पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर जमकर विवाद हुआ था. और उसका असर बंगाल चुनाव पर भी देखने को मिल रहा है. बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू और हम ने बंगाल में अलग राह अख्तियार कर लिया है.
बंगाल में हम,जदयू का गठबंधन !
अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जदयू एकला चलो की राह पर है तो हम पार्टी पश्चिम बंगाल में जदयू के साथ गठबंधन के फिराक में है. हालांकि इस पर जदयू की तरफ से सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.
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'हम पश्चिम बंगाल में 26 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के किसी सहयोगी दल से हमारा गठबंधन हो सकता है. जदयू से हमारे अच्छे तालमेल हैं अगर संभव हुआ तो जदयू के साथ गठबंधन कर हम पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेंगे.'-दानिश रिजवान,राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम
'नीतीश कुमार , राष्ट्रीय स्तर की छवि के नेता हैं. बिहार से बाहर जदयू चुनाव लड़ती रही है. पश्चिम बंगाल में भी हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. जहां तक गठबंधन का सवाल है तो उस पर अंतिम फैसला बंगाल इकाई और केंद्रीय नेतृत्व को मिलकर लेना है.'-अभिषेक झा,जदयू प्रवक्ता
लोजपा का स्टैंड
बिहार में चिराग पासवान नरेंद्र मोदी के हनुमान की भूमिका में थे. लेकिन बंगाल में लोजपा का स्टैंड अब तक साफ नहीं है. लोजपा बिहार से बाहर अकेले चुनाव लड़ती रही है. भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि बिहार में जिस तरीके से चिराग पासवान भाजपा के हनुमान बने थे उसी तरीके से पश्चिम बंगाल में भी हनुमान बने रहेंगे.
'मेरी पार्टी बिहार से बाहर चुनाव लड़ती रही है. बिहार में हम भाजपा की सहयोगी पार्टी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. पश्चिम बंगाल में हम मजबूत स्थिति में है. हम पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को करना है.'-सरवन कुमार, लोजपा प्रवक्ता
'पश्चिम बंगाल में भाजपा बड़े मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है. ममता बनर्जी के खिलाफ नरेंद्र मोदी को जन समर्थन हासिल है. और वह सरकार बनाने जा रहे हैं. रहा सवाल हमारे सहयोगी दलों का तो हर दल चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. दूसरे दलों के चुनाव लड़ने से पश्चिम बंगाल में भाजपा के सेहत पर फर्क पड़ने वाला नहीं है.'- विनोद शर्मा,भाजपा प्रवक्ता
संशय में चिराग
आने वाले दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. और इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए. ऐसे में लोजपा भी पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ कर भाजपा से अपने रिश्ते खराब करना नहीं चाहेगी. संभव है कि संकेत मिलने के बाद चिराग पासवान पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी का स्टैंड तय करें.