पटनाः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को लेकर बिहार में एक बार फिर से सियासत गरमाने लगी है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है और पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन आरजेडी लगातार आरोप लगाता रहा है कि सरकार सफेदपोश लोगों को बचाने में लगी हुई है.
विपक्ष का कहना है कि तोंद वाले और मूंछ वाले को कटघरे में खड़े किए बिना पीड़िताओं को न्याय मिलने वाला नहीं है. वहीं, जेडीयू का कहना है कि विपक्ष को अगर सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है, तो ये अराजक स्थिति है.
अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा
बिहार में मुजफ्फरपुर सहित अन्य शेल्टर होम को लेकर नीतीश सरकार पर कई तरह के आरोप लगे थे. तेजस्वी यादव ने इसको लेकर आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार दोषियों को बचाने में लगी है, अब सीबीआई की रिपोर्ट पर भी सियासत शुरू है. सीबीआई ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. आरजेडी के नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जब तक तोंद वाले और मूंछ वाले जिनका जिक्र बच्चियों ने किया था कटघरे में खड़े नहीं होते हैं, पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट पर होना चाहिए भरोसा
विपक्ष के आरोप पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि बिहार सरकार ने सीबीआई जांच से पहले भी अपनी एजेंसी से जांच करवाई थी. सीबीआई ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है उस पर सरकार अपना काम करेगी, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में है और विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट पर तो भरोसा होना चाहिये.
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पूरे देश में हुई थी सरकार की बदनामी
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को लेकर नीतीश सरकार की पूरे देश में बदनामी हुई थी. समाज कल्याण मंत्री तक को इस्तीफा देना पड़ा था. पूरे मामले में सीबीआई जांच कर रही है और मामला सुप्रीम कोर्ट देख रहा है. हालांकि सीबीआई अधिकारियों के तबादले को लेकर भी सवाल खड़े होते रहे हैं. वहीं, विपक्ष अभी भी तोंद वाले और मूंछ वाले का सवाल खड़ा कर दोषियों को बचाने का आरोप लगा रहा है.