पटनाः बिहार के पटना में बारिश के बाद गंगा नदी में दो दिनों से बढ़े जलस्तर के कारण लोग अब उंचे स्थान पर शरण ले लेने के लिए मजबूर हैं. नाव से लोग अपने सामान को ऊंचे स्थान पर ले जा रहे हैं. गंगा का पानी कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रु घाट और गांधी घाट की अंतिम सीढ़ी तक पहुंच चुका है. लोग बाढ़ की आशंका से डरे और सहमे हैं और पलायन करने को मजबूर हैं.
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जलस्तर में बढ़ोतरी लोगों की परेशानी: एक पीड़ित महिला कुमकुम देवी ने बताया कि रातोरात पानी बढ़ गया और सब कुछ डूब गया. रात में सोए थे तो सब कुछ ठीक था. अब पानी बढ़ गया है तो कहां जाएं, सड़क किनारे बच्चों के लेकर पड़े हैं. सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है, हर साल यही होता है.
"बाल-बच्चा और मवेशी को लेकर कहां जाएं. फोर लेन पर ही गुजारा करना होगा. हर साल सरकार वादा करती है लेकिन हर साल हम लोगों बाढ़ में घर छोड़कर सड़क रहना पड़ता है. हमलोग के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती. सांप बिच्छू का डर भी बना रहता है"- कुमकुम देवी, स्थानीय
मवेशियों को चारा मिलना भी अब मुश्किल: वहीं, एक पीड़ित ममदन यादव का कहना है कि पिछले 2 दिनों से जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई, है और झोपड़ी डूब गई. अब सड़क पर शरण लिए हुआ हैं. सभी लोगों को डर है कि रात में पानी और बढ़ेगा तो क्या होगा. मवेशियों का चारा भी अब मुश्किल हो जाएगा. किसी तरह गुजर बसर किया जाएगा. सरकार से जो भी राहत मिलती है वो आखिरी वक्त पर मिलती है.
बारिश के कारण बढ़ा गंगा का जलस्तर: आपको बता दें कि पटना में बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. बुधवार को दीघा घाट पर जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को दीघा घाट पर जलस्तर 49 मीटर तक पहुंच गया है, यानी दो दिनों में 2 मीटर की बढ़ोतरी हुई है. दीघा घाट पर खतरे का स्तर 50.45 मीटर है. गांधी घाट गंगा का जलस्तर आज 47.33 मीटर दर्ज किया गया है. दीघा घाट और गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. हालांकि अभी यह खतरे के निशान से नीचे है.