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'लोअर कोर्ट में वकीलों को बैठने की सुविधाओं के लिए राज्य सरकार क्या रही है', पटना हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

PIL for lawyers facilities: राज्य में वकीलों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. इतना ही नहीं वकील बुनियादी सुविधाओं के अभाव में काम करने को मजबूर हैं. इसको लेकर वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई की. पढ़ें, विस्तार से सुनवाई के बाद कोर्ट ने क्या निर्देश दिये.

पटना हाई कोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 1, 2023, 4:44 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

13 स्थानों के लिए टेंडर जारीः पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि 13 स्थानों के लिए वकीलों के लिए भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. बाकी अन्य जिलों में भी कार्यवाही चल रही है.


अधिकारियों को निर्देशः पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने भूमि उपलब्धता से सम्बंधित मामले पर राज्य के विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी बताने को कहा था कि राज्य के 38 जिलों में से कितने जिलों में वकीलों के भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारियों ने भूमि चिह्नित कर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी कर ली है.

बुनियादी सुविधाओं का अभावः वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण भवन निर्माण विभाग करे, तो काम तेजी से हो सकेगा. ठेकेदारी के काम में बिलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगा. याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य की अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है. अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है, लेकिन उनके लिए ना तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और ना कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध है.


इसे भी पढ़ेंः Patna High Court : बिहार में फार्मासिस्ट के मुद्दे पर 11 दिसम्बर को अगली सुनवाई

इसे भी पढ़ेंः Patna High Court: आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का मामला, 15 दिसंबर को अगली सुनवाई

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

13 स्थानों के लिए टेंडर जारीः पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि 13 स्थानों के लिए वकीलों के लिए भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. बाकी अन्य जिलों में भी कार्यवाही चल रही है.


अधिकारियों को निर्देशः पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने भूमि उपलब्धता से सम्बंधित मामले पर राज्य के विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी बताने को कहा था कि राज्य के 38 जिलों में से कितने जिलों में वकीलों के भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारियों ने भूमि चिह्नित कर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी कर ली है.

बुनियादी सुविधाओं का अभावः वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण भवन निर्माण विभाग करे, तो काम तेजी से हो सकेगा. ठेकेदारी के काम में बिलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगा. याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य की अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है. अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है, लेकिन उनके लिए ना तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और ना कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध है.


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