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कभी मोदी के विरोध में आगे रहते थे नीतीश, अब हो गए हैं नमो के मुरीद - लोकसभा चुनाव

पीएम के साथ नीतीश कुमार की ट्यूनिंग देखते बन रही है. ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं.

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Published : May 10, 2019, 11:47 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार नीतीश कुमार हर सभा में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने की बात कह रहे हैं. बिहार में अब तक प्रधानमंत्री ने 7 सभाएं की है. इसमें से तीन सभा जदयू के लिए तीन सभा बीजेपी के लिए और एक सभा लोजपा के प्रत्याशी के लिए किया है. नीतीश कुमार के मुंह से मोदी की हो रही तारीफ से लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं.


जमुई को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सभा में नीतीश कुमार मौजूद रहे हैं. दरभंगा में वंदे मातरम के पीएम के नारे के दौरान नीतीश के बैठे रहने पर खूब विवाद भी हुआ. विपक्ष ने इसपर जमकर तंज कसा. इस घटना को छोड़कर प्रधानमंत्री के साथ नीतीश कुमार की ट्यूनिंग देखते बन रही है. ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं. सीएम अपनी सभाओं में जिस ढ़ंग से आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं. विपक्ष और विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि नीतीश बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं.

एक समय में नीतीश कुमार और मोदी के बीच था मतभेद
2014 में नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का नाम तक सुनना नहीं चाहते थे. उससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को बिहार में प्रचार करने तक नहीं दिया था. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. हालांकि यह सब पुरानी बात हो चुकी है. अब नीतीश पीएम का फैन बनते दिख रहे हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री की सभाओं में उनके साथ नजर तो आ ही रहे हैं. साथ में अपनी सभाओं में भी नीतीश पीएम की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

क्या है इनका कहना
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का कहना है कि जब गठबंधन है तो भाषा भी एक ही होगी और हमलोगों का स्टैंड बहुत क्लियर है बिहार में नीतीश कुमार हैं तो केंद्र में नरेंद्र मोदी. महागठबंधन के नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री से लेकर नीतीश कुमार के लिए कहने के लिये कुछ नहीं है जनता के आंख में ये सब धूल झोंक रहे हैं.

पटना से खास रिपोर्ट

मोदी के कई फैसलों का किया था समर्थन
नीतीश कुमार जब महागठबंधन में थे तो उस समय भी नरेंद्र मोदी के कई फैसलों का समर्थन किया था. नोट बंदी से लेकर जीएसटी लागू करने के फैसले का समर्थन किया था. साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक की भी तारीफ की थी. महागठबंधन के नेताओं ने खासकर लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के कई नेता ने इस पर नाराजगी भी जताई थी.

नीतीश कर रहे हैं मोदी की तारीफ
महागठबंधन से निकल कर जब से नीतीश एनडीए में शामिल हुए तब से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कह रहे हैं. नीतीश यहां तक कहते रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को कोई टक्कर देने वाला फिलहाल नहीं है. हालांकि नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ कई मुद्दों पर शुरू से मतभेद रहा है और जदयू नेताओं की ओर से हमेशा कहा जाता रहा है कि किसी कीमत पर उस पर समझौता नहीं किया जाएगा. लेकिन नीतीश कुमार जिस प्रकार से नमो की तारीफ कर रहे हैं विशेषज्ञों को भी यह पच नहीं रहा है.

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार नीतीश कुमार हर सभा में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने की बात कह रहे हैं. बिहार में अब तक प्रधानमंत्री ने 7 सभाएं की है. इसमें से तीन सभा जदयू के लिए तीन सभा बीजेपी के लिए और एक सभा लोजपा के प्रत्याशी के लिए किया है. नीतीश कुमार के मुंह से मोदी की हो रही तारीफ से लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं.


जमुई को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सभा में नीतीश कुमार मौजूद रहे हैं. दरभंगा में वंदे मातरम के पीएम के नारे के दौरान नीतीश के बैठे रहने पर खूब विवाद भी हुआ. विपक्ष ने इसपर जमकर तंज कसा. इस घटना को छोड़कर प्रधानमंत्री के साथ नीतीश कुमार की ट्यूनिंग देखते बन रही है. ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं. सीएम अपनी सभाओं में जिस ढ़ंग से आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं. विपक्ष और विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि नीतीश बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं.

एक समय में नीतीश कुमार और मोदी के बीच था मतभेद
2014 में नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का नाम तक सुनना नहीं चाहते थे. उससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को बिहार में प्रचार करने तक नहीं दिया था. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. हालांकि यह सब पुरानी बात हो चुकी है. अब नीतीश पीएम का फैन बनते दिख रहे हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री की सभाओं में उनके साथ नजर तो आ ही रहे हैं. साथ में अपनी सभाओं में भी नीतीश पीएम की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

क्या है इनका कहना
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का कहना है कि जब गठबंधन है तो भाषा भी एक ही होगी और हमलोगों का स्टैंड बहुत क्लियर है बिहार में नीतीश कुमार हैं तो केंद्र में नरेंद्र मोदी. महागठबंधन के नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री से लेकर नीतीश कुमार के लिए कहने के लिये कुछ नहीं है जनता के आंख में ये सब धूल झोंक रहे हैं.

