पटना: पुलिस की एक नोटिस ने नगर निगम से लेकर कॉरियर कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है. दरअसल, ऐसे सभी लोग पिछले दिनों शराबबंदी कानून के तहत शराब का सेवन करते हुए पकड़े गए थे. जिसके बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पकड़े गए शराबियों से नियमानुसार जुर्माना वसूला और फिर उन्हें मजिस्ट्रेट के आदेश पर छोड़ दिया गया. लेकिन त्योहार और नगर निगम चुनाव आते ही पुलिस ने इन्हें एक नोटिस (Police Notice Against Alcoholics In Patna) थमा दी है.
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शराब मामले में पकड़ाए लोगों को नोटिस: शराब मामले में पहले पकड़ाए और फाइन देकर छूटे लोगों के खिलाफ सचिवालय थाना की पुलिस ने नोटिस जारी किया है. जिसमें धारा 107 (Police Notice Under Section 107 In Patna) के तहत कहा गया है कि ऐसे लोगों से कानून व्यवस्था भंग होने और अपराध करने की आशंका है. नोटिस आने के बाद ऐसे सभी लोग दहशत में है. नोटिस अनुसार उन्हें थाने में रिपोर्ट करना होगा. उनका कहना है कि धारा 107 के तहत नोटिस देना न्याय संगत नहीं है.
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थाने में रिपोर्ट करने का मिला निर्देश : मामले की जानकारी देते हुए आर ब्लॉक इलाके के स्लम बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि कुछ माह पहले उन लोगों ने शराब पी रखी थी और इस कारण वह पकड़े गए थे. वे लोग कोई अपराधी नहीं है, शराबबंदी कानून के तहत फाइन की अदायगी करके वे लोग छूट भी गए थे. लेकिन कुछ दिन पहले सचिवालय थाना से उन्हें एक नोटिस प्राप्त हुआ. जिसमें धारा 107 के तहत थाने में रिपोर्ट करने के आदेश जारी किया गया.
बांड पेपर पर कराया गया है साइन: कॉरियर कंपनी में कार्यरत पवन कुमार पांडे बताते हैं कि जब वह थाने पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने इस इलाके के रहने वाले कई युवकों के साथ मुझे भी धारा 107 के तहत बांड बनाकर हस्ताक्षर करने को कहा. इससे पहले कुछ समझ पाते पुलिसकर्मियों ने साइन करा लिया. उसके बाद से इन सभी का जीना मुहाल है. इसी तरह का एक मामले में फंसे युवक शंकर पासवान ने कहा कि धारा 107 के तहत उन पर विधि व्यवस्था भंग करने और उपद्रव करने का आरोप लगाया गया है, जो सरासर गलत है. सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा हूं. इस कारण मुझे कभी भी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.
पुलिस अधिकारी नहीं दे रहे जवाब: इस पूरे मामले की जानकारी जब सचिवालय थाने के वरीय पुलिस पदाधिकारियों से लेनी चाही गयी तो वे कुछ ही बोलने से बचते नजर आए. वहीं नोटिस मिलने के बाद घबराए लोगों का कहना है कि नोटिल मिलने के बाद वे काफी परेशान हैं. युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मामले में हस्पक्षेप करने की गुहार लगायी है.
जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान : पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को शपथपत्र व तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं. बताया जाता है कि मद्य निषेध विभाग ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि शिकायत मिल रही है कि कई लोग पहली बार पकड़े जाने के बाद दोबारा भी शराब का सेवन कर रहे हैं.
बिहार में शराबबंदी कानून के नियम: गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) कानून को अप्रैल 2016 में लागू किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 2022 से संशोधित मध्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने पर जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर मद्य निषेध विभाग के अधिकारी और कर्मी चेतावनी पोस्टर लगाएंगे. पोस्टर के माध्यम से उन्हें चेतावनी दी जाएगी. अगर दूसरी बार शराब पीकर पकड़े गए तो एक साल की सजा मिलनी निश्चित है.