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पटना को प्लास्टिक कचरे से मिलेगा छुटकारा, नगर निगम UNDP के साथ मिलकर कचरे का कर रहा निपटारा - UNDP

पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता चौहान ने बताया कि गर्दनिबाग में स्वच्छता केन्द्र की स्थापना की गई है. नगर निगम द्वारा यूएनडीपी के साथ करार किया गया है. जिसके अन्तर्गत उस संस्थान के द्वारा जितने भी प्लास्टिक कचरे होते है. उनका निष्पादन किया जाता है.

पटना
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Published : Aug 25, 2020, 7:21 PM IST

पटना: राजधानी पटना के लिए वर्षो से मुसीबत बनी प्लास्टिक के कचरे का निपटारा अब शुरू हो गया है. नगर निगम और यूएनडीपी साथ मिलकर वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पीएमसी, एचसीसीबी, यूएनडीपी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत कूड़ा डंपिंग यार्ड से हर रोज सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कलेक्ट किया जा रहा है.

वहीं सूखे कचरे को रीसाइक्लिंग पॉइंट पर 3 तरीके से प्रोसेस भी किया जा रहा है. निगम और यूएनडीपी प्लास्टिक कचरे को रिसाइक्लिंग करके घरों में यूज करने लायक अनेकों तरह के समान बनाकर बजारों में बेचने की तैयारी भी कर रहा है.

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प्लास्टिक रिसाइक्लिंग मशीन

यूएनडीपी के कर्मचारी कचरे को करते हैं अलग
दरअसल, पटना नगर निगम के तीन अंचलों से गाड़ी घरों से जो कचरा कलेक्ट कर जीपीओ के पास बने बकरी मार्केट कूड़ा डंपिंग यार्ड में डंप करती है. उसके बाद यूएनडीपी के कर्मचारी वहां से सुखे और गिले कचरे को अलग करते हैं. फिर रीसाइक्लिंग के लिए गर्दनीबाग स्थित सेकेंडरी प्वाइंट में भेज देते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यूएनडीपी के कर्मचारियों की माने तो यहां पर प्रतिदिन 1.2 से 1.5 टन प्लास्टिक कलेक्ट किया जा रहा है.

प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया और बनने वाले सामान

  • प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग करने वाले कर्मचारी ने बताया कि कलेक्ट किए गए प्लास्टिक की पहले क्लीनिंग की जाती है.
  • उसके बाद तीन प्रोसेस में उसका इस्तेमाल होता है.
  • पहले स्टेज में उसे गट्टे के रूप में मशीन द्वारा बनाया जाता है.
  • गट्टे का इस्तेमाल पीवीसी पाइप के लिए किया जाता है.
  • वहीं दूसरे स्टेज में वह सड़कों में इस्तेमाल होने वाली चकोर मेटेरियल के रूप में निकलता है.
  • तीसरे स्टेज में प्लास्टिक को मेल्ट कर लम्स बनाया जाता है.
  • 3 तरीके से प्लास्टिक को रिसाइकिलिंग करके रीसाइकलिंग सेंटर में बॉटल्स को बांटिंग मशीन से क्रश किया जाता है.
  • हार्ड प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में कट किया जाता है.
  • इसके अलावा घरों में यूज होने वाले कुछ सामान भी बनाये जाते हैं.
  • बच्चों को खेलने के लिए खिलौने भी बनाये जाते हैं.
    patna
    UNDP प्लास्टिक कचरे का कर रहा निपटारा

कुल 42.45 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का किया जा चुका है रिसाइक्लिंग
प्लास्टिक कचरे का हो रहे रिसाइक्लिंग को लेकर पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता चौहान ने बताया कि गर्दनिबाग में स्वच्छता केन्द्र की स्थापना की गई है. नगर निगम द्वारा यूएनडीपी के साथ करार किया गया है. जिसके अन्तर्गत उस संस्थान के द्वारा जितने भी प्लास्टिक कचरे होते है. उनका निष्पादन किया जाता है.

