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हड़ताल पर हैं पीएमसीएच के डॉक्टर्स, ओपीडी और सामान्य सर्जरी की सेवा ठप

आयुष चिकित्सकों को मिले सर्जरी के अधिकार के विरोध में शुक्रवार के दिन एलोपैथिक चिकित्सकों का एक दिवसीय कार्य बहिष्कार है. ऐसे में राजधानी पटना के प्रतिष्ठित पीएमसीएच में ओपीडी सेवाएं और सामान्य सर्जरी पूरी तरह से बंद है.

pmch doctors strike
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Published : Dec 11, 2020, 5:03 PM IST

पटना: पीएमसीएच में ओपीडी सेवा बंद कराने पहुंचे आईएमए से जुड़े एलोपैथिक डॉक्टरों ने कहा कि वह आयुर्वेद के खिलाफ नहीं है. मगर मिक्सोपैथी का वह विरोध करते हैं. पीएमसीएच आईएमए के सेक्रेटरी डॉ सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि सरकार ने एक दिन में फरमान जारी करके आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दे दिया जबकि आयुर्वेद चिकित्सकों की सर्जरी लायक अभी प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं हुई है.

हड़ताल पर पीएमसीएच के डॉक्टर
डॉक्टर आज एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस तरीके से बिना प्रॉपर ट्रेनिंग के आयुष चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिया जाता है तो मेडिकल में अराजकता पैदा हो जाएगी और मरीजों का खर्च भी बढ़ जाएगा.

'एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद ट्रेनिंग करने के बावजूद डॉक्टरों को सर्जरी की इजाजत नहीं मिलती और उन्हें स्पेशलाइजेशन करना पड़ता है. आयुर्वेद चिकित्सकों को प्रदेश में कागज पर ही डिग्री मिलती है. उनकी प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होती. ऐसे में केंद्र सरकार का यह फैसला जनहित में नहीं है.' - डॉ सच्चिदानंद सिंह, पीएमसीएच आईएमए के सेक्रेटरी

हड़ताल पर पीएमसीएच के डॉक्टर

'आयुर्वेदिक कॉलेजों में सिर्फ कागज पर ही डिग्री'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अधिकारी और पटना के प्रतिष्ठित डॉक्टर अमरकांत झा अमर ने कहा कि एलोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में जिस प्रकार से मेडिकल की पढ़ाई कराई जाती है 5 साल एमबीबीएस फिर अलग से इंटर्नशिप फिर पीजी उस प्रकार से आयुर्वेदिक कॉलेजों में नहीं कराई जाती.

  • आयुर्वेदिक कॉलेजों में संसाधन की भारी कमी है और वहां सिर्फ कागज पर ही डिग्री दी जाती है.
  • आयुर्वेद कॉलेज जाने पर पता चलता है कि वहां वर्षों से सर्जरी की डिग्री दी जा रही है मगर कोई प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर मौजूद नहीं है.
  • सर्जरी शत प्रतिशत ट्रेनिंग की है मगर वर्तमान समय में आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिलती है.
  • भारत काफी बड़ा मेडिकल टूरिस्ट प्लेस है और यहां कई देशों से लोग इलाज कराने आते हैं और अगर मिक्सोपैथी को इस प्रकार से बिना प्रॉपर ट्रेनिंग के बढ़ावा दिया जाता है तो इससे दुनिया में चिकित्सा जगत में भारत की छवि को नुकसान होगा.

    'आईएमए के कॉल पर एसोसिएशन एक दिवसीय कार्य बहिष्कार पर है और ओपीडी और जनरल सर्जरी पूरी तरह से बंद है. अस्पताल में इमरजेंसी कार्य और कोरोना से जुड़े हुए कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं. आयुर्वेद का विरोध नहीं करते हैं मगर एक ही व्यक्ति को कई प्रकार के कार्य करने की जो इजाजत दी गई है इसका विरोध करते हैं.' - डॉक्टर हरेंद्र, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष, पीएमसीएच

पटना: पीएमसीएच में ओपीडी सेवा बंद कराने पहुंचे आईएमए से जुड़े एलोपैथिक डॉक्टरों ने कहा कि वह आयुर्वेद के खिलाफ नहीं है. मगर मिक्सोपैथी का वह विरोध करते हैं. पीएमसीएच आईएमए के सेक्रेटरी डॉ सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि सरकार ने एक दिन में फरमान जारी करके आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दे दिया जबकि आयुर्वेद चिकित्सकों की सर्जरी लायक अभी प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं हुई है.

हड़ताल पर पीएमसीएच के डॉक्टर
डॉक्टर आज एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस तरीके से बिना प्रॉपर ट्रेनिंग के आयुष चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिया जाता है तो मेडिकल में अराजकता पैदा हो जाएगी और मरीजों का खर्च भी बढ़ जाएगा.

'एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद ट्रेनिंग करने के बावजूद डॉक्टरों को सर्जरी की इजाजत नहीं मिलती और उन्हें स्पेशलाइजेशन करना पड़ता है. आयुर्वेद चिकित्सकों को प्रदेश में कागज पर ही डिग्री मिलती है. उनकी प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होती. ऐसे में केंद्र सरकार का यह फैसला जनहित में नहीं है.' - डॉ सच्चिदानंद सिंह, पीएमसीएच आईएमए के सेक्रेटरी

हड़ताल पर पीएमसीएच के डॉक्टर

'आयुर्वेदिक कॉलेजों में सिर्फ कागज पर ही डिग्री'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अधिकारी और पटना के प्रतिष्ठित डॉक्टर अमरकांत झा अमर ने कहा कि एलोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में जिस प्रकार से मेडिकल की पढ़ाई कराई जाती है 5 साल एमबीबीएस फिर अलग से इंटर्नशिप फिर पीजी उस प्रकार से आयुर्वेदिक कॉलेजों में नहीं कराई जाती.

  • आयुर्वेदिक कॉलेजों में संसाधन की भारी कमी है और वहां सिर्फ कागज पर ही डिग्री दी जाती है.
  • आयुर्वेद कॉलेज जाने पर पता चलता है कि वहां वर्षों से सर्जरी की डिग्री दी जा रही है मगर कोई प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर मौजूद नहीं है.
  • सर्जरी शत प्रतिशत ट्रेनिंग की है मगर वर्तमान समय में आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिलती है.
  • भारत काफी बड़ा मेडिकल टूरिस्ट प्लेस है और यहां कई देशों से लोग इलाज कराने आते हैं और अगर मिक्सोपैथी को इस प्रकार से बिना प्रॉपर ट्रेनिंग के बढ़ावा दिया जाता है तो इससे दुनिया में चिकित्सा जगत में भारत की छवि को नुकसान होगा.

    'आईएमए के कॉल पर एसोसिएशन एक दिवसीय कार्य बहिष्कार पर है और ओपीडी और जनरल सर्जरी पूरी तरह से बंद है. अस्पताल में इमरजेंसी कार्य और कोरोना से जुड़े हुए कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं. आयुर्वेद का विरोध नहीं करते हैं मगर एक ही व्यक्ति को कई प्रकार के कार्य करने की जो इजाजत दी गई है इसका विरोध करते हैं.' - डॉक्टर हरेंद्र, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष, पीएमसीएच
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