पटना: बिहार में धर्म के नाम पर सियासत होती रही है. बीजेपी पर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब आरजेडी के दाव के आगे जेडीयू पशोपेश में है. जदयू को वोट बैंक की चिंता सता रही है तो भाजपा वेट एंड वॉच की स्थिति में है. राम के नाम पर भाजपा ने कई बार चुनावी वैतरणी पार की है और भाजपा का यह चुनावी एजेंडा भी रहा है. राजद भी धर्म की राजनीति को हथियार बना रही है. राजद कोटे के मंत्री रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas controversy ) को लेकर लगातार विवाद खड़ा कर रहे हैं. राजद के स्टैंड का जदयू आक्रामक रूप से विरोध कर रही है. सदन के बाहर और सदन के अंदर भी जदयू नेताओं की तल्खी देखने को मिल रही है. जदयू ने राजद के बदले स्टैंड पर आपत्ति जाहिर की है.
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राजद बना रही रामचरितमानस को मुद्दाः सदन के बाहर और सदन के अंदर भगवान राम और रामचरितमानस को मुद्दा बनाया जा रहा है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विधानसभा और विधान परिषद में रामचरितमानस के जरिए सियासत के नए तेवर दिखाए. राजद के सियासी दाव के आगे जदयू पशोपेश में है. दरअसल, जेडीयू को 16 से 17% वोट मिलता है. जेडीयू के पक्ष में पिछड़ा, अति पिछ,ड़ा दलित अगड़ी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वोट करते हैं. जदयू को इस बात का भय सता रहा है कि रामचरितमानस और भगवान राम के खिलाफ बोलने से वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. खासतौर पर हिंदू वोटर नाराज हो सकते हैं.
पशोपेश में जदयू: जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि हमारे नेता बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और विकास का काम करना प्राथमिकताओं में शामिल है. मेरी पार्टी का सरोकार धर्म की राजनीति से नहीं है. अगर कुछ नेता बयानबाजी कर रहे हैं तो उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है. वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि हम भगवान राम और शिव के खिलाफ नहीं हैं. हमारी ईश्वर में आस्था है, लेकिन हमारे नेता धर्म पर बयानबाजी कर रहे हैं तो किसी विशेष विषय वस्तु को लेकर ही, हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और ना ही लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं.
"हमारे नेता बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और विकास का काम करना प्राथमिकताओं में शामिल है. मेरी पार्टी का सरोकार धर्म की राजनीति से नहीं है. अगर कुछ नेता बयानबाजी कर रहे हैं तो उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है" - अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
भाजपा ने बताया अनर्गल बयानबाजीः वहीं भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि राजद और जदयू के लोग वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका ना चाहते हैं. इसलिए वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. धर्म से इनका का कोई लेना देना नहीं है. वोट बैंक की राजनीति के लिए वह भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं. राजनीतिक विश्लेषण डॉ संजय कुमार का मानना है कि धर्म की राजनीति तो भाजपा के प्राथमिकताओं में है लेकिन राजद ने भी वोटों के ध्रुवीकरण के लिए धर्म की राजनीति को हथियार बनाया है. जदयू के लिए धर्म संकट जैसी स्थिति है. क्योंकि जदयू को सभी वर्गों का वोट मिलता है और पार्टी बड़ी आबादी को नाराज नहीं करना चाहती है. ऐसे में वोट बैंक को इंटैक्ट रखने के लिए जदयू नेता राजद पर हमले बोल रहे हैं.
"हम भगवान राम और शिव के खिलाफ नहीं हैं. हमारी ईश्वर में आस्था है, लेकिन हमारे नेता धर्म पर बयानबाजी कर रहे हैं तो किसी विशेष विषय वस्तु को लेकर ही, हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और ना ही लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं" - शक्ति यादव, प्रवक्ता, आरजेडी