पटना/रांचीः RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर मुश्किल में नजर आ रहे हैं. वायरल ऑडियो को लेकर लालू प्रसाद के खिलाफ एक और जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर कर दी गई है.
NIA जांच की मांग
जेल से फोन पर विधायक को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उनुपस्थित रहने को लेकर वायरल ऑडियो के आधार पर जनहित याचिका झारखंड हाईकोर्ट में दायर कर दी है. इसके साथ ही मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग की गयी है.
बिहार में चरम पर सियासत
बता दें कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक ऑडियो को जारी करते हुए सियासी पारा गर्म कर दिया था. इसको लेकर बिहार में सियासत चरम पर है. सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि लालू यादव बिहार की सरकार को अस्थिर करना चाह रहे हैं. एनडीए के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि इस मामले पर विपक्षी नेताओं का कहना था कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. राबड़ी देवी ने तो यहां तक कहा दिया कि सुशील मोदी के पास इसके सिवा कोई काम ही नहीं है.
लालू पर लगाए कई आरोप
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि लालू प्रसाद की ओर से जेल से फोन पर विधायक को पाला बदलने के लिए कहने वाले वायरल ऑडियो को आधार बनाया गया है. साथ ही राज्य के अन्य अपराधियों की ओर से जेल से धड़ल्ले रंगदारी मांगने, वसूली करने, उगाही करने का भी जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है. साथ ही याचिका के माध्यम से मामले जेल मैनुअल उल्लंघन करने के मामले का एनआईए से जांच कराने की मांग की है.
जेल मैनुअल का उल्लंघन मामले की सुनवाई लंबित
लालू प्रसाद की ओर से जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के मामले में पूर्व से भी झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. उस याचिका पर अभी तक सुनवाई नहीं हो पाई है. सुनवाई के लिए वह लंबित है.
जेल से राजनीति करने का पहले भी लगे हैं आरोप
पूर्व के याचिका में लालू प्रसाद पर जेल से राजनीति करने और बिहार चुनाव की रणनीति बनाने का आरोप लगाया गया था. उस याचिका में कहा गया है कि, बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव की रणनीति के लिए जेल मैनुअल का धज्जी उड़ाते हुए आए दिन कई लोगों से मुलाकात करते रहे हैं, स्थानीय समाचार में भी जेल उल्लंघन का मामला सामने आया है.