पटना: जल संकट और प्रचंड गर्मी से जूझ रहे बिहारवासियों को आखिरकार बारिश ने राहत दे ही दी. राज्य के अलग-अलग जिलों में सुबह से ही आकाश में काले बादल छाए हुए थे. देखते ही देखते हवाओं के साथ हुई बारिश से लोगों के चेहरे खिल उठे हैं.
दरभंगा के ग्रामीण इलाकों में किसानों के लिए तो मानों यह बूंदें दिवाली या होली एक साथ लेकर आई है. लोग अपने घरों से निकलकर कुदरत की सौगात का बाहें फैला कर स्वागत किया. वहीं मानसून की इस पहली बारिश में बच्चे भी बेपरवाह छत पर उछलते हुए नजर आए. इस बारिश से लोगों को उम्मीद है कि सुखे पड़े चापाकल से फिर से पानी निकलेगा.
दरभंगा में गर्मी से लोगों को निजात
बता दें कि जिला प्रशासन ने उमस भरी गर्मी और बढ़ते लू के प्रकोप को देखते हुए धारा 144 लगाया था. जिससे इस भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल सके. मौसम विभाग ने पहले से घोषणा कर दी थी कि 26 जून से मानसून का प्रवेश हो जायेगा और सुबह से ही इसका असर दिखने लगा.
मोतिहारी में मौसम का मिजाज बदला
वहीं दूसरी ओर, मोतिहारी में काफी इंतजार के बाद जिले में अचानक मौसम का मिजाज बदला और तेज आंधी के साथ बारिश हुई. जिले में लोगों ने मॉनसून की बारिश का खूब लुत्फ उठाया. साथ ही दिनोदिन बढ़ रहे एईएस से पीड़ित बच्चों की संख्या को देख चिकित्सक भी बारिश का इंतजार कर रहे थे. ताकि बारिश होने के बाद एईएस का असर खत्म हो सके.
इधर, मॉनसून की इस बारिश से किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं. पटवन नहीं होने के कारण धान के बीज गिराने में पिछड़ रहे किसानों के खेत में इस बारिश से नमी आएगी और किसान धान का बीज गिरा सकेंगे. सीजन में हुई यह बारिश खरीफ फसल को भी लाभ पहुंचाएगी.
सीतामढ़ी में आद्रा नक्षत्र की पहली बारिश
वहीं सीतामढ़ी में कई सप्ताह से लोग भीषण गर्मी से परेशान थे. हीट वेव के कारण कई लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे थे. इसी बीच पहली बारिश ने लोगों को भारी राहत दे दी है. आम जनता इस बारिश से राहत महसूस कर रहे हैं. वहीं किसान भी अपनी धान की फसल को लेकर बेहद प्रसन्न हैं. इस बारिश के बाद किसान खेतों में जाकर धान का बीज लगाने में जुट गए हैं.
इस बारिश से किसानों के खेतों में लगे अन्य फसल मरुआ, गन्ना, मूंग, हरी सब्जी और अन्य बागवानी को भी काफी फायदा हुआ है. वहीं बारिश से पशु-पक्षी और मवेशियों को भी राहत मिली है. वहीं किसान कहीं न कहीं चिंतित भी है कि क्योंकि मौसम विभाग ने कहा था कि बारिश अपने लक्ष्य के अनुपात में इस वर्ष थोड़ी कम होगी.
अदरा का महत्व
अदरा या आर्द्रा का अर्थ होता है नमी. आकाश मंडल में आर्द्रा छठा नक्षत्र है. यह राहु का नक्षत्र है व मिथुन राशि में आता है. यह कई तारों का समूह न होकर केवल एक तारा है. यह आकाश में मणि के समान दिखता है.
माना जाता है अदरा नक्षत्र के आरंभ से बिहार एवं पूर्वी भारत में विशेषकर गर्मी कमने लगती है और बरसात का आरंभ हो जाता है. अदरा नक्षत्र से ही खरीफ फसलों की बुआई का आदर्श समय आरम्भ हो जाता है. इस प्रकार अदरा नक्षत्र एक ओर अपने नाम अनुरूप वातावरण में नमी लाती है तो दूसरी ओर ग्रीष्म उपरांत खेती का काम काज पुनः शुरू हो जाता है.