पटना: पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर पहले चरण की अधिसूचना जारी कर दी गई है. आज से पहले चरण का नामांकन शुरू हो गया है. 24 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी जिसको लेकर पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters ) ने कमर कस ली है. पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस मुख्यालय के तरफ से बनाए गए नोडल पदाधिकारी और एडीजी स्पेशल ब्रांच जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि भयमुक्त और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सारी तैयारियां कर ली गई है.
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पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. हर थाना क्षेत्र के आपराधिक तत्वों के लोगों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जो पंचायत चुनाव में शांति भंग कर सकते हैं. इसके अलावे सीमावर्ती जिलों में सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.
जेल से छूटे अपराधियों पर कड़ी नजर रखा जा रहा है. साथ ही जेल में बंद ऐसे कैदी जो चुनाव के दौरान बाधा पहुंचा सकते हैं उन पर खास नजर रखने का निर्देश दिया गया है और जेल से ऐसे कैदी ना छूटे इसके लिए उन पर सीसीए लगाने का निर्देश दिया गया है. पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से बिहार पुलिस के साथ-साथ बिहार सशस्त्र पुलिस बल के कंधे पर होगी.- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजे स्पेशल ब्रांच व पंचायत चुनाव नोडल पदाधिकारी
पंचायत चुनाव के दौरान आम जनता भयमुक्त होकर अपने मतों का प्रयोग कर सके इसको लेकर कुर्की जब्ती जैसी कार्रवाई भी जल्द से जल्द पूरी की जा रही है. इसके अलावा अपराधियों के गिरफ्तारी, हथियार सत्यापन करवाने का निर्देश जारी किया गया है. बिहार से सटे राज्य के साथ-साथ नेपाल के बॉर्डर इलाकों में विशेष अभियान चलाया जाएगा.
चुनाव को लेकर जिला स्तरीय टीम बनाई गई है. मॉडल कोड आफ कंडक्ट के तहत चुनाव के पहले या चुनाव के दौरान कोई भी व्यक्ति चुनाव में बाधा पहुंचाने का कार्य करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. आम जनता को हर तरह की सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी,जिससे वह अपने नजदीक के बूथ पर जाकर मतदान कर सकें.
दियारा और नक्सली इलाकों में पुलिस मुख्यालय के द्वारा अतिरिक्त फोर्स तैनात किया जाएगा. इस बार के चुनाव में अर्धसैनिक बल की प्रतिनियुक्ति नहीं रहेगी. बिहार पुलिस के साथ साथ सशस्त्र पुलिस बल और होमगार्ड के जवान के कंधों पर चुनाव को सफल करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बता दें कि पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत के चार पदों के लिए ईवीएम से वोट डाले जाएंगे. इसमें मुखिया, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति सदस्य शामिल है. वहीं पंच और सरपंच पद का चुनाव मतपत्र से होगा.
प्रत्याशियों द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी का भी पालन करना अनिवार्य किया गया है. आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि प्रत्याशी द्वारा न तो गैर कानूनी शराब खरीदी जाए और न ही किसी को पेश या वितरित किया जाए. प्रत्येक प्रत्याशी अपने कार्यकतार्ओं को भी ऐसा करने से रोकें. अमूमन देखा जाता है कि चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी शराब का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में शराब पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आपको बताएं कि बिहार में 11 चरण में पंचायत चुनाव संपन्न होंगे. वोट 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को डाले जाएंगे.
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