पटनाः बिहार में लॉकडाउन से आम लोग भले ही परेशान हैं. लेकिन राजधानी पटना के लिए लॉकडाउन संजीवनी की तरह साबित हुई है. बिहार के तमाम शहरों में प्रदूषण निचले स्तर पर है. ऐसे में सामान्य स्थिति में भी पर्यावरण संकट से उबरने के लिए सप्ताह में 2 दिन लॉकडाउन करने की मांग उठने लगी है.
राजधानी पटना डेंजर जोन से निकलकर हुआ मॉडरेट
कुछ महीने पहले तक बिहार के लोग प्रदूषण के चलते परेशान थे और पटना सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में पहुंच गया था. लेकिन लॉकडाउन ने जहां आम लोगों को राहत दी. वहीं, पेड़-पौधे पशु पक्षी सबको अठखेलियां करने का मौका मिल गया. राजधानी पटना में प्रदूषण का स्तर पहले से काफी कम हो गया है. जिससे ये डेंजर जोन से निकलकर मॉडरेट हो गया है.
16 मार्च से 31 मार्च तक का विभिन्न शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स
Date | Patna | gaya | muzaffarpur |
16 | 138 | 117 | 94 |
17 | 167 | 76 | 95 |
18 | 164 | 57 | 109 |
19 | 170 | 89 | |
20 | 134 | 88 | |
21 | 239 | 158 | 228 |
22 | 122 | 119 | 107 |
23 | 112 | 126 | 241 |
24 | 112 | 144 | 250 |
25 | 96 | 136 | 273 |
26 | 112 | 75 | 275 |
27 | 49 | 81 | 80 |
28 | 54 | 88 | 256 |
29 | 56 | 111 | 176 |
30 | 56 | 114 | 153 |
31 | 80 | 144 |
प्रदूषण की वजह से हुई मौत
बिहार के गया और मुजफ्फरपुर में प्रदूषण की वजह से 2000 से लेकर 2017 के बीच औसतन 710 से 531 मौतें हुई. पटना स्थित एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के रिसर्च के मुताबिक साल 2017 में प्रदूषण की वजह से बिहार में 91458 लोगों की मौत हुई. इनमें से 14929 छोटे बच्चे थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी.
वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक
राजधानी पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स दिसंबर महीने के तीसरे सप्ताह में 500 तक पहुंच गया था. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स का औसत 120 है. दीपावली के आसपास वायु प्रदूषण का स्तर सबसे खतरनाक हो जाता है.
- एक नजर डालते हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर
28 अक्टूबर- 334, बहुत खराब - 29 अक्टूबर- 365 बहुत खराब
- 30 अक्टूबर- 359 बहुत खराब
- 1 नवंबर- 357 बहुत खराब
- 2 नवंबर- 428 कष्टप्रद और घातक
पटना में पीएम 2.5 का स्तर आमतौर पर खतरनाक स्तर पर देखा गया है. नवंबर के पहले सप्ताह में पीएम 2.5 का स्तर 288 माइक्रोग्राम था. जो पिछले साल के मुकाबले 140 माइक्रोग्राम अधिक था. प्रदूषण विभाग के मुताबिक पीएम 2.5 लॉकडाउन से पहले औसतन 250 हुआ करता था. लेकिन लॉक डाउन के बाद आंकड़ा 100 से 110 के बीच हो गया.
सप्ताह में 2 दिन लॉक डाउन
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन अशोक घोष ने कहा कि लॉकडाउन के बाद पटना में प्रदूषण का स्तर अपने आप में आश्चर्यजनक है. मुजफ्फरपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स अच्छा है और राजधानी पटना का मॉडरेट है जो राजधानीवासियों के लिए खुशखबरी है. प्रदूषण नहीं होने की वजह से आकाश बिल्कुल साफ है. पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी है और पेड़ पौधों पर भी इसका असर साफ देखा जा सकता है. अशोक घोष ने कहा कि हम सरकार के सामने सप्ताह में 2 दिन शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का प्रस्ताव रखेंगे.
भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम
पर्यावरणविद रंजीव ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन की वजह से पटना प्रदूषित शहरों में से एक है. बिहार में मानव जनित प्रदूषण है. अगर हम अभी नहीं संभले तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
इम्यूनिटी पावर में हुई वृद्धि
राजवंशी नगर हॉस्पिटल के निदेशक सुभाष चंद्रा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हम शुद्ध ऑक्सीजन ले पा रहे हैं. जिससे अस्थमा के रोगी, हृदय रोग की समस्या और एलर्जी से ग्रसित लोगों को काफी राहत मिली है. साथ ही लोगों के इम्यूनिटी पावर में भी वृद्धि हुई है.