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मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर फार्मासिस्टों का धरना, बोले- परिवार चलाने में हो रही दिक्कत

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Published : Nov 28, 2022, 6:48 PM IST

फार्मासिस्टों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को (Pharmacists protest in Patna) लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया. सरकार से मांग किया कि उनकी मानदेय राशि को बढ़ा दी जाए. फार्मासिस्टों ने कहा कि जो मानदेय हम लोगों को दिया जा रहा है उससे गुजर बसर करने में काफी समस्या हो रही है . पढ़ें पूरी खबर...

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर फार्मासिस्टों ने किया  धरना
मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर फार्मासिस्टों ने किया धरना

पटना : बिहार के पटना में फार्मासिस्टों ने मानदेय बढ़ाने को लेकर (Demonstration to increase the honorarium of pharmacists) गर्दनीबाग धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया. बिहार के चलंत स्वास्थ्य दल में काम कर रहे फार्मासिस्टों ने सरकार से मांग किया कि उनकी मानदेय राशि को बढ़ा दी जाए. फार्मासिस्ट का कहना है कि वर्ष 2015 में उनकी नियुक्ति हुई थी. लगातार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार हमारी मानदेय को नहीं बढ़ा रही है. हम लोग इस मांग को लेकर धरना और प्रदर्शन करने पर मजबूर है.

ये भी पढ़ें : हर हफ्ते JDU दफ्तर में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे CM नीतीश, जानें वजह

फार्मासिस्टों ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया

परिवार का नहीं हो रहा है गुजर बसर : मुंगेर से आए फार्मासिस्ट संतोष कुमार का कहना है कि हमलोग परिवार वाले हैं. जो मानदेय हम लोगों को दिया जा रहा है उससे गुजर बसर करने में काफी समस्या हो रही है. हम लोगों के बाद जो लोग फार्मासिस्ट के रूप में काम कर रहे है. उन्हें सरकार 37 हजार रुपए दे रही है. एक ही राज्य में दोहरी नीति चल रही है. स्वास्थ्य विभाग से हम लोग गुहार लगाते लगाते थक गए है. अब धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है.

मनमानी के खिलाफ आंदोलन करेंगे: समस्तीपुर से आए साजिद मोहम्मद का कहना है की हम लोग भी बिहार एसएससी द्वारा चयनित होकर नौकरी में आए हैं. अभी तक सरकार हमें मानदेय के रूप में मात्र 16000 रुपए ही देती है जो की अन्याय है. मुख्यमंत्री तक हम लोग गुहार लगाकर थक गए है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. धरना पर बैठे हैं अगर मांग नहीं मानी जाएगी तो पूरे बिहार में हम लोग स्वास्थ्य विभाग के मनमानी के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

ये भी पढ़ें : बिहार बोर्ड में कक्षा 6 से लेकर 10वीं तक कंप्यूटर विषय अनिवार्य करने को लेकर पटना में मानव श्रृंखला

"वर्ष 2015 से हम लोग बिहार के विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे हैं. चलंत स्वास्थ्य दल में फार्मासिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं. चाहे वह विद्यालय हो चाहे वह सरकारी कार्यालय. जहां भी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होती है, वहां हम लोग जाते हैं और कार्य करते है. फिर भी हम लोगों का मानदेय आजतक नहीं बढ़ाया गया." -राजीव कुमार सिन्हा,अध्यक्ष, बिहार राज्य फार्मेसिस्ट कर्मचारी संघ

पटना : बिहार के पटना में फार्मासिस्टों ने मानदेय बढ़ाने को लेकर (Demonstration to increase the honorarium of pharmacists) गर्दनीबाग धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया. बिहार के चलंत स्वास्थ्य दल में काम कर रहे फार्मासिस्टों ने सरकार से मांग किया कि उनकी मानदेय राशि को बढ़ा दी जाए. फार्मासिस्ट का कहना है कि वर्ष 2015 में उनकी नियुक्ति हुई थी. लगातार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार हमारी मानदेय को नहीं बढ़ा रही है. हम लोग इस मांग को लेकर धरना और प्रदर्शन करने पर मजबूर है.

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फार्मासिस्टों ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया

परिवार का नहीं हो रहा है गुजर बसर : मुंगेर से आए फार्मासिस्ट संतोष कुमार का कहना है कि हमलोग परिवार वाले हैं. जो मानदेय हम लोगों को दिया जा रहा है उससे गुजर बसर करने में काफी समस्या हो रही है. हम लोगों के बाद जो लोग फार्मासिस्ट के रूप में काम कर रहे है. उन्हें सरकार 37 हजार रुपए दे रही है. एक ही राज्य में दोहरी नीति चल रही है. स्वास्थ्य विभाग से हम लोग गुहार लगाते लगाते थक गए है. अब धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है.

मनमानी के खिलाफ आंदोलन करेंगे: समस्तीपुर से आए साजिद मोहम्मद का कहना है की हम लोग भी बिहार एसएससी द्वारा चयनित होकर नौकरी में आए हैं. अभी तक सरकार हमें मानदेय के रूप में मात्र 16000 रुपए ही देती है जो की अन्याय है. मुख्यमंत्री तक हम लोग गुहार लगाकर थक गए है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. धरना पर बैठे हैं अगर मांग नहीं मानी जाएगी तो पूरे बिहार में हम लोग स्वास्थ्य विभाग के मनमानी के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

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"वर्ष 2015 से हम लोग बिहार के विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे हैं. चलंत स्वास्थ्य दल में फार्मासिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं. चाहे वह विद्यालय हो चाहे वह सरकारी कार्यालय. जहां भी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होती है, वहां हम लोग जाते हैं और कार्य करते है. फिर भी हम लोगों का मानदेय आजतक नहीं बढ़ाया गया." -राजीव कुमार सिन्हा,अध्यक्ष, बिहार राज्य फार्मेसिस्ट कर्मचारी संघ

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