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पशुपति: भाई के चलते राजनीति में आए, भतीजे से छेड़ी लड़ाई, अब केन्द्र में बने मंत्री

दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले लोजपा नेता पशुपति पारस केन्द्र में मंत्री बन गए हैं. बड़े भाई रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के चलते राजनीति में आने वाले पशुपति ने इन दिनों भतीजे चिराग से लड़ाई छेड़ रखी है.

Pashupati Paras
पशुपति पारस
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Published : Jul 6, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 6:46 PM IST

पटना: बड़े भाई रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) के चलते राजनीति में आने वाले सांसद पशुपति पारस ( Pashupati Paras ) पहली बार केन्द्र में मंत्री बने हैं. दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पशुपति ने लोजपा (LJP) को दो फाड़ कर दिया और भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) से आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है.

यह भी पढ़ें- पहले IAS, फिर JDU अध्यक्ष और अब केंद्रीय मंत्री बनने की राह पर खड़े RCP और CM नीतीश की जोड़ी 2 दशक पुरानी

रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा हो गया था. विवाद इतना गहरा था कि पार्टी दो फाड़ हो गई. पशुपति पारस 5 सांसद के साथ अलग हो गए. पारिवारिक विवाद सड़क पर आ गया. पार्टी दफ्तर पर कब्जे के लिए भी जद्दोजहद का दौर चला. दोनों ओर से कार्यकर्ताओं के बीच लाठी-डंडे भी चले.

देखें वीडियो

विधानसभा चुनाव के दौरान जब चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला तब पशुपति पारस ने चिराग पासवान का साथ नहीं दिया. वह चुनाव के दौरान साइलेंट मोड में रहे. नीतीश कुमार से नजदीकियों के चलते पशुपति पारस को राजनीति में कद और पद मिला. चिराग पासवान से विवाद के बाद पशुपति पारस खुलकर राजनीति के मैदान में बल्लेबाजी करने लगे. पशुपति पारस को नीतीश कुमार का समर्थन भी मिला.

Pashupati Paras
ईटीवी इन्फोग्राफिक्स

राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार मानते हैं कि पशुपति पारस की पहचान रामविलास पासवान को लेकर थी, लेकिन चिराग पासवान से विवाद के बाद वह सुर्खियों में आए. पशुपति पारस मृदुभाषी और कुशल संगठनकर्ता हैं. मृदुभाषी होने का फल भी उन्हें मिला. वह नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे. नीतीश कुमार के चहेते होने की वजह से उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई.

यह भी पढ़ें- Bihar Politics: सोशल मीडिया पर RJD का स्थापना दिवस रहा हिट, चाचा-भतीजे गए पिट

पटना: बड़े भाई रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) के चलते राजनीति में आने वाले सांसद पशुपति पारस ( Pashupati Paras ) पहली बार केन्द्र में मंत्री बने हैं. दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पशुपति ने लोजपा (LJP) को दो फाड़ कर दिया और भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) से आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है.

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रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा हो गया था. विवाद इतना गहरा था कि पार्टी दो फाड़ हो गई. पशुपति पारस 5 सांसद के साथ अलग हो गए. पारिवारिक विवाद सड़क पर आ गया. पार्टी दफ्तर पर कब्जे के लिए भी जद्दोजहद का दौर चला. दोनों ओर से कार्यकर्ताओं के बीच लाठी-डंडे भी चले.

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राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार मानते हैं कि पशुपति पारस की पहचान रामविलास पासवान को लेकर थी, लेकिन चिराग पासवान से विवाद के बाद वह सुर्खियों में आए. पशुपति पारस मृदुभाषी और कुशल संगठनकर्ता हैं. मृदुभाषी होने का फल भी उन्हें मिला. वह नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे. नीतीश कुमार के चहेते होने की वजह से उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई.

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Last Updated : Jul 7, 2021, 6:46 PM IST
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