पटना: राजधानी पटना में नया साल काफी धूम-धाम से मनाया गया. नए साल के मौके पर लोगों ने कई पुरानी आदत को छोड़ने और कई नई आदत अपनाने का संकल्प लिया है. युवा वर्ग ने पठन-पाठन और अध्यात्म की तरफ बढ़ने का संकल्प लिया है, तो महिलाओं ने फास्ट फूड की आदत छोड़ देसी भोजन को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है. कुल मिलाकर लोग नए वर्ष में पुरानी बुरी आदत को छोड़कर अच्छी आदतों के साथ इस साल का स्वागत कर रहे हैं.
नीट क्वालीफाई करने का लिया संकल्प: युवती आकांक्षा कुमारी ने कहा कि नए साल में वह पहले दिन उन्होंने भगवान के दर्शन किए और संकल्प लिया कि पढ़ाई पर विशेष ध्यान देंगी. वह नीट की तैयारी कर रही हैं और उन्होंने संकल्प लिया है कि इस बार नीट परीक्षा क्वालीफाई कर लेंगी. इसके लिए पढ़ाई में उन्हें अधिक समय देना होगा और संकल्प यही है कि यह परीक्षा उत्तीर्ण कर डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करें.
"नए साल है और इसकी शुरुआत सोमवार से हो रही है ये काफी अच्छी बात है. मैंने सबसे पहले भगवान के दर्शन किए और संकल्प लिया है कि इस साल मैं नीट परीक्षा क्वालीफाई करुंगी. अच्छे से पढ़ाई कर के डॉक्टर बनने का सपना पूरा करुंगी."-आकांक्षा कुमारी, छात्रा
मौबाइल से बनाई दूरी: इस मौके पर युवक राज कुमार ने कहा कि वह यूनिवर्सिटी स्टूडेंट हैं. नए वर्ष पर उन्होंने संकल्प लिया है कि "पुरानी बुरी आदतों को छोड़ना है. मोबाइल में रील्स देखने की आदत लग गई थी. प्रतिदिन 6 से 7 घंटा का समय इसी में बर्बाद हो जाता था." उन्होंने नए वर्ष में संकल्प लिया है कि मोबाइल में रील नहीं देखेंगे और यह समय वह किताबें पढ़ने में लगाएंगे. नए साल में संकल्प है कि मोबाइल का सदुपयोग करेंगे और ज्यादा समय अपनी पढ़ाई पर देंगे.
आध्यात्म से जुड़े लोग: वहीं विनोद नारायण शर्मा ने कहा कि नए साल में उन्होंने संकल्प लिया है कि वह अब आध्यात्म में ध्यान अधिक केंद्रित करेंगे. आध्यात्म की तरफ अपना झुकाव बढ़ाएंगे और धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने में अपना समय व्यतीत करेंगे. पैसा जितना संचय करना था उतना कर लिया है और अब पैसे के पीछे नहीं भाग कर धर्म के पीछे जाएंगे. अपने धर्म को जानेंगे क्योंकि धर्म से ही मुक्ति का रास्ता खुलेगा.
नए साल में फास्ट फूड से की तौबा: युवती अपर्णा ने कहा कि नए साल में उन्होंने संकल्प लिया है कि वह फास्ट फूड से दूर रहेंगी. अपने बच्चों को भी फास्ट फूड से दूर रखेंगी. घर में गेस्ट आएंगे तो बाजार में उपलब्ध सॉफ्ट ड्रिंक के बजाय नींबू पानी और अन्य प्रकार के शरबत से उनका स्वागत करेंगी. बच्चों को पिज्जा, बर्गर इत्यादि से दूर रखेंगी और उन्हें फास्ट फूड से क्या नुकसान है इसे बताएंगी. बच्चों को देसी फूड खाने के लिए प्रेरित करेंगी और घर में ही खुद से विभिन्न प्रकार के देसी डिश तैयार करेंगी. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाले भोजन को बढ़ावा देंगी.
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