पटना: बिहार विधानसभा में आज का दिन काले इतिहास के रूप में दर्ज हो गया. राजद समेत सभी विपक्षी दल पुलिस विधेयक को लेकर भारी उत्पात मचाते रहे. भारी हंगामे के बीच बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पारित हो गया. दिनभर हुए विपक्ष के हंगामे के बाद सीएम नीतीश ने नाराजगी जाहिर की.
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''अधिकारियों से इस बिल को लेकर गलती हुई है. उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बिल के बारे में जानकारी देनी चाहिए थी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और ये चूक हुई. अन्य राज्यों में भी ये व्यवस्था है और वहां ये जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दी है. बिहार में यही काम बीएमपी को दिया गया है. जिसका नाम अब बिहार सशस्त्र पुलिस कर दिया गया है''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
पुलिस विधेयक पर हंगामा
इससे पहले, बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी दल के सदस्यों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में जमकर हंगामा किया. इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. बिहार विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व ही इस विधेयक के विरोध में सदन के बाहर विपक्षी सदस्यों ने इस कानून को काला कानून बताते हुए विधयेक के विरोध में नारे लगाए.
विपक्ष ने विधेयक की प्रति फाड़ी
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी सदस्यों को बार-बार अपने स्थान पर जाकर अपनी बात कहने का अनुरोध करते रहे, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा. इसके बाद 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 12 बजे जब कार्यवाही प्रारंभ हुई तब भी विपक्ष के सदस्य फिर हंगामा करने लगे. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने विधेयक की कॉपी फाड़ दी. इसके बाद एकबार फिर सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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तेजस्वी ने बताया काला कानून
भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही प्रारंभ की गई तो विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव भी सदन में पहुंचे. उन्होंने इस विधेयक को काला कानून बताते हुए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. इस बीच सदन में विपक्ष के सदस्यों ने एकबार फिर हंगामा प्रारंभ कर दिया. अध्यक्ष विपक्षी सदस्यों को शांत कराते रहे, लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ. अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी.
शाम में सदन का माहौल गरम
शहर में हुए इस हंगामे और पुलिस की कार्रवाई से विपक्षी दल सदन में आक्रोशित दिखे. विधानसभा में पुलिस बिल के विरोध में विपक्षी दलों ने दोपहर से ही हंगामा करना शुरू कर दिया था. विपक्षी दलों के सदस्यों ने तीन बजे से पहले वेल में पहुंच कर जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी थी. जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन स्थगित होने के बाद भी विपक्ष के कई सदस्य टेबल पर चढ़कर हंगामा करते रहे और नारेबाजी की. सदन के अंदर तो विपक्ष के नेता हंगामा कर ही रहे हैं, सदन के बाहर भी कुछ वैसा ही माहौल बना रहा.
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स्पीकर को चेंबर में बनाया 'बंधक'
तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से निकलने ही नहीं दिया. सदन के बाहर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष को एसएसपी की मौजूदगी में चेंबर से बाहर निकाला गया. इस मामले को लेकर विपक्षी दलों के नेता और पुलिसकर्मी भिड़ गए. जिसमें कई लोग घायल हो गए. कई विधायकों को तो गंभीर चोट भी आई.