पटना से खास रिपोर्ट

मोदी के कई फैसलों का किया था समर्थन
नीतीश कुमार जब महागठबंधन में थे तो उस समय भी नरेंद्र मोदी के कई फैसलों का समर्थन किया था. नोट बंदी से लेकर जीएसटी लागू करने के फैसले का समर्थन किया था. साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक की भी तारीफ की थी. महागठबंधन के नेताओं ने खासकर लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के कई नेता ने इस पर नाराजगी भी जताई थी.

नीतीश कर रहे हैं मोदी की तारीफ
महागठबंधन से निकल कर जब से नीतीश एनडीए में शामिल हुए तब से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कह रहे हैं. नीतीश यहां तक कहते रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को कोई टक्कर देने वाला फिलहाल नहीं है. हालांकि नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ कई मुद्दों पर शुरू से मतभेद रहा है और जदयू नेताओं की ओर से हमेशा कहा जाता रहा है कि किसी कीमत पर उस पर समझौता नहीं किया जाएगा. लेकिन नीतीश कुमार जिस प्रकार से नमो की तारीफ कर रहे हैं विशेषज्ञों को भी यह पच नहीं रहा है.

Intro:पटना--- लोकसभा चुनाव में इस बार नीतीश कुमार हर सभा में नरेंद्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने की बात कह रहे हैं। बिहार में अब तक प्रधानमंत्री ने 7 सभाएं की है इसमें से तीन सभा जदयू के लिए तीन सभा बीजेपी के लिए और एक सभा लोजपा के प्रत्याशी के लिए किया है। जमुई को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सभा में नीतीश कुमार मौजूद रहे हैं । दरभंगा में वंदे मातरम के पीएम के नारे के दौरान बैठे रहने पर खूब विवाद भी हुआ, विपक्ष ने जमकर तंज भी कसा। इस घटना को छोड़कर प्रधानमंत्री के साथ नीतीश कुमार की ट्यूनिंग देखते बन रही है। ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद से हो गए हैं। सीएम अपनी सभाओं में जिस ढंग से आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं विपक्ष और विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि नीतीश बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं।
पेश है रिपोर्ट---


Body: 2014 में नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का नाम तक सुनना नहीं चाहते थे उससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश नरेंद्र मोदी को बिहार में प्रचार करने तक नहीं दिया था उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे हालांकि यह सब पुरानी बात हो चुकी है अब नीतीश नरेंद्र मोदी के पूरी तरह मुरीद दिखते हैं और यही कारण है की प्रधानमंत्री की सभाओं में उनके साथ नजर तो आ ही रहे हैं अपनी सभाओं में भी नीतीश पीएम नमो की तारीफ करते नहीं थकते हैं। इसलिए विशेषज्ञ कह रहे हैं नीतीश बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं जिसकी उम्मीद नहीं थी।
बाईट-- डीएम दिवाकर समाजशास्त्री
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का कहना है कि जब गठबंधन है तो भाषा भी एक होगी ही और हमलोगों का स्टैंड बहुत क्लियर है बिहार में नीतीश कुमार हैं तो केंद्र में नरेंद्र मोदी ।
बाईट--कृष्णनंदन वर्मा, शिक्षा मंत्री
महागठबंधन के नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री से लेकर नीतीश कुमार के लिए कहने के लिये कुछ नहीं है जनता के आंख में ये सब धूल झोंक रहे हैं।
बाईट-- उदय नारायण चौधरी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी नेता


Conclusion:नीतीश कुमार जब महागठबंधन में थे तो उस समय भी नरेंद्र मोदी के कई फैसलों का समर्थन किया था नोट बंदी से लेकर जीएसटी लागू करने के फैसले का समर्थन किया था साथ ही एयर स्ट्राइक की भी तारीफ की थी। महागठबंधन के नेताओं खासकर लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के कई नेता इस पर नाराजगी भी जताई थी ।महागठबंधन से निकल कर जब नीतीश एनडीए में शामिल हुए तो हर बार नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री बनाने की बात कहते रहे हैं नीतीश यहां तक कहते रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को कोई टक्कर देने वाला फिलहाल नहीं है। हालांकि नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ कई मुद्दों पर शुरू से मतभेद रहा है और जदयू नेताओं की ओर से हमेशा कहा जाता रहा है कि किसी कीमत पर उस पर समझौता नहीं किया जाएगा लेकिन नीतीश कुमार जिस प्रकार से नमो की तारीफ कर रहे हैं विशेषज्ञों को भी यह पच नहीं रहा है।
अविनाश, पटना।
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