पटना: इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में वोट बैंक को लेकर सियासत तेज है. जेडीयू ने बीते सोमवार को महाराणा प्रताप के नाम पर राजपूतों को लेकर एक बड़ा सम्मेलन किया. इसे आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ताजपोशी के बाद जेडीयू का जवाब माना जा रहा है.
दरअसल, महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश ने पूर्व सहयोगी आनंद मोहन की रिहाई का जिक्र किया. जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि राजपूत वोट बैंक पर जेडीयू की नजर है. जिससे बिहार में राजपूत वोट बैंक को लेकर एक बड़ी सियासत की चर्चा हो रही है.
'हारने से डरी हुई है जेडीयू'
आरजेडी ने इसे जेडीयू की बेचैनी बताया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि चुनावी साल में जेडीयू वोट बैंक के लिए राजनीति कर रही है. लेकिन, उससे उनका कोई भला नहीं होने वाला. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी में रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह जैसे बड़े नेता पार्टी के आधार स्तंभ हैं, ये लोग शुरुआत से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं.
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विपक्ष ने किया पलटवार
आरजेडी के आरोपों को एनडीए नेता और बिहार सरकार के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बेबुनियाद करार दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे लोग और ऐसी छोटी पार्टियां इस तरह के काम करती रहती हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में भी एनडीए भारी बहुमत से जीत हासिल करेगा.