पटना: बिहार में हाल में ही विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि की गई है. इसके मुताबिक विधायकों को अब 23 लाख तक की कोई भी गाड़ी खरीदने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. वहीं वो 40,000 तक के मोबाइल भी खरीद सकते हैं. विधायकों को मिलने वाली सुविधा को लेकर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और इसे सरकारी खजाने पर बोझ करार दिया है.
शिक्षाविद और राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर डीएम दिवाकर ने कहा कि सरकार का यह फैसला बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है. एक तरफ सरकार इस बात की दुहाई देती है कि उनके पास पर्याप्त फंड नहीं है जिससे शिक्षकों को समान काम समान वेतन दिया जा सके. ऐसे में विधायकों को महंगी मोबाइल और गाड़ी देकर नीतीश कुमार सरकारी फंड का दुरूपयोग कर रहे हैं.
विधायकों को मिलने वाली सुविधा पर सवाल
हाल में एक सर्वे में बिहार, झारखंड और उड़ीसा आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा पिछड़े हुए राज्यों में शुमार पाए गए हैं. डीएम दिवाकर ने कहा कि बिहार समेत इन तीनों राज्यों की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर हुई है. दूसरी तरफ विधायकों को जिस तरह से महंगी गाड़ी और महंगा मोबाइल उपलब्ध कराया जा रहा है वो बिहार के आर्थिक भविष्य के लिए कहीं से भी उचित नहीं है.
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बीजेपी ने दी सफाई
इधर, भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस फैसले का बचाव किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि जिस तरह की चुनौतियां जनप्रतिनिधियों के सामने आ रही हैं उसके लिए उनका तकनीकी रूप से समय के साथ सक्षम होना जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार ने विधायकों को बेहतर गाड़ी और मोबाइल उपलब्ध कराने की सुविधा दी है.