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CAA को लेकर राज्य में चढ़ा सियासी पारा, पक्ष-विपक्ष आमने सामने

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Published : Dec 19, 2019, 10:46 PM IST

नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित किया जा चुका है. लेकिन इसके बाद भी इस कानून का विरोध जारी है. बिहार में भी राजनीतिक दल नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो खेमे में बढ़ चुके हैं. एनडीए के घटक दल जहां बिल के पक्ष में हैं. वहीं महागठबंधन खेमा इसका काफी विरोध कर रहा है.

पटना
पटना

पटना: नागरिकता संशोधित कानून को लेकर राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस कानून के विरोध में विपक्षी राजनीतिक पार्टियां सड़क पर उतरने लगी है. केंद्र सरकार पर कानून को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. तो वहीं, केंद्र सरकार भी अपने फैसले पर अडिग है.

बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर भी हो गया है. लेकिन इसके बाद भी इस कानून का विरोध जारी है. कुछ राज्यों ने अपने यहां इस कानून को लागू करने से मना कर दिया है. तो कुछ राज्यों में इसके खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. बिहार में भी राजनीतिक दल नागरिकता संशोधित कानून को लेकर दो खेमे में बढ़ चुके हैं. एनडीए के घटक दल जहां बिल के पक्ष में हैं. वहीं महागठबंधन खेमा इसका काफी विरोध कर रहा है.

सीएए पर नेताओं का बयान

विपक्ष पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप
इस कानून को वापस लेने के लिए कई राजनीतिक दलों की तरफ से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. इस कड़ी में पहले वामदलों ने बंद का आह्वान किया और फिर अब राजद बिहार बंद की तैयारी में है. वहीं, भाजपा ने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है. लोक स्वास्थ्य और अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा है कि नागरिकता संशोधित कानून के बारे में ज्यादातर विपक्षी नेताओं को जानकारी ही नहीं है. वो सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं. इस कानून से भारत में रहने वाले लोगों का कोई सरोकार नहीं है. इसमें तो दूसरे देशों से धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आने वाले लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा रहा ध्यान
इस कानून को लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष को केंद्र सरकार के मंसूबों पर संदेह है. विपक्षी नेताओं ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि सीएए के बाद अगर एनआरसी आ जाएगा तो आम लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि केंद्र सरकार वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है. इसलिए ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं.

पटना: नागरिकता संशोधित कानून को लेकर राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस कानून के विरोध में विपक्षी राजनीतिक पार्टियां सड़क पर उतरने लगी है. केंद्र सरकार पर कानून को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. तो वहीं, केंद्र सरकार भी अपने फैसले पर अडिग है.

बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर भी हो गया है. लेकिन इसके बाद भी इस कानून का विरोध जारी है. कुछ राज्यों ने अपने यहां इस कानून को लागू करने से मना कर दिया है. तो कुछ राज्यों में इसके खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. बिहार में भी राजनीतिक दल नागरिकता संशोधित कानून को लेकर दो खेमे में बढ़ चुके हैं. एनडीए के घटक दल जहां बिल के पक्ष में हैं. वहीं महागठबंधन खेमा इसका काफी विरोध कर रहा है.

सीएए पर नेताओं का बयान

विपक्ष पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप
इस कानून को वापस लेने के लिए कई राजनीतिक दलों की तरफ से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. इस कड़ी में पहले वामदलों ने बंद का आह्वान किया और फिर अब राजद बिहार बंद की तैयारी में है. वहीं, भाजपा ने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है. लोक स्वास्थ्य और अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा है कि नागरिकता संशोधित कानून के बारे में ज्यादातर विपक्षी नेताओं को जानकारी ही नहीं है. वो सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं. इस कानून से भारत में रहने वाले लोगों का कोई सरोकार नहीं है. इसमें तो दूसरे देशों से धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आने वाले लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा रहा ध्यान
इस कानून को लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष को केंद्र सरकार के मंसूबों पर संदेह है. विपक्षी नेताओं ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि सीएए के बाद अगर एनआरसी आ जाएगा तो आम लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि केंद्र सरकार वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है. इसलिए ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं.

Intro:नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है विधायक को लेकर राजनीतिक दलों ने सड़क पर उतरना शुरू कर दिया है विपक्ष केंद्र सरकार पर बिल वापस लेने का दबाव बना रहे हैं तो केंद्र भी अपने फैसले पर अडिग दिखाई देती है


Body:नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष उत्तरा सड़क पर

नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित किया जा चुका है लेकिन बिल को लेकर विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं कुछ राज्यों ने अपने यहां बिल को लागू करने से मना कर दिया तो कुछ राज्यों में आंदोलन हो रहे हैं बिहार में भी राजनीतिक दल नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर दो खेमे में बढ़ चुके हैं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल जहां बिल के पक्ष में है वही महागठबंधन खेमा तीव्र विरोध कर रहा है


Conclusion:भाजपा ने विपक्ष पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप

बिल को वापस लेने के लिए बिहार के कई राजनीतिक दल केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं पहले तो वामदलों ने बंद का आह्वान किया और फिर अब राजद बिहार बंद की तैयारी में है भाजपा ने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है भाजपा नेता और बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में ज्यादातर विपक्षी नेताओं को जानकारी नहीं है वह सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं दिल से भारत में रहने वाले लोगों का कोई सरोकार नहीं है जो दूसरे देशों से प्रताड़ित होकर आएंगे उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है।
विपक्ष को केंद्र सरकार के मंसूबों पर संदेह है विपक्षी नेताओं का मानना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के बाद अगर एनआरसी आ जाएगा तो आम लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका ना चाहती है लिहाजा ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं
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