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पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आंकड़ा, लॉकडाउन के दौरान 2 हजार 444 लोग गिरफ्तार - Unlock

पटना में लॉकडाउन के दौरान कुछ राजनीतिक संगठन और स्वयंसेवी समूह भी कार्रवाई के दायरे में आए. ये प्रशासन की अनुमति के बिना भोजन वितरण के नाम पर प्रचार-प्रसार करते पाए गए. इन पर धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

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Published : Jun 8, 2020, 3:41 PM IST

पटना: 68 दिनों के लॉकडाउन की अवधि में राजधानी में कानून तोड़ने वालों की कमी नहीं रही. कठोर कार्रवाई के बाद भी लोग बेवजह घरों से निकलते रहे. पटना पुलिस मुख्यालय के जारी किए आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में 924 लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया. इनमें से 863 पर प्राथमिकी दर्ज की गई और रोजाना औसतन 12 मामले सामने आए. सबसे अधिक शिकायतें मोकामा कोतवाली थाना और गांधी मैदान थाने में दर्ज की गई है. पूरे बिहार में कुल 2 हजार 264 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई. साथ ही 2 हजार 444 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पूरे बिहार में कुल 86 हजार 890 वाहनों को भी सीज किया गया है. लॉकडाउन में कुल 20 करोड़ 90 लाख 74 हजार 572 रुपये का फाइन वसूला गया.

38 हजार 776 वाहन चालकों से लिया 1.13 करोड़ रुपए जुर्माना
पटना में लॉकडाउन के दौरान कुछ राजनीतिक संगठन और स्वयंसेवी समूह भी कार्रवाई के दायरे में आए थे. ये सभी प्रशासन की अनुमति के बिना भोजन वितरण के नाम पर प्रचार-प्रसार करते पाए गए. इन पर धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं. मारपीट और सड़क पर पुलिस से बहस करने के 177 मामलों में भी कार्रवाई की गई. हालांकि इन मामलों के अभियुक्तों को पुलिस ने थाने से ही जमानत दे दी थी. लॉकडाउन में चेकिंग कर बेवजह सड़क पर घूमने वाले 38 हजार 776 वाहन चालकों से 1.13 करोड़ रुपए जुर्माना वसूले गये. कागजात में गड़बड़ी पाए जाने पर 3 हजार 267 वाहनों को जप्त किया गया. इन मामलों में कोर्ट से वाहनों को मुक्त करने के लिए कहा गया है.

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प्रमुख सड़कों पर पुलिस की तैनाती
पुलिस की कार्रवाई जारी लॉकडाउन में पुलिस राजधानी समेत पूरे प्रदेश के हर चौक चौराहे पर तैनात रही. नियमों का पालन करवाने के लिए कई जगहों पर सख्ती भी की गई, यहां तक कि डंडे भी बरसाए गए. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होती रही. चालकों से भी नियमानुसार जुर्माना वसूला गया. 1 जून से अनलॉक-1.0 के फर्स्ट फेज की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान भी बेवजह सड़कों पर घूमने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.

पटना: 68 दिनों के लॉकडाउन की अवधि में राजधानी में कानून तोड़ने वालों की कमी नहीं रही. कठोर कार्रवाई के बाद भी लोग बेवजह घरों से निकलते रहे. पटना पुलिस मुख्यालय के जारी किए आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में 924 लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया. इनमें से 863 पर प्राथमिकी दर्ज की गई और रोजाना औसतन 12 मामले सामने आए. सबसे अधिक शिकायतें मोकामा कोतवाली थाना और गांधी मैदान थाने में दर्ज की गई है. पूरे बिहार में कुल 2 हजार 264 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई. साथ ही 2 हजार 444 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पूरे बिहार में कुल 86 हजार 890 वाहनों को भी सीज किया गया है. लॉकडाउन में कुल 20 करोड़ 90 लाख 74 हजार 572 रुपये का फाइन वसूला गया.

38 हजार 776 वाहन चालकों से लिया 1.13 करोड़ रुपए जुर्माना
पटना में लॉकडाउन के दौरान कुछ राजनीतिक संगठन और स्वयंसेवी समूह भी कार्रवाई के दायरे में आए थे. ये सभी प्रशासन की अनुमति के बिना भोजन वितरण के नाम पर प्रचार-प्रसार करते पाए गए. इन पर धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं. मारपीट और सड़क पर पुलिस से बहस करने के 177 मामलों में भी कार्रवाई की गई. हालांकि इन मामलों के अभियुक्तों को पुलिस ने थाने से ही जमानत दे दी थी. लॉकडाउन में चेकिंग कर बेवजह सड़क पर घूमने वाले 38 हजार 776 वाहन चालकों से 1.13 करोड़ रुपए जुर्माना वसूले गये. कागजात में गड़बड़ी पाए जाने पर 3 हजार 267 वाहनों को जप्त किया गया. इन मामलों में कोर्ट से वाहनों को मुक्त करने के लिए कहा गया है.

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प्रमुख सड़कों पर पुलिस की तैनाती
पुलिस की कार्रवाई जारी लॉकडाउन में पुलिस राजधानी समेत पूरे प्रदेश के हर चौक चौराहे पर तैनात रही. नियमों का पालन करवाने के लिए कई जगहों पर सख्ती भी की गई, यहां तक कि डंडे भी बरसाए गए. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होती रही. चालकों से भी नियमानुसार जुर्माना वसूला गया. 1 जून से अनलॉक-1.0 के फर्स्ट फेज की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान भी बेवजह सड़कों पर घूमने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.
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