी कड़ी में आज एक बार फिर उन्होंने कहा कि आज लोकसभा के 543 सांसदों में से आरजेडी के शून्य सांसद हैं. बिहार में लोगों को लगता होगा कि आरजेडी बहुत बड़ी पार्टी है, लेकिन चुनाव की समझ हमको भी है. पिछले 10 सालों में हमने भी यही काम किया है. पिछले विधानसभा में कुछ परिस्थितियां बन गई. इस कारण इनके बीस तीस ज्यादा विधायक जीत गए.
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आरजेडी में कोई ताकत नहीं: प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर हम अपने घर के बाहर अमेरिका के राष्ट्रपति का चेयर लगा कर आपको बैठा दें तो इसका क्या मतलब है. आप अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे. पहले अपना एक एमपी तो जीताकर दिखाएं. आरजेडी का अपना ठिकाना नहीं है और देश का प्रधानमंत्री बनाने चले हैं. बिहार की जनता ने चालीस में राजद का एक एमपी नहीं जिताया है और आपलोग समझ रहे हैं. राजद इतना बड़ा दल है. अभी तो चुनाव हुआ था. कितना एमपी आरजेडी का बना.
"लोकसभा के 543 सांसदों में से आरजेडी के शून्य सांसद हैं. बिहार में लोगों को लगता होगा कि आरजेडी बहुत बड़ी पार्टी है. पिछले विधानसभा में कुछ परिस्थितियां बन गई. इस कारण इनके बीस तीस ज्यादा विधायक जीत गए. अगर हम अपने घर के बाहर अमेरिका के राष्ट्रपति का चेयर लगा कर आपको बैठा दें तो इसका क्या मतलब है. आप अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे. पहले अपना एक एमपी तो जीताकर दिखाएं" - प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज पार्टी
हर राज्य में आरजेडी जैसी पार्टी: प्रशांत किशोर ने कहा कि यह सोचने वाली बात है जो अपने राज्य में हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा सकते. वह प्रधानमंत्री बनाने चले है. तेजस्वी यादव को पता होना चाहिए कि देश की जनता बेवकूफ नहीं है. बिहार में जब से महा गठबंधन की सरकार बनी है तब से बिहार में अपराधिक घटनाएं बढ़ गए हैं और जनता इसका जवाब चुनाव के समय में देगी. आरजेडी जैसी पार्टी हर राज्य में है इसलिए तेजस्वी यादव अपने राज्य को पहले ठीक कर लें.
विपक्षी एकजुटता सिर्फ दिखावे के लिए: प्रशांत किशोर ने कहा की आरजेडी पहले राज्य की जनता के उम्मीदों पर खरा उतरने का काम करे. उसके बाद प्रधानमंत्री बनाने का सपना देखें. बिहार में आरजेडी का ना कोई वजूद है और ना ही कोई ताकत. इसलिए जनता महागठबंधन की सरकार से त्रस्त है. इन्होंने विपक्ष एकजुटता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विपक्ष में मतभेद है. एकजुटता कहां से हो सकती है. वह सिर्फ दिखावे के लिए एकजुट किया जा रहा है. इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकलने वाला है और ना ही प्रधानमंत्री की सीट खाली है.