पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) एक बार फिर से विपक्षी एकजुटता को लेकर 3 दिवसीय दौरे पर दिल्ली गए हैं. जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्षी नेताओं के साथ उनकी मुलाकात होगी. वहीं, नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) से भी मिलेंगे. मिशन 2024 के लिए मुख्यमंत्री विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम इससे पहले भी विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर चुके हैं लेकिन उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली.
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दिल्ली दौरे पर सीएम नीतीश: हाल ही में जदयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी कह रही है कि विपक्ष में प्रधानमंत्री पद के कई दावेदार हैं. ऐसे में दूर-दूर तक विपक्षी एकजुटता होने की उम्मीद नहीं दिख रही है. वहीं, जदयू के नेता का दावा है कि नीतीश कुमार जो भी सोचते हैं, उसे जमीन पर उतारते हैं. हालांकि नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.
विपक्षी नेताओं से करेंगे मुलाकात: बिहार में महागठबंधन बनाने के बाद नीतीश कुमार मिशन 2024 के तहत विपक्ष को पूरे देश में एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. और बिना कांग्रेस के विपक्षी एकजुटता सफल नहीं होने की बात भी कह रहे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया था. उसके बाद ही विपक्षी एकजुटता की पहल आगे बढ़ने की बात का मुख्यमंत्री ने भी संकेत दिया था.
नीतीश के दौरे पर सियालत: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे में इस बार मलिकार्जुन खरगे के साथ विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 13 अप्रैल तक सीएम नीतीश के दिल्ली में रहने की सूचना है. 13 अप्रैल की शाम को वो पटना लौटेंगे. लेकिन उससे पहले कई दलों के नेताओं से उनकी मुलाकात होगी. नीतीश के दिल्ली दौरे के दौरान क्या-क्या सियासी घटनाक्रम होने वाली है. इस पर बीजेपी भी नजरें बनाई हुई है.
"नीतीश कुमार जो सोचते हैं, उसे जमीन पर उतारते हैं. उनकी सोच है 2024 के लिए विपक्ष एकजुट हो और उसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं."- संजय गांधी, जदयू विधान पार्षद
"पहले भी प्रयास किए गए हैं. लेकिन प्रयास हवा में हो रहे हैं. क्योंकि विपक्ष में प्रधानमंत्री पद के लिए एक दर्जन उम्मीदवार हैं. ऐसे में दूर-दूर तक विपक्षी एकजुटता कि कोई उम्मीद नहीं है."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोक जनता दल
"विपक्षी दलों के बीच एकजुटता हो ही नहीं सकती है. विपक्ष में पीएम पद के एक से अधिक दावेदार हैं. जब एक दावेदार होंगे, तभी न एकजुटता हो सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली इलाज कराने जाते हैं और इलाज कराने के बहाने ही विपक्षी एकजुटता की बात भी करते हैं."- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
पहले भी दो बार कर चुके हैं दौरा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी दो बार दिल्ली जा चुके हैं. चार्टर्ड प्लेन से विपक्षी एकजुटता के लिए पहले दिल्ली गए थे. जहां वो अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डी राजा, देवगौड़ा, अखिलेश यादव, दीपंकर भट्टाचार्य सरीखे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी और उससे पहले पटना में केसीआर से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है.
कांग्रेस को साथ लेकर चलना चाहते हैं सीएम: नीतीश कुमार कांग्रेस को साथ लेकर विपक्षी एकजुटता बनाने के पक्षधर हैं, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने के पक्ष में नहीं है. इसी कारण नीतीश कुमार की मुहिम उस समय बहुत आगे नहीं बढ़ सकी. अब एक बार फिर से सीएम नीतीश ने प्रयास शुरू किया है. जिस पर सियासत शुरू हो गई है.