पटना: गर्मी में होने वाली पानी की समस्या को अभी से दूर करने में पीएचईडी विभाग जुट गया है. इसके लिए लगातार समीक्षा बैठक की जा रही है. 2019 में प्रदेश के कई गांव, कस्बों में पानी को लेकर लोग त्राहिमाम कर रहे थे. लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा था. इन्हीं परेशानियों को दूर करने में पीएचडी विभाग जुटा हुआ है.
पानी की समस्या पर समीक्षा बैठक
दोबारा फिर से गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत ना हो इसे लेकर विभाग तैयारी कर रहा है. पीएचईडी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि प्रदेश में बंद और खराब चापाकलों का सर्वेक्षण कराया गया था. जिसमें यह पाया गया कि लगभग लाखों हैंड पंप ऐसे हैं जो पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. ऐसे में विभाग की तरफ से यह आदेश दिया गया है की गर्मी के मौसम आने से पहले ही बंद चापाकल को ठीक कराया जाएगा.
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'जो चापाकल पूरी तरह से खराब हो चुके हैं उसे छोड़कर उसके लिए विभाग समीक्षा करके दूसरा चापाकल लगवाने की व्यवस्था करेगा. विभाग के पास लगभग सात लाख चापाकल है. उसमें से लाखों चापाकल की स्थिति दयनीय है. जिसको ठीक करवाने में विभाग को अधिक पैसा लगेगा. इसलिए विभाग उसके बदले दूसरा चापाकल आने वाले दिनों में लगायेगा.'- रामप्रीत पासवान, पीएचईडी मंत्री, बिहार सरकार
कई जिले नल जल योजना से वंचित
विधानसभा चुनाव में नल जल योजना को लेकर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने खूब वाहवाही लूटी. लेकिन हकीकत तो यही है कि बिहार के आज भी कई जिले नल जल योजना से वंचित हैं. लेकिन इस बार विभाग में नए मंत्री के रूप में रामप्रीत पासवान ने शपथ ली है. और उनका यह दावा है कि विभाग में लापरवाह ठेकेदार हो या विभाग के कर्मचारी कोताही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
जल संचय पर सरकार कर रही काम
राज्य के पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि इस साल प्रदेश के कई जिलों में लोगों को बाढ़ जैसी विभीषिका झेलनी पड़ी है. लेकिन बाढ़ और बारिश से भू-जलस्तर बरकरार रहता है. वाटर लेबल इस साल डाउन होने की संभावना कम होगी और सरकार भी जल संचय की ओर काम कर रही. किस तरह से नदी पोखर कुआं का जल बरकरार रहे इसके लिए विभाग कोशिश कर रहा है.