पटना: राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक आंकड़ों ने सरकार की नींद उड़ा दी है. जिसके बाद आनन-फानन में सीएम ने बैठक बुलाई और प्रदूषण के नियंत्रण के लिए कई निर्देश जारी किए. मुख्यमंत्री ने 15 साल से ज्यादा पुराने व्यावसायिक वाहनों पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. साथ ही निजी वाहनों को लेकर भी कई निर्देश जारी किए गए हैं.
प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर कार्रवाई
निर्माण कार्य कर रहे विभाग को एनजीटी की गाइडलाइंस के मुताबिक मानकों को फॉलो करने को कहा गया है. साथ ही निर्माण सामग्री और कचरा को लेकर भी कई आदेश जारी किए गए हैं. पटना में ईटीवी भारत की टीम ने जब जायजा लिया तो परिवहन विभाग मुस्तैदी से प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर कार्रवाई करता नजर आया.
ऑटो और बसों को किया जा रहा चिन्हित
इस मामले में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए कई टीमें बनाई गई हैं. यह टीम ऐसे वाहनों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है, जो प्रदूषण फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्रवाई अब निरंतर जारी रहेगी और विशेष अभियान के रूप में चलेगी. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ऑटो और बसों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है, जो प्रदूषण फैला रहे हैं.
मिट्टी और धूल कण से परेशान हैं लोग
पटना में सबसे बड़ा निर्माण कार्य आर ब्लॉक-दीघा रोड प्रोजेक्ट का चल रहा है. जहां सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है और कुछ छोटे से हिस्से को ग्रीन कवर से ढका जा रहा है. जबकि आसपास के लोग इस सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी और धूल कण से परेशान हैं. बता दें कि 3 दिन पहले ही ईटीवी भारत ने एक खास रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें आर ब्लॉक-दीघा रोड प्रोजेक्ट निर्माण कार्य के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण कार्य जारी रखने की खबर दिखाई गई थी.