बता दें कि इस कार्य में कुल 412 कर्मचारियों को लगाया गया है. जिसमे 236 महिला कर्मचारी और 176 पुरुष कर्मचारियों को रखा गया है.

अभी तक कुल 42.45 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का रिसाइक्लिंग किया जा चुका है.

पटना: राजधानी पटना के लिए वर्षो से मुसीबत बनी प्लास्टिक के कचरे का निपटारा अब शुरू हो गया है. नगर निगम और यूएनडीपी साथ मिलकर वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पीएमसी, एचसीसीबी, यूएनडीपी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत कूड़ा डंपिंग यार्ड से हर रोज सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कलेक्ट किया जा रहा है.

वहीं सूखे कचरे को रीसाइक्लिंग पॉइंट पर 3 तरीके से प्रोसेस भी किया जा रहा है. निगम और यूएनडीपी प्लास्टिक कचरे को रिसाइक्लिंग करके घरों में यूज करने लायक अनेकों तरह के समान बनाकर बजारों में बेचने की तैयारी भी कर रहा है.

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प्लास्टिक रिसाइक्लिंग मशीन

यूएनडीपी के कर्मचारी कचरे को करते हैं अलग
दरअसल, पटना नगर निगम के तीन अंचलों से गाड़ी घरों से जो कचरा कलेक्ट कर जीपीओ के पास बने बकरी मार्केट कूड़ा डंपिंग यार्ड में डंप करती है. उसके बाद यूएनडीपी के कर्मचारी वहां से सुखे और गिले कचरे को अलग करते हैं. फिर रीसाइक्लिंग के लिए गर्दनीबाग स्थित सेकेंडरी प्वाइंट में भेज देते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यूएनडीपी के कर्मचारियों की माने तो यहां पर प्रतिदिन 1.2 से 1.5 टन प्लास्टिक कलेक्ट किया जा रहा है.

प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया और बनने वाले सामान

  • प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग करने वाले कर्मचारी ने बताया कि कलेक्ट किए गए प्लास्टिक की पहले क्लीनिंग की जाती है.
  • उसके बाद तीन प्रोसेस में उसका इस्तेमाल होता है.
  • पहले स्टेज में उसे गट्टे के रूप में मशीन द्वारा बनाया जाता है.
  • गट्टे का इस्तेमाल पीवीसी पाइप के लिए किया जाता है.
  • वहीं दूसरे स्टेज में वह सड़कों में इस्तेमाल होने वाली चकोर मेटेरियल के रूप में निकलता है.
  • तीसरे स्टेज में प्लास्टिक को मेल्ट कर लम्स बनाया जाता है.
  • 3 तरीके से प्लास्टिक को रिसाइकिलिंग करके रीसाइकलिंग सेंटर में बॉटल्स को बांटिंग मशीन से क्रश किया जाता है.
  • हार्ड प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में कट किया जाता है.
  • इसके अलावा घरों में यूज होने वाले कुछ सामान भी बनाये जाते हैं.
  • बच्चों को खेलने के लिए खिलौने भी बनाये जाते हैं.
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    UNDP प्लास्टिक कचरे का कर रहा निपटारा

कुल 42.45 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का किया जा चुका है रिसाइक्लिंग
प्लास्टिक कचरे का हो रहे रिसाइक्लिंग को लेकर पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता चौहान ने बताया कि गर्दनिबाग में स्वच्छता केन्द्र की स्थापना की गई है. नगर निगम द्वारा यूएनडीपी के साथ करार किया गया है. जिसके अन्तर्गत उस संस्थान के द्वारा जितने भी प्लास्टिक कचरे होते है. उनका निष्पादन किया जाता है.

बता दें कि इस कार्य में कुल 412 कर्मचारियों को लगाया गया है. जिसमे 236 महिला कर्मचारी और 176 पुरुष कर्मचारियों को रखा गया है.

अभी तक कुल 42.45 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का रिसाइक्लिंग किया जा चुका है.

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