पटना: कारगिल चौक हुए उपद्रव मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस कारगिल चौक पर लगातार सीएए को लेकर दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत करने में फेल साबित हो गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चेक पोस्ट के साथ-साथ कई पत्रकारों के गाड़ियों को जला दिया, लेकिन पुलिस उन्हें शांत नहीं करा सकी.
रविवार की रात पटना के कारगिल चौक पर प्रदर्शन करने वाले लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. हालांकि इस मामले में सुबह से ही पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं.
पुलिस का खुफिया तंत्र फिसड्डी साबित हुआ
वहीं, पुलिस प्रशासन अपनी व्यवस्था को लेकर काफी दावा करती है. खासकर खुफिया तंत्र के जरिए पुलिसिंग की ढोल पीटते नजर आती है. लेकिन इस घटना के बाद से पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ. सीआईडी, आईबी और इंटेलिजेंस तीनों इस मामले में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गए. तीनों विभाग का इनपुट इस उपद्रव को नहीं रोक सका.
धूं-धूं कर जल उठा कारगिल चौक
दो दिन पहले शनिवार को भी सीएए का विरोध पटना के कारगिल चौक पर देखा गया था. उस दौरान भी प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाई थीं. रविवार को भी कई छात्र संगठन, समाज सेवी संस्था, सीएए के विरोध में पटना के कारगिल चौक पर जुटे हुए थे. उसी भीड़ में घुसे असामाजिक तत्वों की पहचान खुफिया तंत्र नहीं कर पाया. जिसके परिणाम स्वरूप रविवार की रात राजधानी पटना का कारगिल चौक धूं-धूं कर जलता हुआ नजर आया और प्रदर्शनकारियों के डर से पटना पुलिस भागती नजर आई.