पटना: केंद्र सरकार की ओर से देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं. जिसमें पटना का भी चयन हुआ है और योजनाएं भी बनकर तैयार हैं. लेकिन निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों में सुस्ती की वजह से सभी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई है. इस पर ना तो अधिकारी कुछ बोलने को तैयार हैं और ना ही कोई स्थानीय जनप्रतिनिधि.
शहर को स्मार्ट बनाने की लिए चलाई जा रही योजनाएं कागजों तक ही सीमित है. गांधी मैदान में मेगा स्क्रीन और अदालतगंज में तालाब बनाने का काम छोड़ अब तक कोई भी योजना धरातल पर नहीं दिखता है. पटना जंक्शन से गांधी मैदान के इलाके को स्मार्ट बनाना है. इन इलाकों में योजनाओं का चयन भी किया गया है, लेकिन दो योजना छोड़कर किसी भी योजना पर काम होता दिख नहीं रहा है.
पटना जंक्शन स्थित बकरी बाजार में जहां मॉल-कंपलेक्स बनाना था. वहां कूड़े का ढेर जमा होने लगा था. मीडिया में खबर आने के बाद निगम वहां से कूड़ा पॉइंट को दूसरी जगह शिफ्ट किया. लेकिन वहां मॉल-कंपलेक्स का काम अभी भी शुरू नहीं हुआ है. स्वच्छता के नाम पर पटना अभी भी कई शहरों से पीछे है. शहर में बड़े सब्जी मंडियों के आसपास कचरा जाम रहता है. गली मोहल्ले में भी खाली पड़ी जमीन पर कूड़े का ढेर जमा हो रहा है. चौक-चौराहे पर बने गोलंबर के पास भी गंदगी देखने को मिल जाती है. ऐसे में बड़े शहरों की तरह पटना शहर को सुंदर दिखने में अभी भी बहुत काम करना बाकी है.
मॉडल सड़क नहीं बना वीरचंद पथ
स्मार्ट सिटी द्वारा वीरचंद पटेल पथ को मॉडल सड़क के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. लगभग 34 करोड़ की लागत से इस सड़क के सौंदर्यीकरण का काम होना है. सड़क के किनारे दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट लगानी है. साथ ही बगल में हरे भरे पेड़-पौधों के साथ घास भी उगानी है. लेकिन स्ट्रीट लाइट लगता हुआ तो दिख रहा है लेकिन बाकी काम अभी भी पेंडिंग ही पड़े हुए हैं.
दो बड़े नालों पर सड़क बनाने की योजना भी ठंडे बस्ते में
स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के दो बड़े नालों को ढक कर उस पर सड़क बनाने की योजना बनाई गई थी. जिसमें मंत्री नाला और बाकरगंज नाले का चयन किया गया था. लगभग 65 करोड की लागत से इन नालों पर सड़क बनाने की योजना है. लेकिन इस योजना पर भी काम शुरू नहीं हुआ है. यदि इन नालों पर सड़क बनकर तैयार हो जाएगा तो बेली रोड और कदम कुआं इलाके में जाम की समस्या से निपटा जा सकता है.
अधर में जन सेवा केंद्र बनाने की योजना
शहर वासियों को विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक छत के नीचे जन सेवा केंद्र खोलने की योजना बनाई गई थी. स्मार्ट सिटी के तहत 28 जन सेवा केंद्र पूरे पटना में बनाने हैं. लेकिन अभी तक मात्र 9 जन सेवा केंद्र का निर्माण हो पाया है. वहां भी आवश्यकता उपकरण सेटअप लगने में लगभग महीनों लग सकते हैं.
इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर का शिलान्यास तो हुआ लेकिन कूड़ा-कचरा उठाव के लिए घरों में लगने बाले क्यू आर कोड अभी तक नहीं लगा है. जिस कारण कूड़ा उठाने की गाड़ी पहुंची या नहीं यह पता नहीं चलता है. बता दें कि मल्टीलेबल पार्किग के लिए 10 करोड़, हैप्पी स्ट्रीट के लिए 7 करोड़ और फुट ओवर ब्रिज के लिए लगभग 5 करोड़ की राशि जारी की गई है. मगर अभी काम कुछ दिख नहीं रहा है. स्टेशन के पास बकरी बाजार से सैकड़ों दुकानदारों को उजाड़ कर मल्टीलेवल पार्किंग और मॉल बनाना था. इसका निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. इसके लिए लगभग 216 करोड़ की राशि खर्च होनी है.