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वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक, कहा- हमने विलक्षण प्रतिभा को खो दिया

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जाहिर किया. पीएम ने ट्वीट कर कहा कि उनके निधन की खबर सुन अत्यंत दुख हुआ.

PM नरेंद्र मोदी
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Published : Nov 14, 2019, 7:03 PM IST

पटनाः देश के जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का राजधानी के पीएमसीएच में निधन हो गया. वो लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित थे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा- 'गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ. उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है. विनम्र श्रद्धांजलि!'

  • गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ। उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है। विनम्र श्रद्धांजलि!

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पार्थिव शरीर का किया गया राजकीय सम्मान
महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का गुरुवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण के पार्थिव शरीर को पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में रखा गया था. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके प्रशंसकों ने उनके आखिरी दर्शन किए और पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया.

यह भी पढ़ेः राजकीय सम्मान के साथ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर भेजा गया उनके गांव

गुमनामी में बीत गया जीवन
बता दें कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के जीवन का आधा से ज्यादा हिस्सा गुमनामी में ही गुजर गया. वो 1972 में नासा से हमेशा के लिए भारत आ गए और आईआईटी कानपुर के लेक्चरर बने. 5 वर्षों के बाद वो अचानक सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित हो गए. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बेहतर इलाज नहीं होने के कारण वो वहां से भाग गए. 1992 में उन्हें सीवान में एक पेड़ के नीचे बैठे देखा गया. ऐसा माना जाता है कि सरकार से भी जो उन्हें मदद और सम्मान मिलनी चाहिए थी, वो कभी नसीब नहीं हो सका.

पटनाः देश के जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का राजधानी के पीएमसीएच में निधन हो गया. वो लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित थे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा- 'गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ. उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है. विनम्र श्रद्धांजलि!'

  • गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ। उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है। विनम्र श्रद्धांजलि!

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पार्थिव शरीर का किया गया राजकीय सम्मान
महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का गुरुवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण के पार्थिव शरीर को पटना के अशोक राजपथ स्थित कुलड़िया पैलेस में रखा गया था. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके प्रशंसकों ने उनके आखिरी दर्शन किए और पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव भेज दिया गया.

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गुमनामी में बीत गया जीवन
बता दें कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के जीवन का आधा से ज्यादा हिस्सा गुमनामी में ही गुजर गया. वो 1972 में नासा से हमेशा के लिए भारत आ गए और आईआईटी कानपुर के लेक्चरर बने. 5 वर्षों के बाद वो अचानक सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित हो गए. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बेहतर इलाज नहीं होने के कारण वो वहां से भाग गए. 1992 में उन्हें सीवान में एक पेड़ के नीचे बैठे देखा गया. ऐसा माना जाता है कि सरकार से भी जो उन्हें मदद और सम्मान मिलनी चाहिए थी, वो कभी नसीब नहीं हो सका.

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