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सारी कोशिशें नाकाम, यहां सरकारी महकमा ही उड़ा रहा प्रदूषण के नियमों की धज्जियां - Pollution in Bihar National

बिहार में प्रदूषण को लेकर कई तरह के नियम कानून बनाए गए हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से भी कई गाइडलाइंस हैं, जो समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जारी करता है.

बिहार में प्रदूषण
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Published : Oct 31, 2019, 2:45 PM IST

पटना: बिहार में प्रदूषण कम करने की तमाम कोशिशें हो रही हैं, लेकिन सूबे के सरकारी विभाग नियम कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि प्रदूषण कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है. विशेष रूप से वायु प्रदूषण को लेकर गाइडलाइंस की खुलेआम अवहेलना की जा रही है.

बिहार में प्रदूषण को लेकर कई तरह के नियम कानून बनाए गए हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तरफ से भी कई गाइडलाइंस हैं, जो समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जारी करता है. प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सख्त कार्रवाई के भी प्रावधान हैं. बावजूद इसके यहां किसी प्रकार का असर नहीं हो रहा है.

नियम कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां
नियमों के मुताबिक, किसी भी निर्माण कार्य के वक्त ग्रीन कवर अनिवार्य है. अगर कोई निर्माण सामग्री का परिवहन किया जा रहा है तो उसे भी ढक कर करना है. निर्माण कार्य के दौरान विशेष रूप से उस इलाके को कवर्ड रखना है ताकि उससे प्रदूषण का खतरा आम लोगों को ना हो. लेकिन बिहार में विशेष रूप से पटना में जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमें कहीं से भी इस गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया जा रहा है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम ने पटना के सबसे बड़े सड़क प्रोजेक्ट आर ब्लॉक दीघा निर्माण कार्य का जायजा लिया. यहां प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन साफ नजर आया. कहीं से भी ग्रीन कवर नहीं होने के कारण वहां से गुजर रहे वाहन और लोग धूल से परेशान हो रहे थे.

सभी विभागों की होगी बैठक
इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक घोष से बात की तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि जो गाइडलाइंस हैं, उन्हें सरकारी विभाग नहीं मान रहे. इसे लेकर जल्द ही एक बैठक होगी और सभी विभागों को एक बार फिर से नियम कानूनों की जानकारी दी जाएगी.

पटना: बिहार में प्रदूषण कम करने की तमाम कोशिशें हो रही हैं, लेकिन सूबे के सरकारी विभाग नियम कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि प्रदूषण कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है. विशेष रूप से वायु प्रदूषण को लेकर गाइडलाइंस की खुलेआम अवहेलना की जा रही है.

बिहार में प्रदूषण को लेकर कई तरह के नियम कानून बनाए गए हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तरफ से भी कई गाइडलाइंस हैं, जो समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जारी करता है. प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सख्त कार्रवाई के भी प्रावधान हैं. बावजूद इसके यहां किसी प्रकार का असर नहीं हो रहा है.

नियम कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां
नियमों के मुताबिक, किसी भी निर्माण कार्य के वक्त ग्रीन कवर अनिवार्य है. अगर कोई निर्माण सामग्री का परिवहन किया जा रहा है तो उसे भी ढक कर करना है. निर्माण कार्य के दौरान विशेष रूप से उस इलाके को कवर्ड रखना है ताकि उससे प्रदूषण का खतरा आम लोगों को ना हो. लेकिन बिहार में विशेष रूप से पटना में जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमें कहीं से भी इस गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया जा रहा है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम ने पटना के सबसे बड़े सड़क प्रोजेक्ट आर ब्लॉक दीघा निर्माण कार्य का जायजा लिया. यहां प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन साफ नजर आया. कहीं से भी ग्रीन कवर नहीं होने के कारण वहां से गुजर रहे वाहन और लोग धूल से परेशान हो रहे थे.

सभी विभागों की होगी बैठक
इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक घोष से बात की तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि जो गाइडलाइंस हैं, उन्हें सरकारी विभाग नहीं मान रहे. इसे लेकर जल्द ही एक बैठक होगी और सभी विभागों को एक बार फिर से नियम कानूनों की जानकारी दी जाएगी.

Intro:बिहार में प्रदूषण कम करने की तमाम कोशिशें हो रही हैं। लेकिन सूबे के सरकारी विभाग है नियम कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। नतीजा यह है कि प्रदूषण कम होने की वजह बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से वायु प्रदूषण को लेकर गाइडलाइंस की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। पटना से अमित वर्मा की एक खास रिपोर्ट


Body:प्रदूषण को लेकर तमाम तरह के नियम कानून बनाए गए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से भी कई गाइडलाइंस हैं जो समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी की जाती हैंः प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सख्त कार्रवाई के भी प्रावधान हैं।
नियमों के मुताबिक कोई भी निर्माण कार्य के वक्त ग्रीन कवर अनिवार्य है अगर कोई निर्माण सामग्री का परिवहन किया जा रहा है तो उसे भी ढक कर करना है निर्माण कार्य के दौरान विशेष रूप से उस इलाके को कवर्ड रखना है ताकि उससे प्रदूषण का खतरा आम लोगों को ना हो लेकिन बिहार में विशेष रूप से पटना में जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमें कहीं से भी इस गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया जा रहा है। ईटीवी भारत की टीम ने पटना के सबसे बड़े सड़क प्रोजेक्ट आर ब्लॉक दीघा निर्माण कार्य का जायजा लिया तो वहां प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन साफ नजर आया। कहीं से भी ग्रीन कवर नहीं होने के कारण वहां से गुजर रहे वाहन और लोग धूल कण से दो-चार हो रहे थे।
ईटीवी भारत की टीम को भी वहां खड़े रहने में परेशानी हो रही थी क्योंकि मिट्टी और धूल कण के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा था। इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक घोष से बात की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि जो गाइडलाइंस हैं, उन्हें सरकारी विभाग नहीं मान रहे। इसे लेकर जल्द ही एक बैठक होगी और सभी विभागों को एक बार फिर से नियम कानूनों की जानकारी दी जाएगी।


Conclusion:डॉ अशोक कुमार घोष अध्यक्ष, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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