पटना: वाहन प्रदूषण जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी करते ही केंद्र संचालक के खाते से सरकारी राजस्व का पैसा कट जाएगा और सीधे सरकार के खाते में चला जायेगा. वहीं 1 जनवरी 2021 के पहले प्रीपेड मॉडल लागू नहीं करने वाले वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों के विरुद्ध संबंधित जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
'1 जनवरी 2021 से राज्य में संचालित एवं नए खुलने वाले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र प्रीपेड मॉड्यूल पर ही काम करेगा. इस नई व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र 31 दिसंबर 2020 तक इस मॉडल के तहत रिचार्ज अग्रिम में करवा सकेंगे. जो दिनांक 1.1.2021 से एक्टिव होगा. 31 दिसंबर 2020 तक प्रदूषण प्रमाण पत्र पुरानी व्यवस्था के तहत निर्गत होंगे.'- संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र भी होंगे प्रीपेड रिचार्ज
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या 1000 से अधिक है. इन सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों से प्रदूषण प्रमाण पत्र निर्गत करने के विरुद्ध सरकारी राजस्व का वाहनवार विवरण प्राप्त नहीं हो पा रहा है. इस उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है.