पटना : बिहार विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. बिहार विधानसभा में जहां तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हंगामा हुआ, वहीं विधान परिषद में शिक्षकों के मसले पर सियासी घमासान हुआ. दोनों सदन रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. भाजपा के सदस्यों ने तब तक हंगामा किया, जब तक कि सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं कर दी गई.
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सदन के अंदर और बाहर संग्राम : भाजपा और जदयू दोनों ने एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाए. बिहार विधानसभा से हंगामे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सदन से वॉकआउट किया. विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार पर चौतरफा हमला बोला. विजय सिन्हा ने कहा कि चार्जशीटेड उपमुख्यमंत्री को बचाने के लिए सरकार ऐसा कर रही है. लोकतंत्र के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. सत्ताधारी दल के दबाव में सदन के अंदर ऐसा व्यवहार हो या कहीं से उचित नहीं है.
''हमने अपनी बात रखने के लिए गुजारिश की पर धमकी और चेतावनी दिया गया. आचार संहिता का रिपोर्ट आज तक दर्द क्यों नहीं हुआ. विधायकों को डरा कर के अपराध और भ्रष्टाचार से भयभीत करके यह शासन चलाना चाहते हैं. 'जंगलराज' को मुख्यमंत्री 'जनता राज' बताते हैं यह 'गुंडाराज' है. सड़क से सदन तक हम लड़ेंगे. शिक्षकों के सम्मान के लिए हम पूरी ताकत से खड़े हैं.''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
नई शिक्षक नियमावली पर घमासान : संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ''आज सदन में जिस तरह का माहौल है उसका कोई औचित्य नहीं है. बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर जो नया कानून बना है, मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि अगर शिक्षकों की कोई शिकायत है, कोई आपत्ति है तो सत्र के बाद उस पर विचार किया जाएगा. शिक्षक नेता से बातचीत होगी. जो उनकी मांगे हैं उस पर निश्चित रूप से सरकार विचार करेगी. जब मुख्यमंत्री ने कह दिया है कि इस तरीके से सदन की कार्यवाही बाधित करने का क्या औचित्य है?'' विजय चौधरी ने याद दिलाते हुए कहा कि ''इससे पहले जब सरकार में बीजेपी शामिल थी तब सुशील मोदी वित्त मंत्री रह चुके हैं. सुशील मोदी ने वित्त मंत्री रहते हुए कहा था कि इन लोगों को सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिल सकता है.''
'शिक्षकों को बहका रही बीजेपी' : वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के बोलने में दोहरापन है. सरकार सभी शिक्षकों से अपील करती है कि वो वापस अपने विद्यालय लौट जाएं. सत्र समाप्ति के बाद आपकी मांगों को लेकर बैठक होगी. जो भी मांग है उस पर विमर्श किया जाएगा. शिक्षकों को बहकाकर सड़क पर लाया जा रहा है. लेकिन उनको जो कुछ तनखा मिलता है, उसमें केंद्र सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही है. इस साल अभी तक 4 महीने में केंद्र सरकार ने 1 रुपये नहीं दिये है. सभी राशि का इस्तेमाल राज सरकार अपने तरह से कर रही है.
''चार्जशीट हो जाने से कोई दोषी नहीं होता. कई मामले हैं जिसमें चार्जशीट हुआ है, लोग बरी हो गए हैं. सभी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. विरोधी दलों के खिलाफ एजेंसियां सक्रिय हो जा रही हैं. कल तक जो महाराष्ट्र में अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ जांच चल रही थी, जेल भेजे जाने की बात कर रहे थे, आज वो उनके साथ चले गए. उनको सरकार में शामिल कर लिया गया. केंद्र सरकार के द्वारा एजेंसी के दुरुपयोग का रिकॉर्ड बन रहा है, जब तक कोर्ट फैसला नहीं करता है.''- संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी
'बीजेपी का रवैया तानाशाही' : वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा तमाशा ही कर रही है, सदन नहीं चलने देंगे, यह तानाशाही रवैया का प्रतीक है. केंद्र में बैठे सर्वोच्च नेता तानाशाही से सत्ता चला रहे हैं. आप पढ़ाई का काम देखिए, आपके लिए सरकार लगातार चिंता करती रही है. शिक्षक अब नियोजित और संविदा कर्मी नहीं हैं, वेतनमान वाले शिक्षक हैं. सेवानिवृत्ति की आयु तक लगातार वह सेवा में रहेंगे. भाजपा घड़ियाली आंसू बहा रही है. सरकार उनकी मांगों पर विचार करने को तैयार है. सभी शिक्षक साथी विद्यालय लौट जाएं, भारतीय जनता पार्टी आपकी हितेषी नहीं है.