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बिहार विधानसभा चुनाव: राजपूत वोट बैंक को लेकर NDA और RJD में बयानबाजी तेज - बिहार राजनीति

महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश ने पूर्व सहयोगी आनंद मोहन की रिहाई का जिक्र किया. जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि राजपूत वोट बैंक पर जेडीयू की नजर है.

मृत्युंजय तिवारी और राणा रणधीर सिंह
मृत्युंजय तिवारी और राणा रणधीर सिंह
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Published : Jan 21, 2020, 4:42 PM IST

पटना: इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में वोट बैंक को लेकर सियासत तेज है. जेडीयू ने बीते सोमवार को महाराणा प्रताप के नाम पर राजपूतों को लेकर एक बड़ा सम्मेलन किया. इसे आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ताजपोशी के बाद जेडीयू का जवाब माना जा रहा है.

दरअसल, महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश ने पूर्व सहयोगी आनंद मोहन की रिहाई का जिक्र किया. जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि राजपूत वोट बैंक पर जेडीयू की नजर है. जिससे बिहार में राजपूत वोट बैंक को लेकर एक बड़ी सियासत की चर्चा हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'हारने से डरी हुई है जेडीयू'
आरजेडी ने इसे जेडीयू की बेचैनी बताया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि चुनावी साल में जेडीयू वोट बैंक के लिए राजनीति कर रही है. लेकिन, उससे उनका कोई भला नहीं होने वाला. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी में रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह जैसे बड़े नेता पार्टी के आधार स्तंभ हैं, ये लोग शुरुआत से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं.

ये भी पढे़ें: बोले प्रेम रंजन पटेल- पवन वर्मा की चाहत पूरी नहीं हुई होगी, इसलिए कर रहे हैं बगावत

विपक्ष ने किया पलटवार
आरजेडी के आरोपों को एनडीए नेता और बिहार सरकार के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बेबुनियाद करार दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे लोग और ऐसी छोटी पार्टियां इस तरह के काम करती रहती हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में भी एनडीए भारी बहुमत से जीत हासिल करेगा.

पटना: इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में वोट बैंक को लेकर सियासत तेज है. जेडीयू ने बीते सोमवार को महाराणा प्रताप के नाम पर राजपूतों को लेकर एक बड़ा सम्मेलन किया. इसे आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ताजपोशी के बाद जेडीयू का जवाब माना जा रहा है.

दरअसल, महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश ने पूर्व सहयोगी आनंद मोहन की रिहाई का जिक्र किया. जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि राजपूत वोट बैंक पर जेडीयू की नजर है. जिससे बिहार में राजपूत वोट बैंक को लेकर एक बड़ी सियासत की चर्चा हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'हारने से डरी हुई है जेडीयू'
आरजेडी ने इसे जेडीयू की बेचैनी बताया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि चुनावी साल में जेडीयू वोट बैंक के लिए राजनीति कर रही है. लेकिन, उससे उनका कोई भला नहीं होने वाला. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी में रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह जैसे बड़े नेता पार्टी के आधार स्तंभ हैं, ये लोग शुरुआत से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं.

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विपक्ष ने किया पलटवार
आरजेडी के आरोपों को एनडीए नेता और बिहार सरकार के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बेबुनियाद करार दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे लोग और ऐसी छोटी पार्टियां इस तरह के काम करती रहती हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में भी एनडीए भारी बहुमत से जीत हासिल करेगा.

Intro:बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर लगातार बिहार में सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है। विशेष रुप से बिहार के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में वोट बैंक को लेकर सियासत तेज हो रही है। जदयू ने सोमवार को महाराणा प्रताप के नाम पर बिहार में राजपूतों को लेकर एक बड़ा सम्मेलन किया। इसे राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ताजपोशी के बाद जदयू का जवाब माना जा रहा है। पेश है एक खास रिपोर्ट


Body:राजपूतों को एकजुट करने को लेकर जनता दल यूनाइटेड ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में पटना में सोमवार को एक बड़ा आयोजन किया बड़ी संख्या में इसमें लोगों की भागीदारी भी देखने को मिली। इसी कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने अपने पूर्व सहयोगी आनंद मोहन को लेकर भी घोषणा की जिससे बिहार में राजपूत वोट बैंक को लेकर एक बड़ी सियासत की चर्चा हो रही है।
इधर राष्ट्रीय जनता दल ने इसे जदयू की बेचैनी बताया है और कहा है की चुनावी साल में जदयू वोट बैंक के लिए राजनीति कर रहा है। लेकिन उससे उनका कोई भला नहीं होने वाला। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल में रघुवंश सिंह और जगदानंद सिंह जैसे बड़े नेता पार्टी के आधार स्तंभ है और शुरुआत से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं।
इधर राजद के सामने को एनडीए नेता और बिहार सरकार के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बेबुनियाद करार दिया है उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे लोग और ऐसी छोटी पार्टियां इस तरह के काम करती रहती हैं लेकिन इससे उनका कोई फायदा नहीं होने वाला इस बार विधानसभा चुनाव में भी एनडीए भारी बहुमत से जीत हासिल करेगा।


Conclusion:लगातार पिछड़ों की सियासत के बलबूते बिहार में बड़े जनाधार वाली मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने जब जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो उसके बाद से ही लगातार अगड़ो को आगे करने और राजपूत वोट बैंक को लेकर सियासत गर्म हो गई है। अब जदयू ने महाराणा प्रताप के नाम पर बड़ा आयोजन करके बिहार के सियासत में सर गर्मी और बढ़ा दी है। अब देखना है कि राजपूतों के इस वोट बैंक में किस की सियासत भारी पड़ती है और कौन बाजी मारता है।

मृत्युंजय कुमार तिवारी राजद नेता
राणा रणधीर सिंह मंत्री बिहार सरकार
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