पटना: बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती है. अशोक चौधरी के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. उन पर आरोप लगाया गया है कि आशोक चौधरी का विधान परिषद का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उसे मंत्री पद पर रखा गया.
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी लंबे समय से किसी सदन का सदस्य नहीं हैं. इसके बावजूद वो मंत्री के पद पर बने हुए हैं. इतना ही नहीं नीतीश कैबिनेट में उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी का मंत्री के रूप में कार्यकाल 6 मई 2020 को खत्म हो गया था. फिर भी वो कैबिनेट में मंत्री पद पर बने रहे.
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कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग
मंत्री अशोक चौधरी के किसी सदन का सदस्य नहीं रहते हुए मंत्री पद पर बने रहने की वजह से संतोष कुमार ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. इसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अशोक चौधरी आज की तारीख में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं लेकिन मंत्री पद पर बने हुए हैं. अशोक चौधरी को मंत्री बनाया जाना संविधान के खिलाफ है. हमने कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.