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कुहासे की चादर में लिपटा पटना, प्लास्टिक जलाकर ठंड से बचाव कर रहे लोग - पटनासिटी में ठंड में प्लास्टिक जला रहे लोग

पूरे पटना में लोग इन दिनों ठंड से परेशान हैं. लोगों का कहना है कि जिला प्रसाशन की ओर से आज तक ठंड से बचाव के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हमलोग मजबूर होकर प्लास्टिक जलाकर शरीर गर्म करते हैं.

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प्लास्टिक जलाकर आग सेक रहे लोग
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Published : Jan 21, 2020, 10:09 AM IST

पटनाः एक बार फिर राजधानी का पटनासिटी कुहासे की चादर में लिपट गया है. आसमान की तरह जमीन भी सफेद दिख रही है. सुबह के नौ बजे तक कुहासा छाया हुआ रहा. बढ़ते ठंड से हर कोई परेशान दिखा.

ठिठुर रहे हैं पटनासिटी के लोग
इन दिनों राजधानी पटना में ठंड ने फिर से दस्तक दी है. यानी ठंड के दोबारा वापस आ जाने से पटनावासी पूरी तरह से परेशान हैं. पूरी राजधानी शिमला बन चुकी है. ऐसे में पटनासिटी के लोग भी ठिठुर रहे हैं. ठंड ने गाड़ियों पर ब्रेक लगा दिया है.

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छाया हुआ कुहासा

प्लास्टिक जलाने को मजबूर हैं लोग
सरकार और जिलाप्रसशन का दावा है कि ठंड से बचाव के लिये जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन सच्चाई यह है कि लोग प्लास्टिक जलाने को मजबूर हैं. इस ठंड में प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा चुन कर उसे जलाकर लोग शरीर को गर्म कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः यात्रीगण कृप्या ध्यान दें : 25 ट्रेनों की रफ्तार पर कोहरे ने लगाई ब्रेक, 6 घंटे तक लेट

'ठंड से बचाव के लिये कोई व्यवस्था नहीं'
पटनासिटी के बाईपास इलाके में घर सड़क और खेत-खलिहान सब जगह कुहासे की चादर चढ़ी हुई है. चाय दुकानदार जयराम का कहना कि प्लास्टिक जलाने से पर्यावरण और शरीर दोनों की क्षति है. लेकिन हमलोग मजबूर हैं. जिला प्रसाशन की ओर से आज तक ठंड से बचाव के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हमलोग मजबूर होकर प्लास्टिक जलाकर शरीर गर्म करते हैं.

पटनाः एक बार फिर राजधानी का पटनासिटी कुहासे की चादर में लिपट गया है. आसमान की तरह जमीन भी सफेद दिख रही है. सुबह के नौ बजे तक कुहासा छाया हुआ रहा. बढ़ते ठंड से हर कोई परेशान दिखा.

ठिठुर रहे हैं पटनासिटी के लोग
इन दिनों राजधानी पटना में ठंड ने फिर से दस्तक दी है. यानी ठंड के दोबारा वापस आ जाने से पटनावासी पूरी तरह से परेशान हैं. पूरी राजधानी शिमला बन चुकी है. ऐसे में पटनासिटी के लोग भी ठिठुर रहे हैं. ठंड ने गाड़ियों पर ब्रेक लगा दिया है.

patna
छाया हुआ कुहासा

प्लास्टिक जलाने को मजबूर हैं लोग
सरकार और जिलाप्रसशन का दावा है कि ठंड से बचाव के लिये जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन सच्चाई यह है कि लोग प्लास्टिक जलाने को मजबूर हैं. इस ठंड में प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा चुन कर उसे जलाकर लोग शरीर को गर्म कर रहे हैं.

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'ठंड से बचाव के लिये कोई व्यवस्था नहीं'
पटनासिटी के बाईपास इलाके में घर सड़क और खेत-खलिहान सब जगह कुहासे की चादर चढ़ी हुई है. चाय दुकानदार जयराम का कहना कि प्लास्टिक जलाने से पर्यावरण और शरीर दोनों की क्षति है. लेकिन हमलोग मजबूर हैं. जिला प्रसाशन की ओर से आज तक ठंड से बचाव के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हमलोग मजबूर होकर प्लास्टिक जलाकर शरीर गर्म करते हैं.

Intro:आज सुवह आठ से नौ बजे का समय और कुहासे से कुछ भी नही दिख रहा है चारो ओर कुहासे से लिपटी यह राजधानी सिर्फ आसमान की तरह जमीन भी सफेद दिख रही है बड़ी बड़ी ट्रक और बसे कौन से चादर में समा जा रही है मानो सब जगह एक समान दिख रहा हो चाहे सड़क हो या खेत खलिहान या चाय दुकान और सबसे बड़ा बात देवो के देव महादेव ने भी इस ठंड की ठिठुरन से सारे भक्त उन्हें अकेले छोड़ दिया है बढ़ते ठंड की ठिठुरन से पूरा पटनावासी परेसान है।


Body:स्टोरी:-कुहासे का चादर।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-21-01-2020.
एंकर:-पटनासिटी,इनदिनों राजधानी पटना में फिर से ठंड दस्तक दे चुकी है यानी ठंड का पुनः बापस आ जाने से पटनावासी पूरी तरह से परेसान है।यानी पूरी राजधानी शिमला बन चुकी है चारो ओर राजधानी पटना कुहासे की चादर पूरी तरह से ओढ़ चुकी है।सरसो का खेत हो,या रेलवे लाईन की पटरी या एनएच30 की चौड़ी सड़क पर चलने बाली गाड़िया सभी पर ब्रेक ठंड की ठिठुरन लगा चुकी है।इस ठंड की ठिठुरन से भगवान शंकर भी ठिठुर गये है लेकिन सरकार और जिलाप्रसशन का दावा है कि ठंड की ठिठुरन से बचाव के लिये जगह-जगह अलाव की वेवस्था की जा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि लोग प्लास्टिक जलाने को मजबूर है इस ठंड में प्लास्टिक,कूड़ा-कचरा चुन कर उसे जलाकर लोग शरीर को गर्म कर रहे है।देखिये ईटीवी भारत की सेप्शल रिपोर्ट-
बाईट(जयराम चाय दुकानदार और लक्ष्मी और संजय-स्थानीय)


Conclusion:पटनासिटी का यह बाईपास जँहा पूरी तरह से घर-सड़क,और खेत-खलिहान सब जगह कुहासे की चादर चढ़ी है।चाय दुकानदार जयराम का कहना कि प्लास्टिक जलाने से पर्यावरण और शरीर दोनों की क्षति है लेकिन हमलोग मजबूर है सरकार और जिलाप्रसाशन के अनदेखी के कारण आजतक ठंड से बचाब के लिये कोई वेवस्था नही की गई हमलोग मजबूर होकर प्लास्टिक जलाकर शरीर गर्म करते है और इस आग की लालच से लोग इकट्ठे होकर चाय पीते हैं वही हमारी कमाई है।इस ठंड ने सबको जीना मुहाल कर दिया है गौरतलब है कि इस ठंड की पुनः बापसी से पूरा राजधानी शिमला बन चुका है जँहा पूरी राजधानी कुहासे की चादर ओढ़ चुकी है।
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